सक्ती: अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में हत्या के मामले में गुरुवार को 7 आरोपियों को 7-7 साल की सजा दी गई है. साथ ही 15-15 हजार रुपया अर्थदंड भी आरोपियों को देना होगा. अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे के अनुसार 11 जून 2021 को कुष्याणी टंडन ने आरोपियों के खिलाफ सक्ती थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
जानिए क्या है पूरा मामला: पूरा मामला सक्ती थाना क्षेत्र का है. सक्ती थाना में कुष्याणी टंडन एक रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट के अनुसार उसके पिता समारू राम घर के बाड़ी में आम पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे थे. उसी समय मोहल्ले के राजेश भारद्वाज और उसके साथी सम्मेलाल, सुंदर, परदेसी, दूजराम, श्याम सुंदर और मुन्ना भारद्वाज ने समारू राम से 5 हजार रुपया मांगा. फिर गाली-गलौच करने लगे. इसके बाद जान से मारने की धमकी भी दी. इतना ही नहीं सभी ने समारूराम को धक्का दिया. इस दौरान गिरने से समारू को गंभीर चोटें आई.
इलाज के दौरान हुई मौत: चोट लगने पर तुरंत समारू को सक्ति अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान समारू की मौत हो गई. इसके बाद समारू की बेटी ने अपने पिता की हत्या की रिपोर्ट सक्ती थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने शव का पंचनामा कर कार्रवाई शुरू की. डॉ. अर्जुन सोनवानी ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के अनुसार हत्या की बात सामने आई.
आरोपियों को 7-7 साल की मिली है सजा: मामले में उप निरीक्षक नवीन पटेल ने धारा 151/21 धारा 147, 149, 302, 294, 506 भारतीय दंड संहिता के तहत शिकायत दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. निरीक्षक रूपक शर्मा ने घटनास्थल का नक्शा तैयार करवाया. जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी डॉक्टर ममता भोजवानी ने धारा 304 भाग-2, के तहत 7 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपया अर्थदंड और धारा 147/ 149 भारतीय दंड संहिता में एक 1 वर्ष के सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपया के अर्थदंड की सजा दी थी. अब इस मामले में आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई गई है.