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World No Tobacco Day: तंबाकू के गिरफ्त में छत्तीसगढ़, हर 10 में से 4 आदमी कर रहा सेवन

तंबाकू के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता लाने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस तंबाकू निषेध दिवस को मनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि तंबाखू के चलते 18 प्रकार के कैंसर से लोग पीड़ित हो रहे है. ऐसे में लोगों को तम्बाकू के होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. world no tobacco day

World No Tobacco Day
विश्व तंबाकू निषेध दिवस
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Published : May 31, 2023, 11:29 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

तंबाकू के दुष्परिणामों पर जागरूकता जरूरी

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में तंबाखू उपयोग करने वालों का प्रतिशत 39.1 है. देश में सर्वाधिक तंबाखू खाने वाले छत्तीसगढ़ में हैं. साथ ही 13 से 15 वर्ष के 8 प्रतिशत शाला प्रवेशी बच्चे भी तंबाखू की चपेट में आ चुके हैं. तम्बाखू से प्रदेश को बचाने कोटपा एक्ट 2003 एवं कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) एक्ट 2021 एवं ई सिगरेट प्रतिबंध एक्ट 2019 जैसे प्रावधान हैं. लेकिन इसका असर नहीं दिखता है.

छत्तीसगढ़ में 39 फीसदी लोग करते हैं तंबाखू सेवन: तम्बाखू कैंसर जैसी बेहद खतरनाक बीमारी का प्रमुख कारण बनता है. तंबाखू के दुष्प्रभाव पर रायपुर के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ राजेश मिश्रा कहते हैं कि "जहां तम्बाखू की औसत खपत 28 फीसदी है, वहीं छत्तीसगढ़ में इसकी खपत 3 फीसदी है. मतलब हर 10 में से 4 आदमी किसी न किसी रूप में तम्बाखू का सेवन कर रहा है."

तम्बाकू से होता है 18 प्रकार के कैंसर: डॉ राकेश मिश्रा आगे कहते हैं "तम्बाकू खाने से ज्यादातर केसेस में मुंह का कैंसर होता है. इसके अलावा तंबाखू का जो उपयोग है, ये 18 प्रकार के कैंसर पैदा कर सकता है. जिसमें गले का कैंसर, खाने की नली, स्टमक, पेशाब की नली का कैंसर भी तम्बाखू खाने से होता है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओ में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखने को मिलता है. इसको हम बच्चेदानी के मुंह का कैंसर बोलते हैं.

सर्वाइकल कैंसर से बचने लगाएं टीका: एचवीवी वायरस नामक इंफेक्शन के कारण होता है. जैसे कोरोना की वैक्सीन आ गई है, वैसे ही एचवीवी वायरस के लिये भी एक वैक्सीन उपलब्ध है. ये WHO द्वारा मान्यता प्राप्त है. इसे 9 से 13 वर्ष की बच्चियों को लगाया जाता है. इसके दो डोज होते हैं. इसे लगाने से आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर से बचा का सकता है."

ट्रेंड के चक्कर में महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत, जानिए गर्भवती महिलाओं को हो सकती है ये परेशानी
जशपुर का ये स्कूल बना तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान
माता राजमोहिनी देवी को समर्पित हुआ तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम


तंबाखू छोड़ने पर सामान्य होने में लगते हैं 10 साल: तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता कहते हैं "धूम्रपान छोड़ने के एक घंटे बाद शरीर के रक्त में से कार्बन मोनो ऑक्साइड की कमी आना शुरू हो जाती है. एक से दो हफ्ते में व्यक्ति का हृदय और फेफड़ा अच्छी तरह से काम करना शुरू कर देता है. धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति का शरीर तम्बाकू छोड़ने के 10 साल बाद सामान्य हो पाता है.

कोटपा एक्ट 2003 के तहत होती है कार्रवाई: तम्बाकू उपयोग और वितरण से संबंधित कोटपा एक्ट 2003 में बना है. जिसके तहत सार्वजनिक स्थान में तम्बाकू सेवन करने और स्कूल कॉलेज या शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दूरी तक तम्बाकू विक्रय करने पर जुर्माने का प्रावधान है. वहीं तम्बाकू के उत्पाद के विज्ञापन या उत्पाद की बिक्री निर्धारित चेतावनी के बिना बेचने पर 05 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. 2022-23 में तम्बाकू उत्पाद की शिक्षण संस्थान के पास में बिक्री और सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान करने पर हेल्थ टीम के द्वारा 98 लोगों का चालान काटा गया. साथ ही 16500 रूपये की राशि भी वसूली गई.

