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जशपुर: खेत में सड़क या सड़क पर खेत, तस्वीरें देख सोचने पर हो जाएंगे मजबूर - पत्थलगांव तहसीलदार

जिले से होकर गुजरने वाले कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पूरी तरह जर्जर हो चुका है. सिस्टम की लापरवाही और ठेकेदार के काम को अधूरा छोड़ देने से सड़क पर भारी वाहन तो दूर आम लोगों तक का चलना तक मुश्किल हो गया है.

कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पूरी तरह जर्जर
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Published : Aug 28, 2019, 9:32 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

जशपुर: मध्यप्रदेश के कटनी से झारखंड के गुमला को जोड़ने वाली सड़क NH-43 जिले से होकर गुजरती है. पत्थलगांव से लेकर लुड़ेग तक यह सड़क पूरी तरह से कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. सड़क पर सैकड़ों ट्रक पिछले कई दिनों से फंसे रहते हैं.

कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पूरी तरह जर्जर

जिले से होकर गुजरने वाले कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पूरी तरह जर्जर हो चुका है सरकार की लापरवाही और ठेकेदार के काम को अधूरा छोड़ देने से इस सड़क पर ट्रकों का तो दूर आम लोगों तक का चलना तक मुश्किल हो गया है.

2 ठेकेदार भी नहीं कर सके काम पूरा
केंद्र सरकार ने 3 साल पहले पत्थलगांव से लेकर झारखंड की सीमा शंख नदी तक 130 किलोमीटर सड़क के लिए 1400 करोड़ रुपए का बजट पास किया था, जिसमें एक निजी कंपनी ने पत्थलगांव से कुनकुरी तक का टेंडर लिया था. कंपनी ने काम शुरू कर पुरानी सड़क को उखाड़ दिया. जिसके बाद कंपनी की ओर से वित्तीय अनियमितता बरतने पर सरकार ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया. इसके बाद दोबारा पत्थलगांव से कांसाबेल के बीच सड़क बनाने के लिए 350 करोड़ रुपये पास कर दूसरी कंपनी को काम दिया गया. लेकिन इस कंपनी ने भी समय पर काम पूरा नहीं किया. इसकी वजह से पुरानी उखड़ी सड़क बरसात होने पर दलदल और कीचड़ में बदल गई.

पढे़ं : गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने सड़क पर ही कर दी धान की रोपाई

तहसीलदार ने दिया आश्वासन
मामले में पत्थलगांव के तहसीलदार महेश शर्मा ने कहा कि, 'जाम को लेकर NH के अधिकारियों से चर्चा की गई है. जाम खुलवाने में लिए बड़ी मशीनें मंगाई गयी हैं, जिनके आते ही सड़क पर आवागमन फिर से बहाल हो जाएगा.

जशपुर: मध्यप्रदेश के कटनी से झारखंड के गुमला को जोड़ने वाली सड़क NH-43 जिले से होकर गुजरती है. पत्थलगांव से लेकर लुड़ेग तक यह सड़क पूरी तरह से कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. सड़क पर सैकड़ों ट्रक पिछले कई दिनों से फंसे रहते हैं.

कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पूरी तरह जर्जर

जिले से होकर गुजरने वाले कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पूरी तरह जर्जर हो चुका है सरकार की लापरवाही और ठेकेदार के काम को अधूरा छोड़ देने से इस सड़क पर ट्रकों का तो दूर आम लोगों तक का चलना तक मुश्किल हो गया है.

2 ठेकेदार भी नहीं कर सके काम पूरा
केंद्र सरकार ने 3 साल पहले पत्थलगांव से लेकर झारखंड की सीमा शंख नदी तक 130 किलोमीटर सड़क के लिए 1400 करोड़ रुपए का बजट पास किया था, जिसमें एक निजी कंपनी ने पत्थलगांव से कुनकुरी तक का टेंडर लिया था. कंपनी ने काम शुरू कर पुरानी सड़क को उखाड़ दिया. जिसके बाद कंपनी की ओर से वित्तीय अनियमितता बरतने पर सरकार ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया. इसके बाद दोबारा पत्थलगांव से कांसाबेल के बीच सड़क बनाने के लिए 350 करोड़ रुपये पास कर दूसरी कंपनी को काम दिया गया. लेकिन इस कंपनी ने भी समय पर काम पूरा नहीं किया. इसकी वजह से पुरानी उखड़ी सड़क बरसात होने पर दलदल और कीचड़ में बदल गई.

