अंबिकापुर: एक तरफ तो लोग कोरोना वायरस से परेशान हैं और ऐसे में अगर आपको पीने का साफ पानी भी ना मिले, तो सोचिए कि आपकी स्थिति कितनी दयनीय होगी. लेकिन ऐसा ही कुछ हो रहा है स्वच्छता में देश में दूसरे नंबर पर आने वाले शहर अंबिकापुर में.
सबसे साफ शहर की मजबूरी
शहर से महज 3 किलोमीटर दूर खैरबार ग्राम पंचायत के लोग पीने के साफ पानी के लिए तरस रहे हैं. यहां का हाल ये है कि गांव वाले गंदे पोखर के पानी से नित्य क्रियाएं करते हैं, साथ ही इसी पानी से खाना भी बनाते हैं और अपनी प्यास भी बुझाते हैं. जिससे यहां की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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नलजल योजना का बुरा हाल
दरअसल ग्राम पंचायत खैरबार स्थित बांकी डैम से शहर के लोगों को भरपूर मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन इसी ग्राम पंचायत के कई वार्ड ऐसे हैं, जो शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. नलजल योजना का यहां बुरा हाल है. ग्रामीणों ने कई बार बांकी डैम से शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की मांग भी की, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई, हालांकि प्रशासन ने पेयजल के नाम पर गांव में दो हैंडपंप जरूर लगवाए हैं, लेकिन उनसे भी फ्लोराइडयुक्त लाल पानी निकलता है. जिसके कारण ग्रामीणों की मुसीबत कम नहीं हुई और आखिरकार उनके लिए पोखर ही सहारा बना.
पोखर का पानी बना डेंजर जोन
लेकिन अब इस पोखर का पानी ग्रामीणों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहा है, क्योंकि इसे पीकर वे बीमार पड़ रहे हैं. ग्रामीण प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं, तो इधर अधिकारी PHE विभाग से बात कर समस्या के निराकरण की बात कह रहे हैं.