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चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सरकार का एक्शन प्लान, केस दर्ज, जल्द होगी कानूनी कार्रवाई

देश के कई हिस्सों में ऐसी चिटफंड कंपनियां (Chit fund companies) है, जो लोगों को प्रलोभन देकर पैसा डबल (Double money by seduction) के नाम पर निवेश करवाती है. हालांकि बाद में निवेश का पैसा लेकर कंपनी भाग जाती है और लोगों को निराश होना पड़ता है. ऐसे में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Sarguja) के लोगों के लिए राहत की खबर है. बताया जा रहा है कि यहां चिटफंड घोटाले के मामले पुलिस के पास पहुंच चुके हैं. जल्द ही न्यायालय (Court) में पेश करने के बाद कानूनी कार्रवाई (Legal action) शुरू हो सकेगी. relief-to-investors-government-will-take-action-against-chit-fund-companies

can get sunk money
मिल सकता है डूबा पैसा
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Published : Sep 30, 2021, 8:09 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में फैले चिटफंड कंपनियों (Chit fund companies)का जाल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन (Power change) के साथ ही ध्वस्त हो चुका है. बीते 20 वर्षों में प्रदेश में तमाम तरह के प्रलोभन के साथ स्थानीय लोगों के पैसे निवेश (Money investment) कराने के बाद गायब हुई कंपनियों के खिलाफ प्रदेश सरकार शुरू से सख्त दिखी है. लेकिन अब सरकार की यह घोषणा जमीन में उतरती दिख रही है और निवेशकों के लिये राहत की खबर है. दरअसल, अब उनके मामले पुलिस के पास पहुंच चुके हैं जल्द ही न्यायालय (Court) में पेश करने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू हो सकेगी.

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सरकार

तमाम कंपनियों ने लोगों के खून-पसीने की कमाई का पैसा लिया और लोगों को कई लालच भी दिये. किसी का पैसा 4 साल में दोगुना होना था तो किसी को बिजनेस प्लान के हाथ अरबपति बनना था. लेकिन हकीकत इससे कहीं उलट थी. लाभ तो दूर यहां लोगों के निवेश किये गये पैसे भी वापस नही मिले. कंपनियां दफ्तर बंद कर भाग गईं.

वहीं, चिटफंड का मामला एक विकराल समस्या के रूप में था. लिहाजा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वो लोगों का पैसा वापस दिलायेंगे और इस दिशा में काम भी शुरू किये गये. लेकिन अब वो समय नजदीक आ गया है. जब निवेशक अपने डूबे हुये पैसे को शायद वापस पा सकें. क्योंकि अब मामला पुलिस के पास आ चुका है और इसे जल्द ही न्यायालय में पेश किया जायेगा.

छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में क्यों गहरा सकता है बिजली संकट ?

कई लोगों ने की है शिकायत

अकेले सरगुजा जिले में 156435 लोगों ने शिकायत की है, जिसमें 1 अरब 40 करोड़ रुपये की ठगी होना सामने आया है. जबकि अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने आवेदन नहीं किया है. फिलहाल जिले के अम्बिकापुर विकासखंड में 104 कंपनियों के खिलाफ 22645 लोगों ने शिकायत की है. इसी तरह लखनपुर में 106 कंपनियों के खिलाफ 6851, उदयपुर में 61 कंपनियों के खिलाफ 4521, लुंड्रा 65 कंपनियों के खिलाफ 7198, बतौली में 93 कंपनियों के खिलाफ 5378, सीतापुर में 79 कंपनियों के खिलाफ 3522, मैनपाट में 53 कंपनियों के खिलाफ 1393, दरिमा में 78 कंपनियों के खिलाफ 4927 लोगों ने शिकायत दी है.

9 कंपनियों के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई

जबकी सरगुजा पुलिस ने पहले से ही 35 प्रकरण दर्ज कर लिये थे, जिसमें से 24 न्यायालय में लंबित हैं. 12 पुलिस विवेचना में लंबित है. सरकार की मंशानुरूप 9 मामलों में एजेंटों को बाहर किया गया. 9 कंपनियों के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जा रही है.

