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कौशल विकास में देश में दूसरे स्थान पर अंबिकापुर, रेणु पांडेय को कौशलाचार्य समादर पुरस्कार

कौशल विकास रोजगार में अंबिकापुर को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है. अंबिकापुर लगातार सफलता की कहानी गढ़ रहा है. कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की तरफ से रेणु पांडेय को कौशलाचार्य समादर पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है.

Ambikapur second in skill development scheme
कौशल विकास में अम्बिकापुर दूसरे स्थान पर
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Published : Sep 15, 2020, 2:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: अंबिकापुर लगातार केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में सुर्खियों में रहता है. स्वच्छ भारत मिशन में कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुका ये शहर एक बार फिर टॉप लिस्ट में दूसरे स्थान पर है. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कौशल विकास के जरिए रोजगार देने में अम्बिकापुर ने पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया है. इसके साथ ही जन शिक्षण संस्थान की मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय को भी केंद्र की तरफ से कौशलाचार्य समादर पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है.

जन शिक्षण संस्थान की ट्रेनर रेणु पांडेय
दरअसल, जन शिक्षण संस्थान के जरिये ऐसे लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जो कम पढ़े-लिखे हैं या बेरोजगार हैं. अम्बिकापुर में भी जन शिक्षण संस्थान कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण देता है. स्किल डेवलपमेंट के काम को जमीन पर उतारते हुये यहां के प्रशिक्षित समूहों ने प्लास्टिक मुक्त अभियान के लिए न सिर्फ 10 हजार कपड़े के थैले बनाए, बल्कि कोरोना संकट में 80 हजार से 1 लाख मास्क का निर्माण किया. लॉकडाउन के कारण जब पूरे मार्केट में मास्क की कमी हुई, तब भी इस समूह ने 1 लाख मास्क बनाए. जिला प्रशासन के सामने आने वाली इस बड़ी चुनौती को खत्म किया.
Ambikapur second in skill development scheme
जन शिक्षण संस्थान की ट्रेनर रेणु पांडेय

पढ़ें : सांसद फूलो देवी नेताम ने उठाया छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का मुद्दा

मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय बताती हैं कि लॉकडाउन में जब मास्क के लिए कपड़ा, सुई और धागा तक खरीदना मुश्किल था, तब उनकी टीम ने ये काम किया. प्रशासन की मदद से दुकानों से सामान उपलब्ध कराए गए और सिर्फ एक ट्रेनर के अंडर आने वाले 139 प्रशिक्षित लोगों ने 80 हजार से एक लाख तक मास्क का निर्माण किया. लॉकडाउन में जब हर व्यक्ति बेरोजगार बैठा था, तब इन महिलाओं और पुरुषों के समूह ने घर बैठे आमदनी के साथ कोरोना से लड़ने में प्राशासन की मदद की. मास्क निर्माण के लिए समूह के लोगों को 5 रुपये प्रति मास्क दिया गया, जिससे उन्हें घर बैठे आमदनी का साधन भी मिल गया था. इन सभी प्रयासों का केंद्र रही मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय को केंद्र सरकार ने इस काम के लिए पुरस्कृत किया. रेणु पांडेय और उनके द्वारा प्रशिक्षित टीम ने जो काम किया, उसके लिए अम्बिकापुर ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है.

Ambikapur second in skill development scheme
ई साक्षरता केंद्र

मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय सम्मानित

5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन आयोजित सम्मान समारोह को इस साल कोरोना महामारी की वजह से 10 सितंबर को ऑनलाइन आयोजित किया गया. इसमें यह घोषणा की गई. अम्बिकापुर ने ड्रेस मेकिंग और कोरोना काल में मास्क निर्माण के लिए देश में दूसरा स्थान हासिल किया है. मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय को कौशलाचार्य समादर पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया.

Ambikapur second in skill development scheme
कौशलाचार्य समादर पुरस्कार में चयनित
एक कदम सफलता की पूंजी

यह अवॉर्ड भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की ओर से दिया गया, जिसमें देश के कई अन्य शहरों को भी सम्मानित किया गया है. लेकिन देशभर के शहरों में दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर का होना बड़ी बात है. सरकार की योजना के साथ एक महिला की ओर से किये गये प्रयास की बदौलत अम्बिकापुर एक बार फिर अपना नाम केंद्रीय पटल पर अंकित करने में कामयाब रहा. जाहिर है कि इस तरह की उपलब्धियां लोगों को मोटिवेट करती हैं कि वो शासन की योजनाओं के साथ जुड़ें और नई-नई योजनाओं का लाभ लेकर रोजगार के नए अवसर से अपना भविष्य संवारें.

