सरगुजा: इज्जत, ईमानदारी और वफादारी है डिफेंस में जाने का मूल मंत्र (Key To Success). ये बात कह रहे हैं 22 वर्ष के नेवी में सब लेफ्टिनेंट बनने वाले रजत सिंह. रजत सिंह हाल ही में देश की जल सेना में सब लेफ्टिनेंट बने हैं. अम्बिकापुर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (Medical Representative Chhattisgarh) प्रवीण सिंह के बड़े बेटे रजत आज ना सिर्फ शहर का बल्कि देश का गौरव बन चुके हैं. ETV भारत ने रजत से बातचीत की और जाना कि कितना कठिन रहा ये सफर और डिफेंस में जाने की चाह रखने वाले छात्रों को क्या मंत्र देंगे.
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रजत सिंह, अम्बिकापुर की सैनिक सकूल में पढ़े हैं और यहां सेना में जाने की पढ़ाई और प्रशिक्षण के बाद एनडीए में ट्रेनिंग लिए और अब वो नेवी में सब लेफ्टिनेंट (Rajat Singh Became a Sub Lieutenant ) हैं. माता पिता के लिये अपने जिगर के टुकड़े को खुद से दूर रखना इतना आसान नहीं था. लेकिन बेटे के जज्बे को देख परिवार ने धैर्य धरा और अनुशासन के साथ बच्चे को उसकी दिशा तय करने दी. मां- बाप ने कभी अपने आंसुओं को बच्चे की कमजोरी नहीं बनने दिया. बल्कि हर वक्त उसका हौसला बढ़ाते रहे और आज जब बेटा सफल हो चुका है लेकिन फिर वो परिवार से दूर चला जायेगा. देश सेवा के लिये अपनी जननी और जनक को अकेला छोड़ अपने फर्ज को अंजाम देने निकल पड़ेगा.
इस दौरान रजत (Rajat Singh of Surguja Became a Sub Lieutenant ) ने उन बच्चों को टिप्स दिये हैं, जो डिफेंस में जाकर अपना करियर बनाने के साथ ही देश सेवा करना चाहते हैं. रजत ने नये छात्रों को बताया है कि आर्म फोर्स खुद ऐसे युवाओं की खोज में है. जिनमें जज्बा है अगर खुद में जज्बा है तो आप बिल्कुल कर सकते हैं. सबसे पहले आप को यह जानना पड़ेगा कि आप जो हैं वही बाहर से भी हैं, क्या आप ट्रांसपेरेंट हैं. अगर हां तो बिल्कुल आप कर सकते हैं. एकेडमिक देखे तो आज कल लर युवा आईआईटी, जेईई लेवल की तैयारी करते हैं. कंपरेटिवली देखे तो यूपीपीएससी से थोड़ा टफ है, बाकी आपमें जज्बा है तो सब बेहतर होता है.