राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ सरकार हर साल पौधरोपण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही की वजह से सरकार का ये अभियान फेल होता नजर आ रहा है. एक ओज जहां वन विभाग पौधे लगा रहा है, वहीं लकड़ी तस्कर छत्तीसगढ़ के जंगलों से अवैध रूप से लकड़ियां काट रहे हैं. माड़ियान बिट के दमाऊ दहरा के जंगलों में 14 परिवार के लोगों ने 400 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. गांव के लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है.
डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत कोटनापानी के वन भूमि पर अवैध कब्जा कर हजारों की तदाद में पेड़ों की कटाई कर दी है. ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने कई बार अतिक्रमण की शिकायत तहसीलदार, एसडीएम, एसडीओ और वन विभाग से की है, लेकिन वन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
खाली जमीनों पर कब्जा
बार-बार कि शिकायत के बाद भी जब इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है. ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि कब्जाधारियों ने 25 -25 एकड़ जमीनों पर कब्जा कर लिया है. जबकि इनमें से कुछ लोगों को सरकार ने वन अधिकार के तहत जरूरत के हिसाब से पट्टा दिया है. पट्टा मिलने के बाद भी कब्जाधारी अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
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ग्रामीणों ने वन अधिकारी पर लगाए आरोप
ग्रामीणों की शिकायत पर जब मीडियाकर्मी ने वन विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के आगे कुछ भी कहने से मना कर दिया. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भरत वर्मा ने कहा कि मजदूरी करने के लिए मजदूर रखा गया था, लेकिन उन्होंने उस जगह पर अतिक्रमण कर लिया. ग्रामीणों ने वन अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. ग्रामीण बताते हैं कि आधिकारियों से शिकायत करने पर थाने में बंद करने की धमकी देते हैं.