ETV Bharat / state

राजनांदगांव: गोधन न्याय योजना से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

राजनांदगांव जिले के ग्राम मोखला में जय मां अम्बे स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोठान में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बना रही है, जिससे उन्हें मुनाफा मिल रहा है.

Benefits of Godhan Nyaya Yojana
समूह की महिलाएं कर रही गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद
author img

By

Published : Aug 19, 2020, 9:28 PM IST

राजनांदगांव: जब मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो मंजिल मिल ही जाती है. इसकी एक बानगी ग्राम मोखला के जय मां अम्बे स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पेश की है. शिवनाथ नदी के किनारे स्थित गोठान में महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट बना रही हैं, जिससे उनके जीवन में समृद्धि आ रही है. शासन की गोधन न्याय योजना के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का काम मील का पत्थर साबित हो रहा है.

महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष कलिन्द्री साहू ने कहा कि घर की चारदीवारी से निकलकर खुद की पहचान बनाने और आत्मनिर्भर होने के लिए की गई हमारी कोशिश और मेहनत रंग ला रही है. वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का कार्य वे 10 महिलाओं के साथ शुरू की थी. जिससे संकोच दूर हुआ और आत्मविश्वास बढ़ा है और उनकी तरक्की के रास्ते खुले हैं. उन्होंने आगे बताया कि वे 84 हजार रुपये का केंचुआ अबतक विक्रय कर चुकी है. इसके अलावा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर भी ग्रामवासियों को कृषि उद्यानिकी और वन विभाग को भी दे रही है.

गोधन न्याय योजना से मिला गोबर

समूह की सचिव कुंती साहू ने कहा कि गोधन न्यााय योजना से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के कार्य को गति मिली है. उन्होंने बताया कि गौठान में 45 वर्मी बेड है, जिनमें क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य जारी है. वर्मी बेड में अच्छी गुणवत्ता के वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है.

किसानों को होगा फायदा

चरवाहा नरेश ने कहा कि गोधन न्याय योजना से गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण से समूह की महिलाओं और किसानों को फायदा होगा. समूह में गीतांजली साहू, विधिका साहू, खिलेश्वरी साहू, पुष्पा साहू सहित अन्य महिलाएं शामिल है. समूह की महिलाएं इसके अलावा गोबर के गमले और फेंसिंग तार का निर्माण कर रही है. वहीं गौठान की बाड़ी में भिंडी, लौकी, कद्दू, खट्टाभाजी, तरोई जैसी सब्जियों का उत्पादन कर आस-पास के गांवों में विक्रय किया जा रहा है.

राजनांदगांव: जब मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो मंजिल मिल ही जाती है. इसकी एक बानगी ग्राम मोखला के जय मां अम्बे स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पेश की है. शिवनाथ नदी के किनारे स्थित गोठान में महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट बना रही हैं, जिससे उनके जीवन में समृद्धि आ रही है. शासन की गोधन न्याय योजना के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का काम मील का पत्थर साबित हो रहा है.

महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष कलिन्द्री साहू ने कहा कि घर की चारदीवारी से निकलकर खुद की पहचान बनाने और आत्मनिर्भर होने के लिए की गई हमारी कोशिश और मेहनत रंग ला रही है. वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का कार्य वे 10 महिलाओं के साथ शुरू की थी. जिससे संकोच दूर हुआ और आत्मविश्वास बढ़ा है और उनकी तरक्की के रास्ते खुले हैं. उन्होंने आगे बताया कि वे 84 हजार रुपये का केंचुआ अबतक विक्रय कर चुकी है. इसके अलावा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर भी ग्रामवासियों को कृषि उद्यानिकी और वन विभाग को भी दे रही है.

गोधन न्याय योजना से मिला गोबर

समूह की सचिव कुंती साहू ने कहा कि गोधन न्यााय योजना से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के कार्य को गति मिली है. उन्होंने बताया कि गौठान में 45 वर्मी बेड है, जिनमें क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य जारी है. वर्मी बेड में अच्छी गुणवत्ता के वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है.

किसानों को होगा फायदा

चरवाहा नरेश ने कहा कि गोधन न्याय योजना से गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण से समूह की महिलाओं और किसानों को फायदा होगा. समूह में गीतांजली साहू, विधिका साहू, खिलेश्वरी साहू, पुष्पा साहू सहित अन्य महिलाएं शामिल है. समूह की महिलाएं इसके अलावा गोबर के गमले और फेंसिंग तार का निर्माण कर रही है. वहीं गौठान की बाड़ी में भिंडी, लौकी, कद्दू, खट्टाभाजी, तरोई जैसी सब्जियों का उत्पादन कर आस-पास के गांवों में विक्रय किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.