परामर्श देकर बदल रहे जिंदगी: तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र के द्वारा वर्ष 2022-23 में कुल 3783 लोगों को तम्बाकू छोड़ने हेतु परामर्श दिया गया. तम्बाकू मॉनिटरिंग एप्प के द्वारा जिला सरगुजा में तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों की मॉनिटरिंग की जाती है. वर्ष 2022-23 में कुल 270 शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित किया गया. Body:देश दीपक सरगुजाConclusion:

तंबाकू के दुष्परिणामों पर जागरूकता जरूरी

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में तंबाखू उपयोग करने वालों का प्रतिशत 39.1 है. देश में सर्वाधिक तंबाखू खाने वाले छत्तीसगढ़ में हैं. साथ ही 13 से 15 वर्ष के 8 प्रतिशत शाला प्रवेशी बच्चे भी तंबाखू की चपेट में आ चुके हैं. तम्बाखू से प्रदेश को बचाने कोटपा एक्ट 2003 एवं कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) एक्ट 2021 एवं ई सिगरेट प्रतिबंध एक्ट 2019 जैसे प्रावधान हैं. लेकिन इसका असर नहीं दिखता है.

छत्तीसगढ़ में 39 फीसदी लोग करते हैं तंबाखू सेवन: तम्बाखू कैंसर जैसी बेहद खतरनाक बीमारी का प्रमुख कारण बनता है. तंबाखू के दुष्प्रभाव पर रायपुर के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ राजेश मिश्रा कहते हैं कि "जहां तम्बाखू की औसत खपत 28 फीसदी है, वहीं छत्तीसगढ़ में इसकी खपत 3 फीसदी है. मतलब हर 10 में से 4 आदमी किसी न किसी रूप में तम्बाखू का सेवन कर रहा है."

तम्बाकू से होता है 18 प्रकार के कैंसर: डॉ राकेश मिश्रा आगे कहते हैं "तम्बाकू खाने से ज्यादातर केसेस में मुंह का कैंसर होता है. इसके अलावा तंबाखू का जो उपयोग है, ये 18 प्रकार के कैंसर पैदा कर सकता है. जिसमें गले का कैंसर, खाने की नली, स्टमक, पेशाब की नली का कैंसर भी तम्बाखू खाने से होता है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओ में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखने को मिलता है. इसको हम बच्चेदानी के मुंह का कैंसर बोलते हैं.

सर्वाइकल कैंसर से बचने लगाएं टीका: एचवीवी वायरस नामक इंफेक्शन के कारण होता है. जैसे कोरोना की वैक्सीन आ गई है, वैसे ही एचवीवी वायरस के लिये भी एक वैक्सीन उपलब्ध है. ये WHO द्वारा मान्यता प्राप्त है. इसे 9 से 13 वर्ष की बच्चियों को लगाया जाता है. इसके दो डोज होते हैं. इसे लगाने से आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर से बचा का सकता है."

ट्रेंड के चक्कर में महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत, जानिए गर्भवती महिलाओं को हो सकती है ये परेशानी
जशपुर का ये स्कूल बना तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान
माता राजमोहिनी देवी को समर्पित हुआ तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम


तंबाखू छोड़ने पर सामान्य होने में लगते हैं 10 साल: तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता कहते हैं "धूम्रपान छोड़ने के एक घंटे बाद शरीर के रक्त में से कार्बन मोनो ऑक्साइड की कमी आना शुरू हो जाती है. एक से दो हफ्ते में व्यक्ति का हृदय और फेफड़ा अच्छी तरह से काम करना शुरू कर देता है. धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति का शरीर तम्बाकू छोड़ने के 10 साल बाद सामान्य हो पाता है.

कोटपा एक्ट 2003 के तहत होती है कार्रवाई: तम्बाकू उपयोग और वितरण से संबंधित कोटपा एक्ट 2003 में बना है. जिसके तहत सार्वजनिक स्थान में तम्बाकू सेवन करने और स्कूल कॉलेज या शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दूरी तक तम्बाकू विक्रय करने पर जुर्माने का प्रावधान है. वहीं तम्बाकू के उत्पाद के विज्ञापन या उत्पाद की बिक्री निर्धारित चेतावनी के बिना बेचने पर 05 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. 2022-23 में तम्बाकू उत्पाद की शिक्षण संस्थान के पास में बिक्री और सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान करने पर हेल्थ टीम के द्वारा 98 लोगों का चालान काटा गया. साथ ही 16500 रूपये की राशि भी वसूली गई.

परामर्श देकर बदल रहे जिंदगी: तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र के द्वारा वर्ष 2022-23 में कुल 3783 लोगों को तम्बाकू छोड़ने हेतु परामर्श दिया गया. तम्बाकू मॉनिटरिंग एप्प के द्वारा जिला सरगुजा में तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों की मॉनिटरिंग की जाती है. वर्ष 2022-23 में कुल 270 शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान घोषित किया गया. Body:देश दीपक सरगुजाConclusion:

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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