सरगुजा: सिगरेट या तम्बाकू उत्पाद पर उत्पादन की तिथि तो लिखी होती है लेकिन एक्सपायरी डेट या उपयोग की अवधि जैसी कोई टीप नहीं लिखी होती है. ऐसे में उपभोक्ता कैसे जानेंगे की यह मानक है या अमानक? असल में एक्सपायरी डेट लिखने की मनाही विश्व स्वास्थ्य संगठन से है. WHO का मानना है कि सिगरेट या तम्बाकू में अगर एक्सपायरी डेट लिख दी जाए यानी यह बता दिया जाए की निर्धारित तिथि के बाद यह पदार्थ नुकसानदायक होगा, मतलब एक्सपायर होने से पहले वह नुकसानदायक नहीं है, इस तरह का संदेश ना जाए. यही वजह है कि सिगरेट और तम्बाकू उत्पाद में एक्सपायरी डेट नहीं होती है.
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कैसे जानें एक्सपायरी डेट
एक्सपर्ट बताते हैं कि सिगरेट एक वर्ष में एक्सपायर हो जाती है. लिहाजा उत्पादन तिथि से एक वर्ष बाद यह और अधिक नुकसानदायक हो जाती है. इसी प्रकार तम्बाकू के मानक की पहचान उसके ऊपर लिखी वैधानिक चेतावनी और फोटो से की जा सकती है. भारत सरकार हर वर्ष चेतावनी और फोटो बदलती है. इसके लिये 2 वर्ष की चेतावनी और फोटो उत्पादक को बता दिये जाते हैं. आप भी स्वास्थ्य विभाग के विज्ञापनों में नई चेतावनी और फोटो प्राप्त कर यह जांच सकते हैं की खरीदा जाने वाला उत्पाद मानक है या अमानक.
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80 प्रतिशत अमानक उत्पाद
राष्ट्रीय तम्बाखू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता बताते हैं कि सरगुजा जिला धूम्रपान मुक्त घोषित हो चुका है. इसके लिये जब जिले भर में कार्यक्रम चलाए जा रहे थे तो पता चला कि बाजार में 80 प्रतिशत उत्पाद अमानक हैं. सिगरेट के फिल्टर में उपयोग होने वाला केमिकल एक वर्ष के बाद ऐसे रिएक्शन प्रोड्यूस करता है, जिससे ब्लड कैंसर होता है. जिले में 3 लोगों की इस ब्लड कैंसर से मौत हुई है, जिनमें अमानक सिगरेट पीने की वजह से ब्लड कैंसर होने के सबूत मिले हैं.
बहरहाल हम सिगरेट पीने या तम्बाकू खाने की सलाह नही देते हैं, ना ही इसका समर्थन करते हैं. इस खबर के प्रकाशन का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि तम्बाकू या सिगरेट का सेवन करने वाले लोग इससे बचें और अमानक सिगरेट या तम्बाकू उत्पाद के संबंध में जागरूक हो सकें