राजनांदगांव: डोंगरगांव के ग्राम पंचायत जोंधरा के सचिव पर मनमानी किए जाने का आरोप गांव के लोगों ने लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि सचिव की लगातार अनुपस्थिति की वजह से उन्हें हर काम के लिए कई दिनों तक ग्राम पंचायत का चक्कर काटना पड़ता है. इस बात को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने सचिव को कई बार समझाया और चेतावनी दी है, बावजूद इसके सचिव का रवैय्या नहीं बदला और पिछले कई माह से यह सिलसिला चलता आ रहा है. इसकी वजह से आय, जाति, फौती जैसे महत्वपूर्ण कार्य रुक रहे हैं. पंचायत प्रतिनिधियों ने सचिव की शिकायत जनपद और जिला पंचायत कार्यालय तक कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं आया है. पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने वर्तमान सचिव को हटाकर दूसरे सचिव की मांग की है.
रविवार को पंचायत प्रतिनिधियों ने एक बार फिर बैठक कर कलेक्टर से शिकायत करने की बात कही है. इस संबंध में सरपंच सुरेन्द्र मेश्राम ने बताया कि सचिव मनसुख लाल ठाकुर लगातार पंचायत में अनुपस्थित रहते हैं, जिससे कामकाज के साथ ही ग्रामीणों के हितों के काम भी लंबित हो रहे हैं. इसकी शिकायत सीईओ जनपद पंचायत छुरिया से लेकर जिला पंचायत सीईओ तक की जा चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. गांववालों ने आरोप लगाया कि सचिव अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहा है.
ग्रामीणों को हो रही परेशानी
पंचायत के लालसिंह नेताम और महिला वार्ड पंचों में रूखमणि बाई ने भी सचिव के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव की शिकायत की है. उन्होंने कहा कि अगर सचिव की ऐसी ही मनमानी चलती रही, तो पंचायत में ताला भी लगा दिया जाएगा. वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य हृदयराम चंद्रवंशी ने बताया कि सचिव के लगातार पंचायत में गैरहाजिर रहने के कारण ग्रामीण छोटे-छोटे कार्यों के लिए भटक रहे हैं, जिसे पंच या सरपंच नहीं कर सकते. इसमें फौती, मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मनरेगा सहित कई निर्माण कार्य हैं.
फोन का नहीं दे रहे जवाब
सचिव अपने मुख्यालय में न रहकर दूसरी जगह से आना-जाना करते हैं. इस मामले में सचिव मनसुख ठाकुर से उनका पक्ष जानने उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था. वहीं शिकायत के संबंध में जनपद पंचायत के सीईओ प्रतीक प्रधान ने जब उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, तब उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं
ग्रामीण जनप्रतिनिधि सहित पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने भी सचिव की शिकायत की है, लेकिन उन्हें शिकायती आवेदन में पावती नहीं दी गई. इस मामले में विधायक छन्नी साहू ने चर्चा में कहा कि सचिव को हटाने का विकल्प नहीं है, उनसे कैसे काम लिया जा सकता है, इसे सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिलहाल मुझ तक ग्रामीणों की शिकायत नहीं आई है. शिकायत के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.