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चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन

अंबिकापुर में चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर कोटवार संघ ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया.

Kotwar union protests
कोटवारों का प्रदर्शन
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Published : Sep 17, 2020, 12:49 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अंबिकापुर: कोटवार संघ शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर रहा है. कलेक्टोरेट पहुंचे कोटवारों ने कलेक्टर के माध्यम से शासन के नाम ज्ञापन सौंपा है.

कोटवार संघ का धरना-प्रदर्शन

कोटवार एक ऐसा वर्ग है जो गांव में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी रखता है और आगे रहकर अपनी जिम्मेदारी निभाता है, फिर चाहे वो चुनाव करना हो या गांव में किसी कार्यक्रम के आयोजन की मुनादी करानी हो. सभी स्थानों पर कोटवारों की जरूरत पड़ती है, लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें उनकी मेहनत के मुताबिक मेहनताना नहीं मिलता.

एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन

कोटवार संघ के लोग लंबे समय से अपने अधिकार और हक की मांग कर रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है. प्रदेश में कई सरकार आई और गई, लेकिन इन कोटवारों की जिंदगी में कोई खास बदलाव नहीं आया. लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे कोटवार संघ के लोगों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया.

कोटवारों की मांग

कोटवार संघ का कहना है कि उन्हें चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के रूप में शामिल कर शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें मालगुजारी भूमि पर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए. संघ के लोगों ने मांग पूरी नहीं होने पर दोबारा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

पढ़ें: सूरजपुर: निजी के साथ अब शासकीय स्कूल भी ले रहे बच्चों से फीस

कोटवारों का बीमा कराने की मांग

कोटवारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में उनकी ड्यूटी कोविड-19 क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगाई गई है. इसके साथ ही कोरोना से जुड़े अन्य कार्य भी कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना ड्यूटी के दौरान अब तक चार कोटवारों की मौत हो चुकी है, ऐसे में उन्होंने शासन से 50 हजार रुपए तक का बीमा कराने की मांग की है.

अंबिकापुर: कोटवार संघ शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर रहा है. कलेक्टोरेट पहुंचे कोटवारों ने कलेक्टर के माध्यम से शासन के नाम ज्ञापन सौंपा है.

कोटवार संघ का धरना-प्रदर्शन

कोटवार एक ऐसा वर्ग है जो गांव में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी रखता है और आगे रहकर अपनी जिम्मेदारी निभाता है, फिर चाहे वो चुनाव करना हो या गांव में किसी कार्यक्रम के आयोजन की मुनादी करानी हो. सभी स्थानों पर कोटवारों की जरूरत पड़ती है, लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें उनकी मेहनत के मुताबिक मेहनताना नहीं मिलता.

एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन

कोटवार संघ के लोग लंबे समय से अपने अधिकार और हक की मांग कर रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है. प्रदेश में कई सरकार आई और गई, लेकिन इन कोटवारों की जिंदगी में कोई खास बदलाव नहीं आया. लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे कोटवार संघ के लोगों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया.

कोटवारों की मांग

कोटवार संघ का कहना है कि उन्हें चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के रूप में शामिल कर शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें मालगुजारी भूमि पर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए. संघ के लोगों ने मांग पूरी नहीं होने पर दोबारा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

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कोटवारों का बीमा कराने की मांग

कोटवारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में उनकी ड्यूटी कोविड-19 क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगाई गई है. इसके साथ ही कोरोना से जुड़े अन्य कार्य भी कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना ड्यूटी के दौरान अब तक चार कोटवारों की मौत हो चुकी है, ऐसे में उन्होंने शासन से 50 हजार रुपए तक का बीमा कराने की मांग की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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