राजनांदगांव : शासकीय नर्सिंग कॉलेज के सफाई कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप है कि, 'उन्हें 7 महीने से बिना वेतन दिए काम कराया जा रहा है, जिसके चलते उनके घर का चूल्हा-चौका नहीं जल पा रहा है'. वेतन न मिलने की शिकायत कर्मचारियों ने विभाग के अधिकारियों से की है, लेकिन अधिकारी भी कर्माचारियों की बात को अनसुना कर रहे हैं.
दरअसल छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के बाद ये दूसरा शासकीय कार्यालय है, जहां पर ठेके पर रखे गए सफाई कर्मचारियों को 6 महीने से बिना वेतन दिए काम कराया जा रहा है. इससे नाराज कर्मचारी कलेक्ट्रेट के सामने कई घंटे तक धरने पर बैठे रहे.
6 माह से बिना वेतन के कर रहे काम
कर्मचारियों का आरोप है कि, 'उन्हें अपने विभागीय अधिकारियों से कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा है. इसके चलते ठेकेदार उन्हें 6 माह से बिना वेतन दिए काम करा रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारियों से जब वे इस बात की शिकायत करते हैं तो उन्हें कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलता'.
किराया नहीं पटा पा रहे
कर्मचारी लता साहू का कहना है कि, 'मैं किराए के मकान में रहती हूं, वेतन नहीं मिलने से मकान का किराया भी नहीं पटा पा रही हूं. जिसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे 14 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो नर्सिंग कॉलेज में सफाई कर्मचारी के रूप में तैनात हैं और सफाई व्यवस्था का जिम्मा देखते हैं'.
उनका कहना है कि, 'कॉलेज में तैनात प्रबंधक से भी शिकायत करने पर समस्या का कोई हल नहीं निकला है, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे'. कर्मचारी राजकुमारी ने बताया कि, 'उनके यहां चूल्हा नहीं जला है वहीं वो किराया भी नहीं दे पा रही है, जिसके चलते उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है'.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे
धरना प्रदर्शन को समर्थन देने पहुंचे मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष ऋषि शास्त्री ने कहा कि, 'सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उन्हें काफी तकलीफ हो रही हैं. उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है वेतन नहीं मिलने के कारण के घर में खाना तक नहीं बन पा रहा है'.
मौके पर पहुंचे कोतवाली टीआई
प्रदर्शन की खबर मिलते ही कोतवाली टीआई मौके पर पहुंचे. कर्मचारियों की बात सुनने के बाद तत्काल मौके से ठेकेदार को फोन लगाया और कर्मचारियों के वेतन भुगतान की जानकारी मांगी.