राजनांदगांव: राजनांदगांव जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था. ये अदालत साल 2023 का अंतिम लोक अदालत था. इसमें 38 खंडपीठों में जिले भर के 40000 मामलों का निपटारा किया गया है. इसमें 2900 कोर्ट के मामले थे. बाकी राजस्व और अन्य मामले इसमें शामिल हैं. दरअसल, नेशनल लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती है.क्योंकि नेशनल लोक अदालत में आपसी रजामंदी से मामला सुलझाया जाता है.
साल का अंतिम लोक अदालत: राजनांदगांव में इस बार साल 2023 के अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन 16 दिसंबर शनिवार को किया गया. जिला न्यायालय परिसर राजनांदगांव सहित जिले के व्यवहार न्यायालय डोंगरगढ़ सहित कुल 38 खंड पीठों में नेशनल लोक अदालत आयोजित किया गया. इस खंडपीठ के द्वारा विभिन्न प्रकरणों और प्री-लिटिगेशन का निराकरण किया गया. इस नेशनल लोक अदालत में कोई भी इच्छुक या स्वयं या फिर अधिवक्ता के माध्यम से अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए आवेदन कर सकता है. संबंधित पक्षों की सहमति से प्रकरणों का निपटारा किया जाता है.
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के संबंध में सुनवाई, कार्रवाई और लोगों को राहत दी जाती है. नेशनल लोक अदालत सस्ता और सुलभ साधन है. इसमें लोगों के लंबित प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति से किया जाता है. बड़ी संख्या में लोग विभिन्न मामलों को लेकर पहुंचे और नेशनल लोक अदालत का लाभ लिया.-देवशीष ठाकुर, सचिव जिला विधिक सेवा, राजनांदगांव
40000 मामलों का किया गया निपटारा: बता दें कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले सामान्य अदालतों में सुनाए गए फैसले जितने ही अहम होते हैं. लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती है. राजनांदगांव में इस नेशनल लोक अदालत में जिले भर में 38 खंडपीठ के माध्यम से सुनवाई की गई, जिसमें 40000 से अधिक मामलों का निपटारा किया गया.