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सफाई में 2 और कचरे से कमाई में प्रदेश में नंबर 1 है अंबिकापुर नगर निगम

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Published : Jan 5, 2020, 1:02 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर नगर निगम देशभर में कचरे की सफाई में नंबर 2 पर तो है ही, इसके साथ ही अब कचरे की कमाई से प्रदेश में अव्वल नंबर पर है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
कचरे से कमाई में प्रदेश में नंबर एक पर अंबिकापुर नगर निगम

सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में नंबर दो का खिताब हासिल करने वाले नगर निगम अंबिकापुर ने कचरे से कमाई का भी रिकॉर्ड कायम कर लिया है. अंबिकापुर नगर निगम में सिर्फ कचरे के दम पर साढ़े सात करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है. अंबिकापुर नगर निगम ने प्रदेश कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला पहला नगरीय निकाय बन गया है. नगर निगम की इस कमाई से ना सिर्फ स्वच्छता सर्वेक्षण के काम किए जा रहे हैं, बल्कि समूह में काम करने वाली 450 महिलाओं को रोजगार के अवसर भी दिए हैं.

कचरे से कमाई में प्रदेश में नंबर 1 अंबिकापुर नगर निगम

3 साल में साढ़े सात करोड़ की आमदनी
नगर निगम को बीते 3 साल में साढ़े सात करोड़ की आमदनी इसी कचरे से हुई है. दरअसल 4 करोड़ 75 लाख रुपए की कमाई समूह की महिलाओं ने लोगों के घरों से यूजर चार्ज लेकर एकत्र किए हैं. अंबिकापुर में हर एक घर से 50 रुपए प्रति महीने लिया जाता है. वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से 100 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. कुछ होटलों और मेडिकल प्रतिष्ठानों से ज्यादा मात्रा में कचरा निकलने की वजह से उन पर विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं

कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला पहला नगरीय निकाय
वहीं नगर निगम ने प्राप्त कचरे में से सूखे कचरे को अलग-अलग करके बेचने के बाद एक करोड़ 97 लाख रुपए की कमाई की है. इसके साथ ही गीले कचरे का निपटान कर उस से खाद बनाने की प्रोसेस से अंबिकापुर नगर निगम को 85 लाख 19 रुपए की आय हुई है. अब तक अंबिकापुर नगर निगम को कुल साढ़े सात करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो प्रदेश की बाकी निकायों की तुलना में सर्वाधिक है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
गार्बेज क्लिनिक अंबिकापुर

2015 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत
अंबिकापुर नगर निगम ने साल 2015 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और उसके प्रबंधन की शुरुआत की थी. शुरुआत में यह काम बहुत छोटे स्तर पर शुरू किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह वृहद रूप ले चुका है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
स्वच्छता को लेकर जागरुक अंबिकापुर के रहवासी

48 वार्डों में 457 महिलाएं करती हैं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डों में महिला समूह की 457 महिलाएं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं. यह महिलाएं शहर के करीब 24 हजार मकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा कलेक्शन करती हैं. गांव के पास 34 ई-रिक्शा और 100 मैनुअल हाथ चलित रिक्शा उपलब्ध है. जिसके सहारे कचरे को SLRM (Solid and Liquid resource Management) सेंटर तक लाया जाता है. वहीं बड़े व्यवसायिक संस्थानों के अधिक कचरे को SLRM सेंटर तक लाने के लिए 6 ऑटो टिपर की व्यवस्था की गई है.

ambikapur municipal corporation is first to get income from garbage in chhattisgarh
सफाईकर्मी

कचरे के प्रबंधन के लिए बनाए गए हैं 18 केंद्र
शहर से इकट्ठे होने वाले इस कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 17 केंद्रों में कचरे को अलग-अलग छांटा जाता है. वहीं एक एक केंद्र में एग्रीगेशन का काम किया जाता है. कचरा प्रबंधन के इस कार्य में लगी महिलाओं को प्रतिमाह 7 हजार रुपए वेतन के रूप में दिया जाता है. अंबिकापुर शहर में 50 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलता है. औसतन देखा जाए तो 1500 मीट्रिक टन कचरा एक महीने और 18 हजार मैट्रिक टन कचरा एक साल में अंबिकापुर के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलता है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
सुखे और गीले कचरों का ढेर

पढ़ें- खबर का असर : रैन बसेरे में निगम आयुक्त ने की गद्दे और कंबल की व्यवस्था

बकाया यूजर चार्ज देने की अपील
नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी कहना है कि, 'वह अभी इस दिशा में और अधिक जोर लगाएंगे और पूरा प्रयास करेंगे कि कचरा प्रबंधन से नगर निगम की आय बढ़ सके. जिससे समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने पर भी विचार किया जा सके.' वहीं नगर निगम आयुक्त ने शहरवासियों से बकाया यूजर चार्ज देने की अपील भी की है.

सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में नंबर दो का खिताब हासिल करने वाले नगर निगम अंबिकापुर ने कचरे से कमाई का भी रिकॉर्ड कायम कर लिया है. अंबिकापुर नगर निगम में सिर्फ कचरे के दम पर साढ़े सात करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है. अंबिकापुर नगर निगम ने प्रदेश कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला पहला नगरीय निकाय बन गया है. नगर निगम की इस कमाई से ना सिर्फ स्वच्छता सर्वेक्षण के काम किए जा रहे हैं, बल्कि समूह में काम करने वाली 450 महिलाओं को रोजगार के अवसर भी दिए हैं.

कचरे से कमाई में प्रदेश में नंबर 1 अंबिकापुर नगर निगम

3 साल में साढ़े सात करोड़ की आमदनी
नगर निगम को बीते 3 साल में साढ़े सात करोड़ की आमदनी इसी कचरे से हुई है. दरअसल 4 करोड़ 75 लाख रुपए की कमाई समूह की महिलाओं ने लोगों के घरों से यूजर चार्ज लेकर एकत्र किए हैं. अंबिकापुर में हर एक घर से 50 रुपए प्रति महीने लिया जाता है. वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से 100 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. कुछ होटलों और मेडिकल प्रतिष्ठानों से ज्यादा मात्रा में कचरा निकलने की वजह से उन पर विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं

कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला पहला नगरीय निकाय
वहीं नगर निगम ने प्राप्त कचरे में से सूखे कचरे को अलग-अलग करके बेचने के बाद एक करोड़ 97 लाख रुपए की कमाई की है. इसके साथ ही गीले कचरे का निपटान कर उस से खाद बनाने की प्रोसेस से अंबिकापुर नगर निगम को 85 लाख 19 रुपए की आय हुई है. अब तक अंबिकापुर नगर निगम को कुल साढ़े सात करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो प्रदेश की बाकी निकायों की तुलना में सर्वाधिक है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
गार्बेज क्लिनिक अंबिकापुर

2015 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत
अंबिकापुर नगर निगम ने साल 2015 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और उसके प्रबंधन की शुरुआत की थी. शुरुआत में यह काम बहुत छोटे स्तर पर शुरू किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह वृहद रूप ले चुका है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
स्वच्छता को लेकर जागरुक अंबिकापुर के रहवासी

48 वार्डों में 457 महिलाएं करती हैं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डों में महिला समूह की 457 महिलाएं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं. यह महिलाएं शहर के करीब 24 हजार मकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा कलेक्शन करती हैं. गांव के पास 34 ई-रिक्शा और 100 मैनुअल हाथ चलित रिक्शा उपलब्ध है. जिसके सहारे कचरे को SLRM (Solid and Liquid resource Management) सेंटर तक लाया जाता है. वहीं बड़े व्यवसायिक संस्थानों के अधिक कचरे को SLRM सेंटर तक लाने के लिए 6 ऑटो टिपर की व्यवस्था की गई है.

ambikapur municipal corporation is first to get income from garbage in chhattisgarh
सफाईकर्मी

कचरे के प्रबंधन के लिए बनाए गए हैं 18 केंद्र
शहर से इकट्ठे होने वाले इस कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 17 केंद्रों में कचरे को अलग-अलग छांटा जाता है. वहीं एक एक केंद्र में एग्रीगेशन का काम किया जाता है. कचरा प्रबंधन के इस कार्य में लगी महिलाओं को प्रतिमाह 7 हजार रुपए वेतन के रूप में दिया जाता है. अंबिकापुर शहर में 50 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलता है. औसतन देखा जाए तो 1500 मीट्रिक टन कचरा एक महीने और 18 हजार मैट्रिक टन कचरा एक साल में अंबिकापुर के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलता है.

ambikapur swacchta survekshan 2020
सुखे और गीले कचरों का ढेर

पढ़ें- खबर का असर : रैन बसेरे में निगम आयुक्त ने की गद्दे और कंबल की व्यवस्था

बकाया यूजर चार्ज देने की अपील
नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी कहना है कि, 'वह अभी इस दिशा में और अधिक जोर लगाएंगे और पूरा प्रयास करेंगे कि कचरा प्रबंधन से नगर निगम की आय बढ़ सके. जिससे समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने पर भी विचार किया जा सके.' वहीं नगर निगम आयुक्त ने शहरवासियों से बकाया यूजर चार्ज देने की अपील भी की है.

