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अम्बिकापुर नगर निगम करेगा शहर की स्कूलों का सर्वेक्षण, साफ सफाई होगा आधार

survey of schools in Ambikapur अम्बिकापुर नगर निगम अब अपने शहर में स्कूलों का सर्वेक्षण करने जा रहा है. सर्वेक्षण के लिए शहर के शासकीय और निजी स्कूलों के बीच प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी. सर्वेक्षण में अधिक अंक हासिल करने के लिये जो पैरामीटर नगर निगम ने बनाये हैं, उनमें पूछा जायेगा. सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले स्कूलों में कौन नंबर एक, दो और तीसरे स्थान पर है, यह डिसाइड किया जायेगा. बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्कूलों को इनाम भी दिए जायेंगे. सर्वेक्षण में साफ सफाई का भी मापदंड रखा गया है

Municipal Corporation will survey of schools
अम्बिकापुर नगर निगम करेगा शहर की स्कूलों का सर्वेक्षण
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Published : Nov 25, 2022, 9:46 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: स्वच्छता के क्षेत्र में आगे रहने वाला छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर नगर निगम अब अपने शहर में भी सर्वेक्षण (Municipal Corporation will survey of schools) करेगा. यह प्रतियोगिता शहर के शासकीय और निजी स्कूलों के बीच आयोजित होगी. जिस तरह देश मे नगरीय निकायों का स्वच्छता सर्वेक्षण होता है, उसी तरह स्कूलों का सर्वेक्षण किया जायेगा. प्राप्त अंकों के आधार पर कैटेगरी निर्धारित की जायेगी और बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्कूलों को इनाम भी दिए जायेंगे. survey of schools in Ambikapur

अम्बिकापुर नगर निगम करेगा शहर की स्कूलों का सर्वेक्षण



29 नवंबर तक होंगे आवेदन: अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र की सभी स्कूलों के बीच एक प्रतियोगिता के माध्यम से यह सर्वेक्षण किया जायेगा. स्कूल इसके लिये ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं. 29 नवम्बर तक यह आवेदन किये जा सकेंगे. इसके बाद प्रतियोगिता शुरु होगी. प्रतियोगिता के लिये नगर निगम ने मापदंड तय किए हैं.



क्या होंगे पैरामीटर: सर्वेक्षण में अधिक अंक हासिल करने के लिये जो पैरामीटर नगर निगम ने बनाये हैं, उनमें पूछा जायेगा कि स्कूल में स्वच्छता समिति का गठन किया गया है या नहीं. समिति की बैठक आयोजित हुई या नहींं, स्वीपिंग स्टाफ की स्थिति, कितने कर्मचारी उपलब्ध हैं.



यह भी पढ़ें: सरगुजा में एयरपोर्ट का काम अधूरा, अंबिकापुर में हवाई सेवा उड़ान का सपना कब होगा पूरा


शौचालय की उपलब्धता: पुरुष और महिला कर्मचारियों और छात्रों के लिये अलग अलग स्वच्छ शौचालय की सुविधा है. जिसमे रनिंग वाटर और उचित वेंटिलेशन हो. एकल शौचालय है या बिना रनिंग वाटर का शौचालय है. हर तरह के शौचालय के लिये अलग अलग अंक निर्धारित किए गये हैं. अगर महिला पुरुष का अलग अलग शौचालय रनिंग वाटर और वेंटिलेशन के साथ है, तो इसके लिये स्कूल को 20 अंक मिलेंगे. लेकिन सुविधाओं में कमी के साथ साथ अंकों में भी कटौती की जायेगी. जो पैरामीटर नगर निगम ने बनाये हैं, उनमें पूछा जायेगा कि गीले कचरे और सूखे कचरे को 2 अलग अलग कूड़ेदान में रखते हैं या एक ही कूड़ेदान में, गीला कचरा सूखा कचरा अलग अलग रखते हैं या नही, डस्टबिन है भी या नहीं. यूजर चार्ज की जानकारी है या नहीं. छात्रों को वेस्ट टू वेल्थ की बारे में जानकारी है या नहीं. घरेलू होम कम्पोस्टिंग की जानकारी है या नहीं. क्या स्कूल कम्पोस्टिंग करता है या नहीं.



