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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में जांच की सारी सुविधाएं, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा निजी अस्पताल

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Ambikapur Medical Hospital) में जांच की सारी सुविधाएं है. अब मरीजों को निजी अस्पताल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस शासकीय अस्पताल में कैंसर का इलाज भी शुरू हो चुका है.

facilities for checkup in Ambikapur Medical College
सरगुजा में क्या है स्वास्थ्य सुविधाओं का सच
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Published : Feb 16, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: गरीब या मध्यम वर्गीय परिवार में कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उस परिवार की जीवन भर की कमाई इलाज में खर्च हो जाती है. फिर मरीज बचे या नहीं इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन वो परिवार आर्थिक रुप से टूट जाता है. इन सभी का इलाज अंबिकापुर अस्पताल में अब है. यहां अब आपको निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल (Ambikapur Medical Hospital) में एक-एक जांच की गणना की जाए तो यह संख्या सौ से भी अधिक है. लेकिन कुछ बड़ी और महत्वपूर्ण जांच की जानकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर. मूर्ति ने दी है.

डॉ आर मूर्ति से खास बातचीत

यह भी पढ़ें: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 68 छात्रों ने लिया दाखिला, अगले चरण में EWS और आल इंडिया कोटे को मिलेगा अवसर

शासकीय अस्पताल में सारी सुविधाएं
ईटीवी भारत आपको कुछ ऐसी जानकारी मुहैया करा रहा है. जिससे आपको इलाज में आने वाले खर्च में बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि बीमारी के इलाज में सबसे अधिक खर्च होता है. निजी पैथो लैब, एक्सरे, या एमआरआई सेंटर मोटी रकम लेकर जांच करते हैं. क्या आपको पता है कि, अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जितने प्रकार की जांच होती है उतनी जांच किसी भी निजी अस्पताल या पैथोलैब में नहीं है.


शासकीय अस्पताल में सबसे बड़ी बात यह है कि आयुष्मान कार्ड या गरीबी रेखा वाले राशनकार्ड से जांच फ्री में होती है. अगर आपके पास ये दोनों ही कार्ड नहीं हैं तो भी शुल्क कम लगता है. फिलहाल अम्बिकापुर में कैंसर की बीमारी तक की जांच शुरू हो चुकी है. जिसकी जांच के लिए कभी सैंपल बाहर भेजे जाते थे. आज शासकीय लैब में जांच हो रही है. एक्सरे, सोनोग्राफी, अल्ट्रासाउंड के साथ सीटी स्कैन की सुविधा भी चालू है.

इसके अलावा मुख्य रूप से यूरिया, क्रेटनाइन, यूरिक एसिड, ब्लडशुगर, लिपिड प्रोफाइल, इलेक्ट्रोलाइट, सीआरपी सहित कई महत्वपूर्ण बीमारियों की जांच की जाती हैं. सिकलसेल, कैंसर, टीवी, म्यूकोरमाइकोसिस, पल्मोनरी जांच, आरटीपीसीआर, ट्रू नॉट पद्दति से कोरोना वायरस की जांच अंबिकापुर के शासकीय अस्पताल में की जा रही है. बावजूद इसके निजी अस्पतालों के चक्कर में पड़कर लोग अपनी मेहनत की कमाई वहां लुटाते हैं. जबकि शासन ने शासकीय अस्पताल में तमाम सुविधाएं दे रखी है. बीते वर्षों में जांच की गुणवत्ता और स्टाफ की कमी को दूर किया गया है. जांच के लिए अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध हुए हैं. जल्द ही एमआरआई की सुविधा भी यहां शुरू हो सकेगी.

गुणवत्ता पर संदेह करना अब सही नहीं-डीन डॉ. आर मूर्ति
वहीं, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर मूर्ति ने कहा कि शासकीय लैब या अस्पताल में कम से कम अब सशंय की स्थिति तो नहीं रहनी चाहिए. क्योंकि कोरोना महामारी में शासकीय लोग सबसे आगे खड़े थे, लोगों की जान बचाई और आज भी आरटीपीसीआर व ट्रू नॉट की जांच शासकीय लैबों ने ही की है तो गुणवत्ता पर संदेह करना अब सही नहीं है.

