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गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान के श्रमिकों ने प्रबंधक पर लगाया गंभीर आरोप - labor

मानपुर ब्लॉक के गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान (Godavari Power & Ispat Iron Mine) में कार्य करने वाले श्रमिकों ने खदान प्रबंधक और क्षेत्रीय विधायक मोहला मानपुर इंद्रशाह मंडावी पर आरोप लगाया है. खदान प्रबंधक के ऊपर भारत के संविधान और कानून को नहीं मानने, गैर-कानूनी तरीके से खदान का संचालन करने, और कई आरोप लगाए है.

गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन
गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन
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Published : Nov 24, 2021, 10:05 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 10:39 PM IST

राजनांदगांव: जिले के मानपुर ब्लॉक के गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान (Godavari Power & Ispat Iron Mine) के श्रमिकों ने खदान प्रबंधक और क्षेत्रीय विधायक मोहला मानपुर इंद्रशाह मंडावी ( Indrashah Mandavi ) पर आरोप लगाया है.

गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान के श्रमिकों ने प्रबंधक पर लगाया गंभीर आरोप

राजनांदगांव प्रेस क्लब (Rajnandgaon Press Club) में डेमोक्रेटिक खदान श्रमिक संघ ( Democratic Mine Workers Union) के पदाधिकारियों सहित मजदूरों ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर खदान प्रबंधक के ऊपर भारत के संविधान और कानून को नहीं मानने, गैरकानूनी तरीके से खदान का संचालन करने, पांचवी अनुसूची के मोहल्ला मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी पर अपने निजी स्वार्थ एवं लोगों पर अत्याचार करने के लिए गोदावरी खदान को सहायता करने सहित अन्य आरोप लगाए हैं.

साथ ही 26 नवंबर संविधान दिवस के दिन रायपुर कमिश्नर कार्यालय से राजभवन तक न्याय हित में संवैधानिक रूप में संज्ञान देने के लिए संवैधानिक मोर्चा निकाले जाने की भी बात कही है.

यह भी पढ़ें: kawardha violence : कवर्धा मामले पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमाई, कांग्रेस-भाजपा में जुबानी जंग

कोरोना काल में कर्मचारी की हुई थी छटनी

जिले के मानपुर ब्लॉक में गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान है. जहां लगभग 200 श्रमिकों को कोविड-19 काल के दौरान खदान बंद होने के कारण काम से निकाला गया था. वहीं, अब खदान चालू होने के बाद भी इन्हें काम में नहीं रखा जा रहा है. जिसका विरोध श्रमिकों द्वारा किया जा रहा है.

श्रमिकों का कहना है कि खदान प्रबंधकों के द्वारा कोविड-19 संक्रमण के दौरान उन्हें काम से खदान बंद होने की स्थिति में निकाला गया था. वहीं, अब दो महीने से अधिक खदान पुनः चालू होने के बावजूद भी उन्हें काम पर नहीं रखा जा रहा है. जिससे वह आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.


26 नवंबर को खोला जाएगा मोर्चा
श्रमिकों ने गोदावरी पांवर एंड इस्पात आयरन खदान के प्रबंधक और क्षेत्रीय विधायक पर भी प्रेस वार्ता में आरोप लगाया गया है. उन्होंने अपने निजी स्वार्थ और अपने लोगों को नौकरी दिलाने की बात कही गई है. खदान प्रबंधक द्वारा गैर-कानूनी तरीके से खदान संचालन की भी बात प्रेस वार्ता में कही. साथ ही कहा कि संविधान दिवस 26 नवंबर को रायपुर कमिश्नर कार्यालय से राजभवन तक मोर्चा निकाला जाएगा. सभी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई. एफआईआर दर्ज नहीं होने की स्थिति में दया मृत्यु दिए जाने की मांग की.

राजनांदगांव: जिले के मानपुर ब्लॉक के गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान (Godavari Power & Ispat Iron Mine) के श्रमिकों ने खदान प्रबंधक और क्षेत्रीय विधायक मोहला मानपुर इंद्रशाह मंडावी ( Indrashah Mandavi ) पर आरोप लगाया है.

गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान के श्रमिकों ने प्रबंधक पर लगाया गंभीर आरोप

राजनांदगांव प्रेस क्लब (Rajnandgaon Press Club) में डेमोक्रेटिक खदान श्रमिक संघ ( Democratic Mine Workers Union) के पदाधिकारियों सहित मजदूरों ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर खदान प्रबंधक के ऊपर भारत के संविधान और कानून को नहीं मानने, गैरकानूनी तरीके से खदान का संचालन करने, पांचवी अनुसूची के मोहल्ला मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी पर अपने निजी स्वार्थ एवं लोगों पर अत्याचार करने के लिए गोदावरी खदान को सहायता करने सहित अन्य आरोप लगाए हैं.

साथ ही 26 नवंबर संविधान दिवस के दिन रायपुर कमिश्नर कार्यालय से राजभवन तक न्याय हित में संवैधानिक रूप में संज्ञान देने के लिए संवैधानिक मोर्चा निकाले जाने की भी बात कही है.

यह भी पढ़ें: kawardha violence : कवर्धा मामले पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमाई, कांग्रेस-भाजपा में जुबानी जंग

कोरोना काल में कर्मचारी की हुई थी छटनी

जिले के मानपुर ब्लॉक में गोदावरी पावर एंड इस्पात आयरन खदान है. जहां लगभग 200 श्रमिकों को कोविड-19 काल के दौरान खदान बंद होने के कारण काम से निकाला गया था. वहीं, अब खदान चालू होने के बाद भी इन्हें काम में नहीं रखा जा रहा है. जिसका विरोध श्रमिकों द्वारा किया जा रहा है.

श्रमिकों का कहना है कि खदान प्रबंधकों के द्वारा कोविड-19 संक्रमण के दौरान उन्हें काम से खदान बंद होने की स्थिति में निकाला गया था. वहीं, अब दो महीने से अधिक खदान पुनः चालू होने के बावजूद भी उन्हें काम पर नहीं रखा जा रहा है. जिससे वह आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.


26 नवंबर को खोला जाएगा मोर्चा
श्रमिकों ने गोदावरी पांवर एंड इस्पात आयरन खदान के प्रबंधक और क्षेत्रीय विधायक पर भी प्रेस वार्ता में आरोप लगाया गया है. उन्होंने अपने निजी स्वार्थ और अपने लोगों को नौकरी दिलाने की बात कही गई है. खदान प्रबंधक द्वारा गैर-कानूनी तरीके से खदान संचालन की भी बात प्रेस वार्ता में कही. साथ ही कहा कि संविधान दिवस 26 नवंबर को रायपुर कमिश्नर कार्यालय से राजभवन तक मोर्चा निकाला जाएगा. सभी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई. एफआईआर दर्ज नहीं होने की स्थिति में दया मृत्यु दिए जाने की मांग की.

Last Updated : Nov 24, 2021, 10:39 PM IST
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