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बलरामपुर: छत्तीसगढ़ का ऐसा बैंक जहां लोन पर रुपये नहीं, बीज मिलते हैं. - महिला स्व सहायता समूह सरगुजा

किसानों की सहायता के लिए स्व सहायता महिला समूह ने अनोखा बैंक खोला है. इस बैंक को 'बिहन बैंक' के नाम से जाना जाता है. इसके माध्यम से किसानों को मुफ्त में बीज उपलब्ध कराए जाते हैं.

स्व सहायता महिला समूह ने खोला अनोखा बैंक
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Published : Nov 17, 2019, 6:03 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

बलरामपुर: जिले के बरियों में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने एक ऐसा अनोखा बैंक खोला है जहां न रुपयों का लेन-देन होता है और न किसी प्रकार के कर्ज की चिंता. ये बैंक किसानों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. इस बैंक में किसानों को मुफ्त में बीज उपलब्ध कराए जाते हैं. यहां उन्नत किस्मों के बीजों उपलब्ध हैं, खास बात ये है कि कोई भी बीज हाईब्रिड नहीं होता. स्थानीय बोली में बीज को बिहन कहा जाता है, इसलिए इस बीज बैंक को यहां के लोग 'बिहन बैंक' के नाम से जानते हैं.

खास है ये बीज बैंक

महिलाओं की मेहनत का नतीजा है बीज बैंक

इस बैंक को शुरू करने का पूरा श्रेय बरियों की महिलाओं को जाता है. महिलाओं के समूह ने पहले तो जिले भर से बीज जमा किए और अब किसानों को मुफ्त में हर तरह के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं. बदले में बीज लेने वाले किसानों से बस एक शर्त रखी जाती है कि जितना बीज उन्होंने लिया है उसका दोगुना बीज बैंक में उन्हें जमा करना होगा (अपनी फसल लेने के बाद). बता दें कि जिले में ये पहला बैंक राजपुर विकासखंड के बरियों गांव में खोला गया है.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ : माता कौशल्या की जन्मतिथि बताने पर मिलेगा 11 लाख रुपए

महिलाओं को है मदद की दरकार

मई-जून 2019 में ये बीज बैंक खोला गया था. यहां धान और गेंहू के साथ ही कई तरह की दालों और सब्जियों के बीज उपलब्ध हैं. कृषि विभाग ने इसके लिए समूह को बारदाने भी उपलब्ध कराए हैं, साथ ही अन्य मदद का भी आश्वासन दिया है लेकिन अब तक महिलाओं को कोई खास मदद नहीं मिल पाई है. महज सेवा भाव से शुरू किए गए इस बैंक से इन महिलाओं को किसी तरह की कोई आमदनी नहीं होती.

बलरामपुर: जिले के बरियों में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने एक ऐसा अनोखा बैंक खोला है जहां न रुपयों का लेन-देन होता है और न किसी प्रकार के कर्ज की चिंता. ये बैंक किसानों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. इस बैंक में किसानों को मुफ्त में बीज उपलब्ध कराए जाते हैं. यहां उन्नत किस्मों के बीजों उपलब्ध हैं, खास बात ये है कि कोई भी बीज हाईब्रिड नहीं होता. स्थानीय बोली में बीज को बिहन कहा जाता है, इसलिए इस बीज बैंक को यहां के लोग 'बिहन बैंक' के नाम से जानते हैं.

खास है ये बीज बैंक

महिलाओं की मेहनत का नतीजा है बीज बैंक

इस बैंक को शुरू करने का पूरा श्रेय बरियों की महिलाओं को जाता है. महिलाओं के समूह ने पहले तो जिले भर से बीज जमा किए और अब किसानों को मुफ्त में हर तरह के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं. बदले में बीज लेने वाले किसानों से बस एक शर्त रखी जाती है कि जितना बीज उन्होंने लिया है उसका दोगुना बीज बैंक में उन्हें जमा करना होगा (अपनी फसल लेने के बाद). बता दें कि जिले में ये पहला बैंक राजपुर विकासखंड के बरियों गांव में खोला गया है.

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महिलाओं को है मदद की दरकार

मई-जून 2019 में ये बीज बैंक खोला गया था. यहां धान और गेंहू के साथ ही कई तरह की दालों और सब्जियों के बीज उपलब्ध हैं. कृषि विभाग ने इसके लिए समूह को बारदाने भी उपलब्ध कराए हैं, साथ ही अन्य मदद का भी आश्वासन दिया है लेकिन अब तक महिलाओं को कोई खास मदद नहीं मिल पाई है. महज सेवा भाव से शुरू किए गए इस बैंक से इन महिलाओं को किसी तरह की कोई आमदनी नहीं होती.

Intro:सरगुज़ा : आपने कई प्रकार के बैंक के नाम सुने होंगे, लेकिन हम आज आपको एक ऐसे बैंक की जानकारी देने जा रहे हैं जहां रुपये का कोई काम नही होता है, यहां ना रुपये लिए जाते और ना रुपये दिए जाते हैं, इस बैंक में लेन देन होता है, बीज का और इसलिए इसका नाम बिहन बैंक रखा गया है, दरअसल बीज को सरगुज़ा की स्थानीय बोली में बिहन कहा जाता है, लिहाजा इस बैंक को बिहन या बीज बैंक भी कह सकते है।

बलरामपुर जिले के बरियों में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने यह काम शुरू किया है, इस बैंक में किसानों को मुफ्त में बीज दिए जाते हैं, और इस बैंक में किसी भी फसल का बीज हाइब्रिड नही होता, स्थानीय (लोकल) किस्मो के बीज ही आदान-प्रदान किये जाते हैं। समूह की महिलाओं ने जिले भर से पहले बीज संग्रहित किया और अब किसानों को मुफ्त में हर तरह के बीज देती हैं। लेकिन शर्त यह है की फसल तैयार होने के बाद किसान को लिए हुए बीज के वजन से दोगुना बीज बैंक में जमा करना होता है। जिले में यह पहला बैंक राजपुर विकासखंड के ग्राम बरियों में खोला गया है।

लिहाजा परस्पर सहयोग की भावना के साथ इस बीज बैंक को शुरू किया गया है, कृषि विभाग ने समूह को वारदाना उपलब्ध कराया है, लेकिन कोई खास सहयोग या योगदान प्रशासन का इस कार्य मे नही है। यह पूरी मेहनत समूह की महिलाओं की ही है, और सेवा भाव से प्रेरित होकर यह बीज बैंक शुरू किया गया है, इससे किसी प्रकार की आय महिलाओँ को नही होती है, सिर्फ हाइब्रिड खेती को रोकने व सेहतमंद अनाज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह प्रयास शुरू किया गया है।


Body:बाईट01_ज्योति राय (क्लस्टर प्रभारी स्व सहायता समूह)

देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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