सरगुजा: गरीब या मध्यम वर्गीय परिवार में कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उस परिवार की जीवन भर की कमाई इलाज में खर्च हो जाती है. फिर मरीज बचे या नहीं इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन वो परिवार आर्थिक रुप से टूट जाता है. इन सभी का इलाज अंबिकापुर अस्पताल में अब है. यहां अब आपको निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल (Ambikapur Medical Hospital) में एक-एक जांच की गणना की जाए तो यह संख्या सौ से भी अधिक है. लेकिन कुछ बड़ी और महत्वपूर्ण जांच की जानकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर. मूर्ति ने दी है.

डॉ आर मूर्ति से खास बातचीत

यह भी पढ़ें: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 68 छात्रों ने लिया दाखिला, अगले चरण में EWS और आल इंडिया कोटे को मिलेगा अवसर

शासकीय अस्पताल में सारी सुविधाएं
ईटीवी भारत आपको कुछ ऐसी जानकारी मुहैया करा रहा है. जिससे आपको इलाज में आने वाले खर्च में बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि बीमारी के इलाज में सबसे अधिक खर्च होता है. निजी पैथो लैब, एक्सरे, या एमआरआई सेंटर मोटी रकम लेकर जांच करते हैं. क्या आपको पता है कि, अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जितने प्रकार की जांच होती है उतनी जांच किसी भी निजी अस्पताल या पैथोलैब में नहीं है.


शासकीय अस्पताल में सबसे बड़ी बात यह है कि आयुष्मान कार्ड या गरीबी रेखा वाले राशनकार्ड से जांच फ्री में होती है. अगर आपके पास ये दोनों ही कार्ड नहीं हैं तो भी शुल्क कम लगता है. फिलहाल अम्बिकापुर में कैंसर की बीमारी तक की जांच शुरू हो चुकी है. जिसकी जांच के लिए कभी सैंपल बाहर भेजे जाते थे. आज शासकीय लैब में जांच हो रही है. एक्सरे, सोनोग्राफी, अल्ट्रासाउंड के साथ सीटी स्कैन की सुविधा भी चालू है.

इसके अलावा मुख्य रूप से यूरिया, क्रेटनाइन, यूरिक एसिड, ब्लडशुगर, लिपिड प्रोफाइल, इलेक्ट्रोलाइट, सीआरपी सहित कई महत्वपूर्ण बीमारियों की जांच की जाती हैं. सिकलसेल, कैंसर, टीवी, म्यूकोरमाइकोसिस, पल्मोनरी जांच, आरटीपीसीआर, ट्रू नॉट पद्दति से कोरोना वायरस की जांच अंबिकापुर के शासकीय अस्पताल में की जा रही है. बावजूद इसके निजी अस्पतालों के चक्कर में पड़कर लोग अपनी मेहनत की कमाई वहां लुटाते हैं. जबकि शासन ने शासकीय अस्पताल में तमाम सुविधाएं दे रखी है. बीते वर्षों में जांच की गुणवत्ता और स्टाफ की कमी को दूर किया गया है. जांच के लिए अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध हुए हैं. जल्द ही एमआरआई की सुविधा भी यहां शुरू हो सकेगी.

गुणवत्ता पर संदेह करना अब सही नहीं-डीन डॉ. आर मूर्ति
वहीं, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर मूर्ति ने कहा कि शासकीय लैब या अस्पताल में कम से कम अब सशंय की स्थिति तो नहीं रहनी चाहिए. क्योंकि कोरोना महामारी में शासकीय लोग सबसे आगे खड़े थे, लोगों की जान बचाई और आज भी आरटीपीसीआर व ट्रू नॉट की जांच शासकीय लैबों ने ही की है तो गुणवत्ता पर संदेह करना अब सही नहीं है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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