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SPECIAL: पर्यावरण प्रेमियों ने केक काट मनाया पेड़-पौधों का जन्मदिन, चार साल पहले लिया था गोद - पेड़-पौधों का जन्मदिन

अंबिकापुर में धूम-धाम से पेड़-पौधों का जन्मदिन मनाया गया है. इस अवसर पर न सिर्फ केक काटा गया है, बल्कि पूरे गार्डन को सजाया भी गया था. पेड़ों में जीवन की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु के सिद्धांतों पर अमल करते हुए शहर को पर्यावरण प्रेमियों ने केक काट पौधों का जन्मदिन मनाया.

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पेड़ का जन्मदिन
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Published : Aug 27, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: आपने इंसानों और कुछ पालतू जानवरों के साथ चिड़ियाघर के जानवरों का बर्थ-डे सेलिब्रेट होते देखा होगा. आज हम आपको इन सबसे हटकर पेड़-पौधों के जन्मदिन मनाने की खबर दिखा रहे हैं.

पेड़-पौधों का जन्मदिन

जी हां, अंबिकापुर में धूम-धाम से पेड़-पौधों का जन्मदिन मनाया गया है. इस अवसर पर न सिर्फ केक काटा गया है, बल्कि पूरे गार्डन को सजाया भी गया था. पेड़ों में जीवन की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु के सिद्धांतों पर अमल करते हुए शहर को पर्यावरण प्रेमियों ने केक काट पौधों का जन्मदिन मनाया. बर्थ-डे सेलिब्रेशन में सबसे पहले पेड़-पौधों को भी केक खिलाया गया.

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रुनझुन तालाब को गुब्बारों से साजा गया

जन्मदिन के मौके पर पूर्व विधायक रजनी रविशंकर त्रिपाठी और अनुष्ठा गुप्ता ने केक काटकर पेड़-पौधों का जन्मदिन मनाया. मौके पर शहरभर के तमाम पर्यावरण प्रेमी भी उपस्थित रहे.
इस आयोजन के बाद कुछ लोगों ने प्रतिक्रितया देते हुए कहा कि भले ही यह तरीका बचकाना लग सकता है, लेकिन इसके पीछे बड़ी सोच छिपी हुई है, सोच ऐसी जो सम्पूर्ण भू-भाग में रहने वाले लोगों के जीवन की मंगलकामना के लिए सार्थक प्रयास होगा. पौधरोपण को अपने जीवन में परिवारिक आयोजन के रूप में अपनाने की यह परंपरा पेड़-पौधों से उतना ही लगाव बढ़ाती है. जितना हम अपने परिवार के सदस्यों से रखते हैं.

पढ़ें- बलरामपुर: लगातार हो रही बारिश ने मचाया हाहाकार, पुल पर फंसे पेड़ से आवागमन बाधित

4 साल पहले लगाये गए थे पौधे

चार साल पहले जिन पौधों का रोपण किया गया था, वो आज पेड़ का रूप ले चुकी है और इनमें से कई फलदार पेड़ों ने फल देना भी शुरू कर दिया है. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण जन्मदिन का कार्यक्रम सीमित रखा गया था. पर्यावरण संरक्षण के नाम पर शासन-प्रसाशन और विभिन्न संस्थाओं ने हर साल बारिश के मौसम में पौधरोपण का अभियान चलाया जाता है, लेकिन इनमें से कितने पौधे जीवित रह पाते हैं, इसका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. शहर में एक ऐसी संस्था भी है जिसने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण किया बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और एक बंधन को बनाए रखने के लिए हर साल उनका बर्थ-डे भी धूमधाम से मनाती है.

रविशंकर त्रिपाठी की स्मृति सेवा समिति ने लिया है गोद

शहर के रुनझुन तालाब को दिवगंत रविशंकर त्रिपाठी की स्मृति सेवा समिति ने नगर निगम से गोद लिया है. इस तालाब की साफ-सफाई करने के साथ ही 25 अगस्त 2016 को तालाब परिसर में पौधरोपण की शुरूआत की गई थी. अच्छी बात यह है कि इस समिति ने सिर्फ पौधरोपण कर अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की बल्कि लगातार उनकी देखरेख भी करते रहे. लोगों में पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल रविशंकर त्रिपाठी स्मृति सेवा समिति ने पेड़-पौधों का जन्म दिन भी मनाया जाता है.

