सक्ती: जैजैपुर विधानसभा में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. जीत के लिए प्रत्याशी ने जी तोड़ मेहनत की. लेकिन नतीजा सकारात्मक नहीं रहा. अब पार्टी हार की वजहों को खंगालने में लगी है. जिससे की आने वाले समय में उस गलती की वजह से हार का सामना नहीं करना पड़े.Chhattisgarh vidhan sabha chunav result 2023
बीजेपी ने किसे दिया था टिकट: बीजेपी ने इस बार टिकट जिलाध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा को दिया था. वे जिलाध्यक्ष भी हैं. लंबे वक्त से पार्टी में संगठन का काम देख रहे थे. उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए पार्टी ने कृष्णकांत चंद्रा को टिकट दिया. विधानसभा में उनकी अच्छी पकड़ भी बतायी जा रही थी. बावजूद उनको हार का सामना करना पड़ा.
किससे था मुकाबला: जैजैपुर वैसे तो बहुजन समाज पार्टी का गढ़ माना जाता था, लेकिन इस बार ये गढ़ उखड़ गया. जैजैपुर में मुख्य मुकाबला इस बार कांग्रेस और बीजेपी में रहा. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी इस बार तीसरे नंबर पर चले गए. पिछले दो चुनाव में यहां पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी. इस बार बीजेपी के कृष्णकांत चंद्रा और कांग्रेस के बालेश्वर साहू के बीच मुकाबला रहा. यहां से बालेश्वर साहू चुनाव इस बार जीते हैं.
भितरघातियों पर इल्जाम: कृष्णकांत चंद्रा के बारे में कहा जाता है कि, उनके पास राजनीतिक अनुभव का भंडार है. इस मामले में वो कांग्रेस के बालेश्वर साहू से काफी आगे हैं. बड़ा सवाल है कि, जब संगठन और संसाधन के साथ अनुभव भी था, तो चूक कहां हो गई. बीजेपी नेता ने बताया कि, पार्टी के कुछ अपने लोगों ने ही हार की कहानी लिखी. हालांकि कृष्णकांत चंद्रा ने कहा कि, वे इस बारे में पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे. अभी दो दिन पहले ही बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य गगन जयपुरिया पर भितरघात का आरोप लगाकर उनको संगठन के महामंत्री पद से हटाने का पत्र जारी हुआ था. लेकिन कृष्णकांत चंद्रा का कहना है कि, हार के पीछे पार्टी के एक बड़े नेता का हाथ था.