सरगुजा : छतीसगढ़ के सूरजपुर में गुरुवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी (Surguja Surajpur earthquake news) गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक, भूकंप के झटके गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सूरजपुर से 15 किमी दूर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. बताया जा रहा है कि भूकंप आते ही दफ्तरों में भगदड़ मच गई और लोग बिल्डिंगों से निकलकर बाहर आ (Earthquake tremors in Surguja Surajpur) गए.
पहले भी आया है भूकंप : इससे पहले राज्य को कोरिया जिले में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. 24 दिन में सरगुजा संभाग में तीसरी बार Earthquake के झटके महसूस किए गए हैं. 29 जुलाई को कोरिया में आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई थी. भूकंप से कोल माइंस में गोफ गिरने से 5 मजदूर घायल हो गए थे. इससे पहले 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का झटका आया था. उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था. तब भी दो सेकेंड के लिए ही झटके लगे थे और केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर था. इससे पहले 16 मार्च को भी अंबिकापुर संभाग में भूकंप के झटके महसूस किये गए थे. तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था.
नेपाल में भी आया था भूकंप : बता दें कि रविवार को नेपाल भूकंप (Nepal Earthquake news) के झटकों से दहल गया था. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक भूकंप के झटके नेपाल की राजधानी काठमांडू (Kathmandu Earthquake) से 147 किमी दूर महसूस किए गए. छुट्टी का दिन होने की वजह से अधिकतर लोग घर पर ही थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में आए भूकंप के इन झटकों का असर बिहार तक महसूस किया गया था. बिहार के कटिहार, मुंगेर, मधेपुरा और बेगूसराय में भी लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए.
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क्यों आता है भूकंप : दरअसल नर्मदा-सोन भ्रंश (फाल्ट जोन) एवं तातापानी भ्रंश के आसपास के क्षेत्र में प्लेट टेक्टोनिक गतिविधियां होती रहती हैं. इसके कारण भूकंप के झटके लग रहे हैं. भूकंप आने के पीछे इस बार भी यही कारण माना जा रहा है.आपदा प्रबंधन भारत सरकार एवं भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) अंबिकापुर और उत्तरी छत्तीसगढ़ को भूकंप ग्रसित क्षेत्र में दर्शाया गया है, हालांकि इसे कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है, लेकिन इस बार भूकंप की तीव्रता ने सबको चौंकाया है.