सरगुजा : केंद्र सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी और महिलाओं के नाम पर गैस कनेक्शन वितरित कर उन्हें सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर दिए जा रहे थे. लॉकडाउन के दौरान भी मुश्किल परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने मुफ्त गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए हितग्राहियों के खाते में 834 रुपए की पहली किस्त डाली थी, आप ये जानकर हैरान होंगे कि हितग्राहियों ने सिलेंडर खरीदने में रुचि ही नहीं दिखाई है.
जिले में 1 लाख 14 हजार उज्ज्वला गैस कनेक्शन रखने वालों में से सिर्फ 35 हजार लोगों ने ही सिलेंडर की रीफिलिंग कराई है. ऐसे में जाहिर है कि बाकी बचे 78 हजार से अधिक उपभोक्ता अभी भी लकड़ी के चूल्हे और गोबर के कंडों से खाना बनाने में ज्यादा विश्वास कर रहे हैं.
गैस सिलेंडर से भोजन पकाने के मामले में सरगुजा के हितग्राहियों ने शुरू से ही कोई खास रुचि नहीं दिखाई है. यही कारण है कि घर में गैस सिलेंडर होते हुए भी लोग गोबर के कंडे और लकड़ी पर भोजन बना रहे थे, उनका कहना था कि गैस की रीफिलिंग नहीं हो रही थी. लेकिन कोरोना संक्रमण काल की बात की जाए तो वर्तमान में लोग घरों में कैद है और ग्रामीण भी लकड़ी लेने जंगल नहीं जा सकते. रोजगार खत्म होने के बाद उनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति आ खड़ी हो गई है. हालांकि केंद्र सरकार ने तीन महीने तक निःशुल्क गैस सिलेंडर वितरण की योजना बनाई थी.
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लोग नहीं करा रहे सिलेंडर की री-फीलिंग
आंकड़ों की बात की जाए तो सरगुजा में 1 लाख 14 हजार 264 पंजीकृत हितग्राही हैं, जो उज्ज्वला योजना के सिलेंडर का उपयोग करते हैं. लॉकडाउन की अवधि में शासन द्वारा दी गई निःशुल्क सेवा के बावजूद महज 35 हजार 722 हितग्राहियों ने सिलेंडर की री-फीलिंग कराई है. अधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल के पहले तक जिले में 15 से 20 प्रतिशत लोग ही उज्ज्वला योजना का सिलेंडर खरीद रहे थे लेकिन वर्तमान में निःशुल्क व्यवस्था के बाद भी सिर्फ 10 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई है.
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'योजना से लोगों का मोह भंग हो चुका है'
वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने उज्ज्वला योजना की विफलताओं को बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की इस योजना से लोगों का मोह भंग हो चुका है. योजना शुरू होने के बाद रीफिलिंग का चार्ज इतना बढ़ा दिया गया कि यह ग्रामीणों की बुते से बाहर हो गया. वर्तमान में भी जिन हितग्राहियों के पास कनेक्शन है उनमें से अधिकतर के चूल्हे और रेग्युलेटर खराब हो गए हैं.