चिट फंड कम्पनियों का टूटा जाल

फिलहाल प्रदेश में चिटफंड कम्पनियों का जाल टूट चुका है कोई भी खुले तौर पर काम नही कर पा रहा है. कुछ कंपनियां अभी भी काम कर रही है, लेकिन अब एक भी शिकायत मिलने पर पुलिस उन पर कड़ाई से कार्रवाई करती है. वहीं, बीते 20 वर्षों में प्रदेश के लोगों का पैसा लूट कर गायब हुई इन कंपनियों ने जब सिर्फ एक जिले में 1 अरब 40 करोड़ की ठगी की है, तो पूरे प्रदेश से कितना पैसा ये कंपनियां लेकर फ़रार हुई होंगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. खैर प्रशासनिक कार्रवाई जारी है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में फैले चिटफंड कंपनियों (Chit fund companies)का जाल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन (Power change) के साथ ही ध्वस्त हो चुका है. बीते 20 वर्षों में प्रदेश में तमाम तरह के प्रलोभन के साथ स्थानीय लोगों के पैसे निवेश (Money investment) कराने के बाद गायब हुई कंपनियों के खिलाफ प्रदेश सरकार शुरू से सख्त दिखी है. लेकिन अब सरकार की यह घोषणा जमीन में उतरती दिख रही है और निवेशकों के लिये राहत की खबर है. दरअसल, अब उनके मामले पुलिस के पास पहुंच चुके हैं जल्द ही न्यायालय (Court) में पेश करने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू हो सकेगी.

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सरकार

तमाम कंपनियों ने लोगों के खून-पसीने की कमाई का पैसा लिया और लोगों को कई लालच भी दिये. किसी का पैसा 4 साल में दोगुना होना था तो किसी को बिजनेस प्लान के हाथ अरबपति बनना था. लेकिन हकीकत इससे कहीं उलट थी. लाभ तो दूर यहां लोगों के निवेश किये गये पैसे भी वापस नही मिले. कंपनियां दफ्तर बंद कर भाग गईं.

वहीं, चिटफंड का मामला एक विकराल समस्या के रूप में था. लिहाजा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वो लोगों का पैसा वापस दिलायेंगे और इस दिशा में काम भी शुरू किये गये. लेकिन अब वो समय नजदीक आ गया है. जब निवेशक अपने डूबे हुये पैसे को शायद वापस पा सकें. क्योंकि अब मामला पुलिस के पास आ चुका है और इसे जल्द ही न्यायालय में पेश किया जायेगा.

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कई लोगों ने की है शिकायत

अकेले सरगुजा जिले में 156435 लोगों ने शिकायत की है, जिसमें 1 अरब 40 करोड़ रुपये की ठगी होना सामने आया है. जबकि अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने आवेदन नहीं किया है. फिलहाल जिले के अम्बिकापुर विकासखंड में 104 कंपनियों के खिलाफ 22645 लोगों ने शिकायत की है. इसी तरह लखनपुर में 106 कंपनियों के खिलाफ 6851, उदयपुर में 61 कंपनियों के खिलाफ 4521, लुंड्रा 65 कंपनियों के खिलाफ 7198, बतौली में 93 कंपनियों के खिलाफ 5378, सीतापुर में 79 कंपनियों के खिलाफ 3522, मैनपाट में 53 कंपनियों के खिलाफ 1393, दरिमा में 78 कंपनियों के खिलाफ 4927 लोगों ने शिकायत दी है.

9 कंपनियों के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई

जबकी सरगुजा पुलिस ने पहले से ही 35 प्रकरण दर्ज कर लिये थे, जिसमें से 24 न्यायालय में लंबित हैं. 12 पुलिस विवेचना में लंबित है. सरकार की मंशानुरूप 9 मामलों में एजेंटों को बाहर किया गया. 9 कंपनियों के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जा रही है.

चिट फंड कम्पनियों का टूटा जाल

फिलहाल प्रदेश में चिटफंड कम्पनियों का जाल टूट चुका है कोई भी खुले तौर पर काम नही कर पा रहा है. कुछ कंपनियां अभी भी काम कर रही है, लेकिन अब एक भी शिकायत मिलने पर पुलिस उन पर कड़ाई से कार्रवाई करती है. वहीं, बीते 20 वर्षों में प्रदेश के लोगों का पैसा लूट कर गायब हुई इन कंपनियों ने जब सिर्फ एक जिले में 1 अरब 40 करोड़ की ठगी की है, तो पूरे प्रदेश से कितना पैसा ये कंपनियां लेकर फ़रार हुई होंगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. खैर प्रशासनिक कार्रवाई जारी है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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