अंबिकापुर: शहर के एक प्राइवेट अस्पताल पर गंभीर आरोप लगा है. आरोप है कि इनकी लापरवाही से एक महिला की जान चली गई. अस्पताल ने बिना किसी व्यवस्था के हू ओपन सर्जरी कर दी और आइसीयू के अभाव में महिला मौत के करीब पहुंच गई.
लेजर ऑपरेशन कहा था किया ओपन सर्जरी: पीड़ित परिजन का आरोप है कि ममता अग्रवाल नाम की महिला को पित्त की थैली में पथरी होने पर परिजन उसे शहर के एक निजी आशीर्वाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल प्रबंधन ने महिला का लेजर पद्धति से ऑपरेशन करने की सलाह दी थी, इस ऑपरेशन के लिये परिजन राजी हो गए. लेकिन लेजर ऑपरेशन न कर डॉक्टरों ने महिला की ओपन सर्जरी कर दी. सर्जरी के कुछ देर बाद महिला की तबियत बिगड़ने लगी. अस्पताल में आईसीयू की सुविधा भी नहीं थी और महिला को तत्काल बेहतर उपचार नहीं मिला सका. ऐसे में परिजन गंभीर हालत में पीड़ित महिला को शहर के एक अन्य निजी गायत्री अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने बताया कि महिला का पल्स नहीं चल रही है और उसका ब्रेन भी डेड हो चुका है.
लेजर ऑपरेशन बोलकर ओपन सर्जरी कर दिये. रात में नर्स ने एक इंजेक्शन लगाया उसके बाद जिससे वो छटपटाने लगी और अचानक शांत हो गई. ऐसा लग रहा था कि मौत हो गई है. वहां आइसीयू की व्यवस्था नहीं थी. उसके बाद आनन फानन में उसे दूसरे प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टरों ने भेजा. यहां बोले ब्रेन डेड हैं पल्स नहीं चल रही है. शाम को 5 बजे बता दिया कि मौत हो गई है. सीधा सीधा आशीर्वाद हॉस्पिटल की गलती है. जब उनके यहां सुविधा नही थी तो लेजर ऑपरेशन बोलकर ओपन सर्जरी नहीं करना था - दुष्यंत अग्रवाल, परिजन
थाने में की शिकायत: परिजनों की शिकायत है की ब्रेन डेड मरीज को गायत्री अस्पताल के डॉक्टरों ने आईसीयू में भर्ती कर दिया और कुछ घंटे इलाज करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को मृत घोषित कर दिया. परिजन का आरोप है कि चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही की वजह से महिला की मौत हुई है. परिजनों ने निजी अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े किया. उनका कहना है कि जब अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नहीं थी तो किस आधार पर महिला का ओपन सर्जरी किया गया. महिला की मौत से परिजन सदमे में हैं. मामले की शिकायत गांधीनगर थाने में की गई है. निजी अस्पताल के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने की मांग परिजन कर रहे हैं.
अस्पताल प्रबंधन ने क्या कहा: महिला मरीज की मौत पर आशीर्वाद अस्पताल की तरफ से बयान जारी किया गया है. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महिला के परिजनों को बताकर ऑपरेशन कराया गया था. अस्पताल में इमरजेंसी की सारी व्यवस्थाएं हैं.
ममता अग्रवाल के पित्त की थैली में पथरी थी, उसका ऑपरेशन प्लान था उससे पहले सारे टेस्ट कराए गये थे. सारी व्यवस्था थी. ऑपरेशन के बाद मरीज एकदम स्वस्थ थी. देर रात अचानक उसकी पल्स कम होने लगी. मुझे लगा कि इनको आइसीएयू की जरूरत पड़ेगी तो तत्काल मैंने गायत्री हॉस्पिटल रेफर कराया. क्योंकि वहां सबसे बेहतर आइसीएयू और वेंटीलेटर की सुविधा है. वहां तत्काल उन्हें इलाज दिया गया. हमारे यहां आइसीएयू नहीं है, लेकिन इमरजेंसी के सारे इक्यूपमेंट हैं. परिजन ने हस्ताक्षर किया है कि कौन सा ऑपरेशन करना है. सब कुछ बता कर किया गया है.- डॉ. आदित्य सिंह, ऑनर, आशीर्वाद हॉस्पिटल
हाल ही में बिलासपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां हाथ में लगे रॉड को निकलवाने के लिए निजी अस्पताल गए युवक की ऑपरेशन थियेटर में अचानक मौत हो गई. परिजनों ने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लगाने का आरोप अस्पताल पर लगाया और थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई.