सरगुजा: डोर टू डोर कचरा कलेक्शन. फिर कचरे का प्रबंधन कर उससे कमाई. देश का पहला गार्बेज कैफे का तमगा. देश भर में गार्बेज फ्री सिटी के रूप में पहचान. इतना ही नहीं, वाटर प्लस में वाटर रिसोर्सेस का शुद्धिकरण जैसे तमाम ऐसे काम अम्बिकापुर ने किये हैं, जिसे देखने और उसे सीखने के लिए महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को अंबिकापुर पहुंचा है. प्रतिनिधिमंडल ने दिनभर यहां संचालित कार्यों का अवलोकन किया. फिर स्वच्छता दीक्षा सेंटर में कार्यों की समीक्षा भी की.
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मिशन संचालक को खूब भाया सेल्फ सेस्टनेबल मॉडल
महाराष्ट्र सरकार के स्वच्छता भारत मिशन के मिशन संचालक अनिल मूले ने ETV भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि वे अंबिकापुर के मॉडल से खासे प्रभावित हुए हैं और यहां की कुछ चीजों को पूरे महाराष्ट्र में शुरू करने का प्रयास भी करेंगे. खासकर अम्बिकापुर का सेल्फ सेस्टनेबल मॉडल उन्हें बेहद पसंद आया. कैसे कम खर्चे में यहां काम हो रहा है, ये बड़ी बात है. इसके अलावा शहर में वर्मी कंपोस्ट के निर्माण और उसके लिंकेज के तरीके से भी महाराष्ट्र के अधिकारी प्रभावित हुए हैं.
अंबिकापुर का सेग्रीगेशन सेंटर बेहद आकर्षक
उन्होंने बताया कि जिस तरह से वर्मी कंपोस्ट किसानों तक पहुंच रहा है और वे इससे फायदे भी ले रहे हैं, यह काफी बेहतरीन है. अंबिकापुर को 5 स्टार रेटिंग व अन्य पुरस्कार मिलने पर मिशन संचालक अनिल मूले ने नगर निगम की टीम के साथ पूरे शहर को बधाई दी. उन्होंने कहा कि सेग्रीगेशन सेंटर बेहद आकर्षक है. यहां जिस तरह से कचरों को 60 अलग-अलग रूपों में छांटा जा रहा है और वाटर प्लस के तहत पानी को 17 स्थानों पर साफ करना यह सब उपलाधियां हैं.
कचरा प्रबंधन के लिए भी दी बधाई
इसके साथ ही महाराष्ट्र की टीम ने अंबिकापुर नगर निगम में कचरा प्रबंधन की टेक्निकल टीम की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि ऐसे काबिल और काम करने वाले लोगों के कारण ही यह मुकाम अंबिकापुर को हासिल हुआ है. इस दौरान महाराष्ट्र सरकार की टीम के साथ रितेश सैनी के नेतृत्व में अम्बिकापुर के टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीम भी दिनभर साथ रही. जिला प्रशासन की ओर से साइंटिस्ट डॉ. प्रशांत शर्मा भी उनके साथ रहे.