पढे़ं : गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने सड़क पर ही कर दी धान की रोपाई

तहसीलदार ने दिया आश्वासन
मामले में पत्थलगांव के तहसीलदार महेश शर्मा ने कहा कि, 'जाम को लेकर NH के अधिकारियों से चर्चा की गई है. जाम खुलवाने में लिए बड़ी मशीनें मंगाई गयी हैं, जिनके आते ही सड़क पर आवागमन फिर से बहाल हो जाएगा.

Intro:जशपुर जिले से होकर गुजरने वाले कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पूरी तरह जर्जर हो चुका है, सरकार की लापरवाही ओर ठेकेदार के द्वारा काम को अधूरा छोड़ देने से इस सड़क पर चलना दुस्वार हो गया है सेकड़ो ट्रक इस सड़क पर पिछले 1 सप्ताह से फसे हुवे है। वही सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई है।



Body:दरअसल यहाँ नजारा किस खेत का नही है यह है मध्यप्रदेश के कटनी से झारखण्ड के गुमला को जोड़ने वाली सड़क NH 43 है जो छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से होकर गुजरती है, पत्थलगांव से लेकर लुड़ेग सड़क पूरी सड़क कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुका है इस सड़क पर सेकड़ो ट्रक पिछले कई दिनों से फसे हुवे है, हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इसपर गाड़ियों का चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है वही ट्रक चालको के साथ साथ इस बदहाल सड़क से स्थानीय लोग भी परेशान हो चुके है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नही।

आप को बता दे इस सड़को को बनाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा 3 साल पहले पत्थलगांव से लेकर झारखण्ड की सिमा शंख नदी तक 130 किलोमीटर के लिए 1400 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया था, जिसमे दक्षिण की एक निजी कंपिनी ने पत्थलगांव से कुनकुरी तक का टेंडर लिया था, कम्पनी द्वारा काम सुरु कर पुरानी सड़क को उखाड़ दिया गया जिसके बाद कम्पनी के द्वारा वितीय अनियमितता बरतने पर सरकार ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया ओर दुबारा पत्थलगांव से कांसाबेल के लिए 350 सो करोड़ रुपये पास कर दूसरी कम्पनी को काम दिया गया लेकिन इस कंपनी के द्वारा भी समय पर काम नही चालू किया गया ओर पुरानी उखड़ी सड़क खेत ओर दलदल में तब्दील हो गई

सड़की पर लग रहे जाम ओर कीचड़ में तब्दील सड़क के संबंध में पत्थलगांव तहसीलदार महेश शर्मा ने बताया कि जाम को लेकर NH के अधिकारियों से चर्चा की हुई है थोड़ी देर में जाम खुलवाने में लिए बड़ी मशीन मंगवाई गयी है, उसके आते ही सड़क पर आवागमन शुरू हो जाएगा।

Conclusion:बहरहाल 3 साल पहले बनना शुरू हुई यह सड़क लोगो के लिए आफत बन चूजी है चाहे अधिकारी हों या फिर नेता
किसी ने भी इस सड़को बनाने के लिए कोई ठोस पहली नही की ओर आज इसका खामियाजा इस सड़कपर चलने वाले राहगीरों ओर स्थानीयलोगो को भुगतान पड़ रहा है

बाइट 1 - जुनैद खान ट्रक चालक।
बाइट 2 - सुनील, ट्रक चालक।
बाइट 3 - स्थानीय निवासी
बाइट 4 - महेश शर्मा, तहसीलदार पत्थलगांव

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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