Ambikapur second in skill development scheme
कौशलाचार्य समादर पुरस्कार में चयनित

सरगुजा: अंबिकापुर लगातार केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में सुर्खियों में रहता है. स्वच्छ भारत मिशन में कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुका ये शहर एक बार फिर टॉप लिस्ट में दूसरे स्थान पर है. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कौशल विकास के जरिए रोजगार देने में अम्बिकापुर ने पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया है. इसके साथ ही जन शिक्षण संस्थान की मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय को भी केंद्र की तरफ से कौशलाचार्य समादर पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है.

जन शिक्षण संस्थान की ट्रेनर रेणु पांडेय
दरअसल, जन शिक्षण संस्थान के जरिये ऐसे लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जो कम पढ़े-लिखे हैं या बेरोजगार हैं. अम्बिकापुर में भी जन शिक्षण संस्थान कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण देता है. स्किल डेवलपमेंट के काम को जमीन पर उतारते हुये यहां के प्रशिक्षित समूहों ने प्लास्टिक मुक्त अभियान के लिए न सिर्फ 10 हजार कपड़े के थैले बनाए, बल्कि कोरोना संकट में 80 हजार से 1 लाख मास्क का निर्माण किया. लॉकडाउन के कारण जब पूरे मार्केट में मास्क की कमी हुई, तब भी इस समूह ने 1 लाख मास्क बनाए. जिला प्रशासन के सामने आने वाली इस बड़ी चुनौती को खत्म किया.
Ambikapur second in skill development scheme
जन शिक्षण संस्थान की ट्रेनर रेणु पांडेय

पढ़ें : सांसद फूलो देवी नेताम ने उठाया छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का मुद्दा

मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय बताती हैं कि लॉकडाउन में जब मास्क के लिए कपड़ा, सुई और धागा तक खरीदना मुश्किल था, तब उनकी टीम ने ये काम किया. प्रशासन की मदद से दुकानों से सामान उपलब्ध कराए गए और सिर्फ एक ट्रेनर के अंडर आने वाले 139 प्रशिक्षित लोगों ने 80 हजार से एक लाख तक मास्क का निर्माण किया. लॉकडाउन में जब हर व्यक्ति बेरोजगार बैठा था, तब इन महिलाओं और पुरुषों के समूह ने घर बैठे आमदनी के साथ कोरोना से लड़ने में प्राशासन की मदद की. मास्क निर्माण के लिए समूह के लोगों को 5 रुपये प्रति मास्क दिया गया, जिससे उन्हें घर बैठे आमदनी का साधन भी मिल गया था. इन सभी प्रयासों का केंद्र रही मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय को केंद्र सरकार ने इस काम के लिए पुरस्कृत किया. रेणु पांडेय और उनके द्वारा प्रशिक्षित टीम ने जो काम किया, उसके लिए अम्बिकापुर ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है.

Ambikapur second in skill development scheme
ई साक्षरता केंद्र

मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय सम्मानित

5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन आयोजित सम्मान समारोह को इस साल कोरोना महामारी की वजह से 10 सितंबर को ऑनलाइन आयोजित किया गया. इसमें यह घोषणा की गई. अम्बिकापुर ने ड्रेस मेकिंग और कोरोना काल में मास्क निर्माण के लिए देश में दूसरा स्थान हासिल किया है. मास्टर ट्रेनर रेणु पांडेय को कौशलाचार्य समादर पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया.

Ambikapur second in skill development scheme
कौशलाचार्य समादर पुरस्कार में चयनित
एक कदम सफलता की पूंजी

यह अवॉर्ड भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की ओर से दिया गया, जिसमें देश के कई अन्य शहरों को भी सम्मानित किया गया है. लेकिन देशभर के शहरों में दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर का होना बड़ी बात है. सरकार की योजना के साथ एक महिला की ओर से किये गये प्रयास की बदौलत अम्बिकापुर एक बार फिर अपना नाम केंद्रीय पटल पर अंकित करने में कामयाब रहा. जाहिर है कि इस तरह की उपलब्धियां लोगों को मोटिवेट करती हैं कि वो शासन की योजनाओं के साथ जुड़ें और नई-नई योजनाओं का लाभ लेकर रोजगार के नए अवसर से अपना भविष्य संवारें.

Ambikapur second in skill development scheme
कौशलाचार्य समादर पुरस्कार में चयनित
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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