सारंगढ़ बिलाईगढ़ : आज हम बात करेंगे सारंगढ़ विधानसभा की.जो अब नए जिले सांरगढ़ बिलाईगढ़ में आता है. इस विधानसभा में मौजूदा समय में कांग्रेस का कब्जा है.उत्तरी गणपत जांगड़े ने पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी. इस दौरान उत्तरी जांगड़े को बरमकेला क्षेत्र से बड़ी बढ़त मिली थी.अगर सारंगढ़ विधानसभा का इतिहास उठाकर देखा जाए तो यहां कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. पांच साल में होने वाले चुनाव में जनता अपना नेता बदलती रही है.इस विधानसभा से इस बार कांग्रेस ने उत्तरी जांगड़े को टिकट दिया है.वहीं बीजेपी से शिवकुमारी चौहान को मैदान में उतारा है.
कौन है इस बार आमने सामने : सारंगढ़ विधानसभा पर इस बार कांग्रेस ने उत्तरी जांगड़े को उम्मीदवार बनाया है.वहीं बीजेपी की ओर सो शिवकुमारी चौहान मैदान में चुनौती देंगी. सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बनने से पहले सारंगढ़ सीट रायगढ़ जिले में आती थी.मौजूदा समय में सारंगढ़ बिलाईगढ़ का तीसवां जिला बन चुका है.साल 2021 15 अगस्त के दिन सीएम भूपेश बघेल ने सारंगढ़ बिलाईगढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा किया थी.इसके दो महीने बाद 20 अक्टूबर 2022 को राजपत्र में इस जिले को शामिल करने की आधिकारिक घोषणा हुई.
मतदाताओं की स्थिति :आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सारंगढ़ बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 263526 हैं. जिसमें पुरुषों की संख्या 130646 और महिला मतदाता 132876 हैं. तृतीय लिंग के 4 मतदाता, डाकसेवा मतदाता 297, युवा मतदाता 12428, दिव्यांग मतदाता 7131 हैं. सारंगढ़ बिलाईगढ़ के 59 मतदाता रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के केंद्र में वोट डालेंगे.
सारंगढ़ विधानसभा की समस्याएं और मुद्दे : सारंगढ़ बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र का रेवेन्यू जेनरेट करने का मुख्य स्रोत स्टोन क्रशर खदानें हैं. यहां के ट्रिमरलगा गांव से कई दर्जन गिट्टी खदान हैं. जहां से सारंगढ़ के साथ ही साथ रायगढ़, ओड़िसा में पत्थर सप्लाई किए जाते हैं. सारंगढ़ के व्यापारी ज्यादातर खरीदारी ओड़िसा से करते हैं. लिहाजा सड़कों में हैवी गाड़ियों का परिचालन होता है. जिसके कारण सड़कों की हालत खस्ता है.तालाबों का शहर कहे जाने वाले सारंगढ़ में तालाबों की हालत खस्ता है.बस स्टैंड में सुविधाओं की कमी है. सारंगढ़ बिलाईगढ़ को एक साथ जिला बनाने का विरोध हो रहा है.स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए तो अभी भी सारंगढ़ में काफी काम होना बाकी है.वहीं आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल नहीं खुलने से भी स्थानीय लोग नाराज हैं.
2018 के नतीजे- विधानसभा 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का 15 साल का वनवास खत्म हो गया. कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में जीत हासिल की थी.जिसमें सारंगढ़ सीट से कांग्रेस के उत्तरी जांगड़े ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के केराबाई मनहर को 52389 वोट से मात दी थी.कांग्रेस के उत्तरी गनपत जांगड़े को 101834 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी रही. बीजेपी से केराबाई मनहर को 49445 वोट मिला. बसपा के अरविंद कुमार को 31083 वोट हासिल किए.
2013 के नतीजे-2013 में केरा बाई मनहर भाजपा प्रत्याशी ने 81971 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. वहीं दूसरा स्थान कांग्रेस प्रत्याशी पदमा घनश्याम मनहर का रहा. बीजेपी की प्रत्याशी केराबाई मनहर 15844 मतो के अंतर से जीत दर्ज की थी.
सारंगढ़ विधानसभा का इतिहास : किसी जमाने में सारंगढ़ की राजनीति गिरिविलास पैलेस से संचालित होती थी. वक्त बदला और हालात बदले तो राज परिवार ने राजनीति से दूरी बना ली.जिसके बाद से इस सीट पर कभी भी राजपरिवार का दखल नहीं रहता है. इस सीट पर पहले कांग्रेस का कब्जा था.इसके बाद बसपा ने साल 2003 और 2008 के चुनाव में लगातार जीत दर्ज कर इसे बसपा का गढ़ बनाया.लेकिन साल 2013 में बीजेपी ने इस सीट पर परचम लहराया.वहीं 2018 के चुनाव में कांग्रेस सीट पर जीती. अब देखना होगा 2023 में कौन यहां बाजी मारता है.