सरगुजा: आपने इंसानों और कुछ पालतू जानवरों के साथ चिड़ियाघर के जानवरों का बर्थ-डे सेलिब्रेट होते देखा होगा. आज हम आपको इन सबसे हटकर पेड़-पौधों के जन्मदिन मनाने की खबर दिखा रहे हैं.

पेड़-पौधों का जन्मदिन

जी हां, अंबिकापुर में धूम-धाम से पेड़-पौधों का जन्मदिन मनाया गया है. इस अवसर पर न सिर्फ केक काटा गया है, बल्कि पूरे गार्डन को सजाया भी गया था. पेड़ों में जीवन की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु के सिद्धांतों पर अमल करते हुए शहर को पर्यावरण प्रेमियों ने केक काट पौधों का जन्मदिन मनाया. बर्थ-डे सेलिब्रेशन में सबसे पहले पेड़-पौधों को भी केक खिलाया गया.

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रुनझुन तालाब को गुब्बारों से साजा गया

जन्मदिन के मौके पर पूर्व विधायक रजनी रविशंकर त्रिपाठी और अनुष्ठा गुप्ता ने केक काटकर पेड़-पौधों का जन्मदिन मनाया. मौके पर शहरभर के तमाम पर्यावरण प्रेमी भी उपस्थित रहे.
इस आयोजन के बाद कुछ लोगों ने प्रतिक्रितया देते हुए कहा कि भले ही यह तरीका बचकाना लग सकता है, लेकिन इसके पीछे बड़ी सोच छिपी हुई है, सोच ऐसी जो सम्पूर्ण भू-भाग में रहने वाले लोगों के जीवन की मंगलकामना के लिए सार्थक प्रयास होगा. पौधरोपण को अपने जीवन में परिवारिक आयोजन के रूप में अपनाने की यह परंपरा पेड़-पौधों से उतना ही लगाव बढ़ाती है. जितना हम अपने परिवार के सदस्यों से रखते हैं.

पढ़ें- बलरामपुर: लगातार हो रही बारिश ने मचाया हाहाकार, पुल पर फंसे पेड़ से आवागमन बाधित

4 साल पहले लगाये गए थे पौधे

चार साल पहले जिन पौधों का रोपण किया गया था, वो आज पेड़ का रूप ले चुकी है और इनमें से कई फलदार पेड़ों ने फल देना भी शुरू कर दिया है. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण जन्मदिन का कार्यक्रम सीमित रखा गया था. पर्यावरण संरक्षण के नाम पर शासन-प्रसाशन और विभिन्न संस्थाओं ने हर साल बारिश के मौसम में पौधरोपण का अभियान चलाया जाता है, लेकिन इनमें से कितने पौधे जीवित रह पाते हैं, इसका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. शहर में एक ऐसी संस्था भी है जिसने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण किया बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और एक बंधन को बनाए रखने के लिए हर साल उनका बर्थ-डे भी धूमधाम से मनाती है.

रविशंकर त्रिपाठी की स्मृति सेवा समिति ने लिया है गोद

शहर के रुनझुन तालाब को दिवगंत रविशंकर त्रिपाठी की स्मृति सेवा समिति ने नगर निगम से गोद लिया है. इस तालाब की साफ-सफाई करने के साथ ही 25 अगस्त 2016 को तालाब परिसर में पौधरोपण की शुरूआत की गई थी. अच्छी बात यह है कि इस समिति ने सिर्फ पौधरोपण कर अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की बल्कि लगातार उनकी देखरेख भी करते रहे. लोगों में पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल रविशंकर त्रिपाठी स्मृति सेवा समिति ने पेड़-पौधों का जन्म दिन भी मनाया जाता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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