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सरगुजा: दिवाली और दुर्घटनाओं के लिए कितना तैयार है अंबिकापुर नगर निगम? - लकड़ी मील में भीषण आग

सरगुजा में बीते साल दिवाली के त्योहार में शहर के बीच घनी आबादी वाले इलाके में संचालित लकड़ी मील में भीषण आग लग गई थी, जिसे बुझाने में निगम को पूरी रात लग गई थी. इसके बाद से सवाल उठने लगे थे कि त्योहार या आम दिनों में शहर के ऐसे इलाके जहां किसी तरह की अनहोनी होती है तो निगम इसके लिए कितना तैयार है. अब एक साल बाद फिर दिवाली आ गई है, दिवाली में आतिशबाजी भी होती है, ऐसे में कई तरह की अनहोनी की आशंका बनी रहती है. ऐसे में ETV भारत इन गलियों में सुरक्षा के इंतजाम का जायजा लेने निकला है.

Preparations to deal with fire incidents
आगजनी की घटनाओं से निपटने की तैयारी
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Published : Oct 29, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: महज कुछ दिन बाद दीपावली का त्योहार आने वाला है, जिसे लोग बड़े ही हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं, लेकिन त्योहार के उत्सव की खुशियां कई बार मातम में भी बदल जाती है. बीते साल शहर के बीच घनी आबादी के बीच संचालित लकड़ी मील में देर रात भीषण आग लग गई थी, जिसे बुझाने में पूरी रात बीत गई थी.

कितना तैयार है अंबिकापुर नगर निगम?

घटना के बाद प्रशासन सख्त हुआ और घनी आबादी के बीच संचालित लकड़ी मीलों को शहर से बाहर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद आज भी वहीं स्थिति है और सभी लकड़ी मील अपनी जगह पर ही संचालित है.

इसकी जानकारी लेने के लिए ETV भारत ने नगर निगम के कमिश्नर हरेश मंडावी से बात की है. कमिश्नर ने बताया कि वो ऐसे लकड़ी मीलों का सर्वे करा रहे हैं. इसके साथ ही वन विभाग और नगर निगम से मिलने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र की भी जांच होगी. दस्तावेज होने के बाद भी अगर रिहायशी इलाके में मील संचालित है, तो उसे शहर से बाहर किया जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- बिलासपुर: इस दिवाली गोबर और मिट्टी के दीयों से रोशन होगा घर और आंगन


पटाखे की चिंगारी से हादसे की आशंका

दीपवाली के समय करीब महीने भर तक लोग आतिशबाजी करते रहते हैं और पटाखों से निकलने वाली एक छोटी सी चिंगारी कहीं भी शोले का रूप ले लेती है. खासकर अत्यंत ज्वलनशील होने वाली लकड़ी के बाड़े भंडारण में अगर एक बार आग लग जाए तो फिर उसे बुझा पाना बड़ा मुश्किल होता है. शायद इन्हीं वजहों से रिहायशी इलाकों में लकड़ी मील न खोलने का नियम बनाया गया है, लेकिन सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाकर अंबिकापुर में घनी बसाहट के बीच लकड़ी मील चल रहे हैं और दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं. फिलहाल निगम कमिश्नर ने इस दिशा में सख्त कदम उठाए जाने का भरोसा दिलाया है. देखना होगा कि निगम की कार्रवाई का असर इन बड़ी व्यवसायियों पर कितना होगा.

सरगुजा: महज कुछ दिन बाद दीपावली का त्योहार आने वाला है, जिसे लोग बड़े ही हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं, लेकिन त्योहार के उत्सव की खुशियां कई बार मातम में भी बदल जाती है. बीते साल शहर के बीच घनी आबादी के बीच संचालित लकड़ी मील में देर रात भीषण आग लग गई थी, जिसे बुझाने में पूरी रात बीत गई थी.

कितना तैयार है अंबिकापुर नगर निगम?

घटना के बाद प्रशासन सख्त हुआ और घनी आबादी के बीच संचालित लकड़ी मीलों को शहर से बाहर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद आज भी वहीं स्थिति है और सभी लकड़ी मील अपनी जगह पर ही संचालित है.

इसकी जानकारी लेने के लिए ETV भारत ने नगर निगम के कमिश्नर हरेश मंडावी से बात की है. कमिश्नर ने बताया कि वो ऐसे लकड़ी मीलों का सर्वे करा रहे हैं. इसके साथ ही वन विभाग और नगर निगम से मिलने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र की भी जांच होगी. दस्तावेज होने के बाद भी अगर रिहायशी इलाके में मील संचालित है, तो उसे शहर से बाहर किया जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- बिलासपुर: इस दिवाली गोबर और मिट्टी के दीयों से रोशन होगा घर और आंगन


पटाखे की चिंगारी से हादसे की आशंका

दीपवाली के समय करीब महीने भर तक लोग आतिशबाजी करते रहते हैं और पटाखों से निकलने वाली एक छोटी सी चिंगारी कहीं भी शोले का रूप ले लेती है. खासकर अत्यंत ज्वलनशील होने वाली लकड़ी के बाड़े भंडारण में अगर एक बार आग लग जाए तो फिर उसे बुझा पाना बड़ा मुश्किल होता है. शायद इन्हीं वजहों से रिहायशी इलाकों में लकड़ी मील न खोलने का नियम बनाया गया है, लेकिन सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाकर अंबिकापुर में घनी बसाहट के बीच लकड़ी मील चल रहे हैं और दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं. फिलहाल निगम कमिश्नर ने इस दिशा में सख्त कदम उठाए जाने का भरोसा दिलाया है. देखना होगा कि निगम की कार्रवाई का असर इन बड़ी व्यवसायियों पर कितना होगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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