अंबिकापुर: कोरोना संक्रमण भारत में आने के बाद देश लॉकडाउन में चला गया था. नतीजतन सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. इधर देश में अनलॉक होने के बाद अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में बेतहाशा गिरावट देखी गई. सरगुजा संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी इस दौरान मरीजों की संख्या घटी. हालांकि अब धीरे-धीरे फिर से यहां के OPD और IPD में मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
पिछले साल की तुलना में अस्पताल में कम हुई मरीजों की संख्या
OPD और IPD में साल 2019 और 2020 में अप्रैल से अगस्त माह तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ देखा जा सकता है कि बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष मरीजों की संख्या कम हुई है. इस साल अप्रैल से अगस्त तक के बीच कोरोना ने अपने पैर पूरी तरह से पसार दिए, लेकिन इसके उलट अस्पतालों में दूसरे बीमारियों के मरीजों की संख्या में कमी आई है.
- 2019 में अप्रैल-अगस्त में IPD में 19 हजार 265 केस आए
- OPD में 1 लाख 16 हजार 855 मरीज पहुंचे
- कैजुअल्टी में 29 हजार 585 मरीजों का हुआ इलाज
- 2020 में अप्रैल से अगस्त के बीच अस्पतालों में कम पहुंचे मरीज
- 14 हजार 566 मरीज पहुंचे IPD
- OPD में 64 हजार 976 मरीजों की हुई इंट्री
- कैजुअल्टी में 13124 मरीजों का इलाज
- पिछले साल की तुलना में अस्पताल में 40 प्रतिशत कम हुए मरीज
- कैजुअल्टी का आंकड़ा 50 प्रतिशत से नीचे रहा
धीरे-धीरे अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज
अब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन लॉकडाउन खुलने के बाद ज्यादा से ज्यादा मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास कर रहा है. सबसे अहम बात ये है कि सुविधाओं के साथ-साथ यहां आने वाले मरीजों सहित मेडिकल स्टाफ को भी कोरोना से रक्षा करने की चुनौती से भी लड़ना पड़ रहा है.
OPD में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से बचने के लिये पर्याप्त इंतजाम कर रखे हैं. फिजिकल डिस्टेंसिंग सहित, पॉलीथिन का पर्दा लगाकर डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं. वहीं कोरोना जैसे लक्षण वाले मरीजों के लिये अलग से OPD बनाई गई है. ऐसे मरीज जिन्हें सर्दी, खांसी और कोरोना जैसे लक्षण हैं, उन्हें आम OPD में प्रवेश नहीं दिया जा रहा, बल्कि उनके लिए अस्पताल के बाहर ही चेकअप की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा ऐसे पेशेंट कोरोना हेल्प डेस्क के माध्यम से विशेष OPD में अपनी जांच और इलाज कराते हैं.