सरगुजा: राजनीतिक संरक्षण (Political Patronage) और नेताओं की कृपा प्राप्त कुछ ऐसे अधिकारी होते हैं जिनके खिलाफ जांच में दोष साबित होने के बाद भी करवाई नहीं हो पाती है. 2019 में जिला पंचायत सीईओ ने तत्कालीन जनपद सीईओ (District CEO) के खिलाफ प्राप्त शिकायत की जांच कर सरगुजा कलेक्टर (Surguja Collector) को कार्रवाई के लिये प्रतिवेदन दे दिया था, लेकिन करवाई अब तक नहीं हुई. इसकी शिकायत राज्य के उच्चाधिकारियों से की गई. जिसके बाद, अवर सचिव ने कमिश्नर सरगुजा को तत्कालीन सीईओ जनपद बतौली के सूरज प्रसाद गुप्ता (Suraj Prasad Gupta) सीतापुर जनपद के सीईओ हैं. जिनके खिलाफ प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने के निर्देश दिये हैं, लेकिन अब तक सब ठंडे बस्ते में है.
दरअसल साल 2011 में मुख्यमंत्री जनपद सशक्तिकरण योजना और मनरेगा के कार्यों में 10 लाख की गड़बड़ी ली. जिसकी जांच 2019 में जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा ने की. जांच पूरी कर अग्रिम कार्रवाई के लिये सरगुजा कलेक्टर को प्रेषित किया. जांच के जनपद सीईओ के खिलाफ शिकायत सही पाई गई थी, लेकिन अब सरगुजा कलेक्टर और सीईओ दोनों ही बदल चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सोनी ने बताया कि इस मामले में राज्य से अवर सचिव ने सरगुजा कमिश्नर को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है, लेकिन अब भी कार्रवाई नहीं हो रही है. लिहाजा अब दिनेश सोनी इस मामले के खिलाफ हाई कोर्ट में परिवाद दाखिल करेंगे और भ्रष्टाचार को उजागर करने न्यायालय की शरण लेंगे.
सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा से बात की तो उन्होंने कहा कि उनको मामले की जानकारी नहीं है. जिला पंचायत से जानकारी मंगवा कर वो इसे देखेंगे. ताज्जुब की बात तो यही है की 3 साल पहले हुई जांच, जिसमें राज्य के अधिकारी पत्र जारी कर चुके हैं, लेकिन कलेक्टर को मामले की जानकारी तक नहीं है.
बता दें कि सूरज प्रसाद गुप्ता वर्तमान में सीतापुर जनपद के सीईओ हैं और प्रदेश के ताकतवर मंत्री अमरजीत भगत के क्षेत्र में भी इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. इस मामले में भी भ्रष्टाचार के दस्तावेज सौंपने और जांच के बाद भी कार्रवाई शिथिल है. अब इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती ये तो अधिकारी ही जानें लेकिन फिलहाल कोई कुछ खुलकर कहने को तैयार नहीं है.