सरगुजा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जिले के पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 बिस्तर वाले आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने हैं. इन स्वास्थ्य केंद्रों में एसिम्प्टोमेटिक कोरोना मरीजों को रखा जाएगा, ताकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में दबाव कम हो सके. सीएचसी (कम्युनिटी हेल्थ सेंटर) को मानक के अनुरूप विकसित करने का काम किया जाएगा, जिसे लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
संभाग भर से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. सरगुजा के साथ ही सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर और कोरिया जिले के कोरोना संक्रमित मरीजों को फिलहाल मेडिकल कॉलेज के 100 बिस्तर वाले कोविड-19 हॉस्पिटल में लाया जा रहा है, ऐसे में इस अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है. भविष्य में कोरोना के मामले बढ़ने की संभावना को देखते हुए शासन ने सीएचसी को भी कोविड आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के निर्देश दिए हैं.
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आइसोलेशन वार्ड में किया जाएगा विकसित
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जिले भर में ज्यादातर एसिम्प्टोमेटिक मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में लक्षण रहित मरीजों को रखकर उपचार किया जाएगा. जिन स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड आइसोलेशन वार्ड के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है, उनमें लखनपुर, उदयपुर, धौरपुर, सीतापुर और मैनपाट सीएचसी शामिल हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए चिकित्सकों को पूर्व में ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है और अब उन्हें अनुभव भी हो चुका है.
डॉक्टरों को दी जाएगी सुविधा
सीएचसी में डॉक्टरों के अस्पताल के वार्ड में आने के लिए डूइंग और बाहर जाने से पहले पीपीई किट बदलने और नहाने के लिए डाफिंग एरिया का निर्माण किया जाएगा. मरीजों के लिए अटैच शौचालय, मेस सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी. कोरोना ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों के रहने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी.
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इस संबंध में सरगुजा कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में संक्रमितों के दबाव को कम करने के लिए सीएचसी में 20-20 बिस्तर वाले आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएंगे, इसके लिए पांच सीएचसी का चयन किया गया है. सीएचसी में एसिम्प्टोमेटिक मरीजों को उपचार के लिए भर्ती किया जाएगा. इनके निर्माण से मेडिकल कॉलेज में दबाव कम होगा और गंभीर मरीजों पर चिकित्सक बेहतर ढंग से ध्यान दे सकेंगे.