सेल्फ असेसमेंट से शुरुआत: इस तरह के सवाल ऑनलाइन असेसमेंट में स्कूलों से पूछे जाएंगे. इनके जवाब स्कूलों को देना है. हर सवाल पर तीन ऑप्शन में अंक भी 3 कैटेगरी में दिये जायेंगे. प्रत्येक सवाल पर 20, 15, 10 या 5 अंक दिये जायेंगे. सभी सवालों के अंकों के योग के बाद सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले स्कूलों में कौन नंबर एक, दो और तीसरे स्थान पर है, यह डिसाइड किया जायेगा.



साइट वेरिफिकेशन: सेल्फ असेसमेंट के बाद साइट वेरिफिकेशन भी किया जाएगा. क्योंकि सेल्फ असेसमेंट में गलत जानकारी भी दी जा सकती है. स्कूलों द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन सर्वे टीम करेगी. जो स्कूल में जाकर के देखेगी कि जिन सुविधाओं का जिक्र सेल्फ असेसमेंट में किया गया है, वो वाकई में हैं या नही. इस वेरिफिकेशन के बाद ही अंक निर्धारित होंगे.



छात्रों से पूछेंगे सवाल: इस तरह के सर्वेक्षण में नंबर वन आने की होड़ में बहुत सी तैयारियां आनन फानन में भी कर ली जाती हैं. भले ही वो सुविधा पहले से वहां संचालित हो या ना हों. ऐसे में इसके सत्यापन के लिये नगर निगम की टीम छात्रों से सवाल पूछ कर क्रॉस चेक करेगी. इसके साथ ही सर्वेक्षण के कुछ बिंदु ऐसे भी हैं, जिनका संबंध सीधा छात्रों से है.



छात्र सीखेंगे स्वच्छता के गुर: इस प्रतियोगिता के पीछे उद्देश्य शहर को साफ रखना और भविष्य की प्लानिंग के तहत छोटे बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. स्वच्छता के लिये किये जा रहे तमाम कार्यों और प्रयासों की जानकारी छात्रों को होगी. इसके साथ ही इस बात का आंकलन भी हो सकेगा कि देश को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले शहर के स्कूल खुद इसका कितना पालन कर रहे हैं.

सरगुजा: स्वच्छता के क्षेत्र में आगे रहने वाला छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर नगर निगम अब अपने शहर में भी सर्वेक्षण (Municipal Corporation will survey of schools) करेगा. यह प्रतियोगिता शहर के शासकीय और निजी स्कूलों के बीच आयोजित होगी. जिस तरह देश मे नगरीय निकायों का स्वच्छता सर्वेक्षण होता है, उसी तरह स्कूलों का सर्वेक्षण किया जायेगा. प्राप्त अंकों के आधार पर कैटेगरी निर्धारित की जायेगी और बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्कूलों को इनाम भी दिए जायेंगे. survey of schools in Ambikapur

अम्बिकापुर नगर निगम करेगा शहर की स्कूलों का सर्वेक्षण



29 नवंबर तक होंगे आवेदन: अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र की सभी स्कूलों के बीच एक प्रतियोगिता के माध्यम से यह सर्वेक्षण किया जायेगा. स्कूल इसके लिये ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं. 29 नवम्बर तक यह आवेदन किये जा सकेंगे. इसके बाद प्रतियोगिता शुरु होगी. प्रतियोगिता के लिये नगर निगम ने मापदंड तय किए हैं.



क्या होंगे पैरामीटर: सर्वेक्षण में अधिक अंक हासिल करने के लिये जो पैरामीटर नगर निगम ने बनाये हैं, उनमें पूछा जायेगा कि स्कूल में स्वच्छता समिति का गठन किया गया है या नहीं. समिति की बैठक आयोजित हुई या नहींं, स्वीपिंग स्टाफ की स्थिति, कितने कर्मचारी उपलब्ध हैं.