Intro:सरगुजा : स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में नंबर दो का खिताब हासिल करने वाले नगर निगम अंबिकापुर में कचरे से कमाई का भी रिकॉर्ड कायम कर लिया है अंबिकापुर नगर निगम में मार्च कचरे के दम पर साढे सात करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है। कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला अंबिकापुर नगर निगम प्रदेश की पहली नगरीय निकाय है। नगर निगम द्वारा इस कमाई से ना सिर्फ स्वच्छता सर्वेक्षण के काम किए जा रहे हैं बल्कि समूह में काम करने वाली 450 महिलाओं को रोजगार के अवसर भी दिए गए हैं।

अंबिकापुर नगर निगम द्वारा वर्ष 2015 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और उसके प्रबंधन की शुरुआत की गई थी शुरुआत में यह काम बहुत छोटे स्तर पर शुरू किया गया था लेकिन धीरे-धीरे आज यह बृहद रूप ले चुका है अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डों में महिला समूह की 457 महिलाएं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करती हैं यह महिलाएं शहर के करीब 24 हजार मकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा कलेक्शन करती हैं गांव के पास 34 ई रिक्शा तो वही 100 मैनुअल हाथ चलित रिक्शा उपलब्ध है जिसके सहारे कचरे को एसएलआरएम सेंटर तक लाया जाता है। वही बड़े व्यवसायिक संस्थानों के अधिक कचरे को एसएलआरएम सेंटर तक लाने के लिए 6 ऑटो टिपर की व्यवस्था की गई है।


Body:शहर से इकट्ठे होने वाले इस कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें 17 केंद्रों में कचरे को अलग अलग छटा जाता है वही एक 1 केंद्र में एग्रीगेशन का काम किया जाता है, कचरा प्रबंधन के इस कार्य में लगी महिलाओं को प्रतिमाह 7 हजार रुपए वेतन के रूप में दिया जाता है। अंबिकापुर शहर में 50 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलता है औसतन देखा जाए तो 15 सौ मीट्रिक टन कचरा एक माह और 18 हजार मैट्रिक टन कचरा एक साल में अम्बिकापुर के घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानो से निकलता है।

नगर निगम को बीते 3 वर्ष में साढ़े सात करोड़ की आमदनी इसी कचरे से हुई है दरअसल 4 करोड़ 75 लाख रुपए की कमाई समूह की महिलाओं ने लोगों के घरों से यूजर चार्ज लेकर एकत्र किए हैं अंबिकापुर में प्रत्येक मकान से ₹50 प्रति महीना लिया जाता है वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से ₹100 का शुल्क निर्धारित किया गया है वहीं कुछ होटलों वा मेडिकल प्रतिष्ठानों से अधिक मात्रा में कचरा निकलने की वजह से उन पर विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है। वहीं नगर निगम ने प्राप्त कचरे में से सूखे कचरे को अलग-अलग करके बेचने के बाद एक करोड़ 9700000 रुपए की कमाई की है। इसके साथ ही गीले कचरे का निपटान कर उस से खाद बनाने की प्रोसेस से अंबिकापुर नगर निगम को 85 लाख 19 रुपए की आय हुई है, बहरहाल अब तक अम्बिकापुर नगर निगम को कुल साढ़े सात करोड़ रुपये की कमाई हुई है जो प्रदेश की बाकी निकायों की तुलना में सर्वाधिक है।


Conclusion:नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी कहना है कि वह अभी इस दिशा में और अधिक जोर लगाएंगे और पूरा प्रयास करेंगे कि कचरा प्रबंधन से नगर निगम की आय बढ़ सके जिससे समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने पर भी विचार किया जा सके वहीं नगर निगम आयुक्त ने शहरवासियों से बकाया यूजर चार्ज देने की अपील भी की है।

बाईट01_हरेश मंडावी (आयुक्त ननि अम्बिकापुर)

देश दीपक सरगुज़ा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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