यह भी पढ़ें: सरगुजा में एयरपोर्ट का काम अधूरा, अंबिकापुर में हवाई सेवा उड़ान का सपना कब होगा पूरा


शौचालय की उपलब्धता: पुरुष और महिला कर्मचारियों और छात्रों के लिये अलग अलग स्वच्छ शौचालय की सुविधा है. जिसमे रनिंग वाटर और उचित वेंटिलेशन हो. एकल शौचालय है या बिना रनिंग वाटर का शौचालय है. हर तरह के शौचालय के लिये अलग अलग अंक निर्धारित किए गये हैं. अगर महिला पुरुष का अलग अलग शौचालय रनिंग वाटर और वेंटिलेशन के साथ है, तो इसके लिये स्कूल को 20 अंक मिलेंगे. लेकिन सुविधाओं में कमी के साथ साथ अंकों में भी कटौती की जायेगी. जो पैरामीटर नगर निगम ने बनाये हैं, उनमें पूछा जायेगा कि गीले कचरे और सूखे कचरे को 2 अलग अलग कूड़ेदान में रखते हैं या एक ही कूड़ेदान में, गीला कचरा सूखा कचरा अलग अलग रखते हैं या नही, डस्टबिन है भी या नहीं. यूजर चार्ज की जानकारी है या नहीं. छात्रों को वेस्ट टू वेल्थ की बारे में जानकारी है या नहीं. घरेलू होम कम्पोस्टिंग की जानकारी है या नहीं. क्या स्कूल कम्पोस्टिंग करता है या नहीं.



सेल्फ असेसमेंट से शुरुआत: इस तरह के सवाल ऑनलाइन असेसमेंट में स्कूलों से पूछे जाएंगे. इनके जवाब स्कूलों को देना है. हर सवाल पर तीन ऑप्शन में अंक भी 3 कैटेगरी में दिये जायेंगे. प्रत्येक सवाल पर 20, 15, 10 या 5 अंक दिये जायेंगे. सभी सवालों के अंकों के योग के बाद सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले स्कूलों में कौन नंबर एक, दो और तीसरे स्थान पर है, यह डिसाइड किया जायेगा.



साइट वेरिफिकेशन: सेल्फ असेसमेंट के बाद साइट वेरिफिकेशन भी किया जाएगा. क्योंकि सेल्फ असेसमेंट में गलत जानकारी भी दी जा सकती है. स्कूलों द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन सर्वे टीम करेगी. जो स्कूल में जाकर के देखेगी कि जिन सुविधाओं का जिक्र सेल्फ असेसमेंट में किया गया है, वो वाकई में हैं या नही. इस वेरिफिकेशन के बाद ही अंक निर्धारित होंगे.



छात्रों से पूछेंगे सवाल: इस तरह के सर्वेक्षण में नंबर वन आने की होड़ में बहुत सी तैयारियां आनन फानन में भी कर ली जाती हैं. भले ही वो सुविधा पहले से वहां संचालित हो या ना हों. ऐसे में इसके सत्यापन के लिये नगर निगम की टीम छात्रों से सवाल पूछ कर क्रॉस चेक करेगी. इसके साथ ही सर्वेक्षण के कुछ बिंदु ऐसे भी हैं, जिनका संबंध सीधा छात्रों से है.



छात्र सीखेंगे स्वच्छता के गुर: इस प्रतियोगिता के पीछे उद्देश्य शहर को साफ रखना और भविष्य की प्लानिंग के तहत छोटे बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. स्वच्छता के लिये किये जा रहे तमाम कार्यों और प्रयासों की जानकारी छात्रों को होगी. इसके साथ ही इस बात का आंकलन भी हो सकेगा कि देश को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले शहर के स्कूल खुद इसका कितना पालन कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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