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पशु चिकित्सा विभाग ने ग्लैंडर्स की शिकार घोड़ी को दवा देकर मारा - सुरक्षा

ग्लैंडर्स संक्रमण की शिकार घोड़ी, रानी को पशु चिकित्सा विभाग नशे का हेवीडोज देकर मार दिया. पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने घोड़ी को नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में सुरक्षा के साथ दफना दिया.

पशु चिकित्सा विभाग ने ग्लैंडर्स की शिकार घोड़ी को दवा देकर मारा
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Published : Jul 30, 2019, 2:36 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 5:40 PM IST

राजनांदगांवः जिले में ग्लैंडर्स संक्रमण का दूसरा मामला सामने आने के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने संक्रमण की शिकार घोड़ी, रानी को नशे का हेवीडोज देकर मार दिया. पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने घोड़ी को नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में सुरक्षा के साथ दफना दिया.

पशु चिकित्सा विभाग ने ग्लैंडर्स की शिकार घोड़ी को दवा देकर मारा

घोड़ी को 6 फीट गड्ढे में दफनाया गया
3 दिन पहले अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार ने राजनांदगांव के बसंतपुर निवासी रफीक खान की घोड़ी रानी पर ग्लैंडर्स संक्रमण होने की पुष्टि की थी. जिसके बाद तीन दिन के भीतर घोड़ी को नशे का हेवी डोज देकर मारने के आदेश दे दिए गए. पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में घोड़ी को नशे का हेवी डोज देकर मार दिया और इसके बाद उसे 6 फीट नीचे गड्ढे में दफना दिया. इस दौरान संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आस-पास रसायन का भी छिड़काव किया गया.

लोगों को होता नुकसान
बताया जा रहा है कि ग्लैंडर्स संक्रमण बहुत ही घातक होता है, यह घोड़ों से इंसानों में भी फैल जाता है इस लिहाज से जन सुरक्षा को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग ने घोड़ी की रिपोर्ट पॉजीटिव आते ही उसे मारकर पशु अनुसंधान केंद्र को इस बात की सूचना दे दी.

राजनांदगांवः जिले में ग्लैंडर्स संक्रमण का दूसरा मामला सामने आने के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने संक्रमण की शिकार घोड़ी, रानी को नशे का हेवीडोज देकर मार दिया. पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने घोड़ी को नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में सुरक्षा के साथ दफना दिया.

पशु चिकित्सा विभाग ने ग्लैंडर्स की शिकार घोड़ी को दवा देकर मारा

घोड़ी को 6 फीट गड्ढे में दफनाया गया
3 दिन पहले अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार ने राजनांदगांव के बसंतपुर निवासी रफीक खान की घोड़ी रानी पर ग्लैंडर्स संक्रमण होने की पुष्टि की थी. जिसके बाद तीन दिन के भीतर घोड़ी को नशे का हेवी डोज देकर मारने के आदेश दे दिए गए. पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में घोड़ी को नशे का हेवी डोज देकर मार दिया और इसके बाद उसे 6 फीट नीचे गड्ढे में दफना दिया. इस दौरान संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आस-पास रसायन का भी छिड़काव किया गया.

लोगों को होता नुकसान
बताया जा रहा है कि ग्लैंडर्स संक्रमण बहुत ही घातक होता है, यह घोड़ों से इंसानों में भी फैल जाता है इस लिहाज से जन सुरक्षा को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग ने घोड़ी की रिपोर्ट पॉजीटिव आते ही उसे मारकर पशु अनुसंधान केंद्र को इस बात की सूचना दे दी.

Intro:राजनांदगांव. जिले में ग्लैंडर्स संक्रमण का दूसरा मामला सामने आने के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने संक्रमण की शिकार घोड़ी रानी को नशे का हेवीडोज देकर मार दिया है पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने घोड़ी को नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में सुरक्षा के साथ दफनाया है.




Body:बता दें कि 3 दिन पहले अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार ने राजनांदगांव के बसंतपुर निवासी रफीक खान की घोड़ी रानी पर ग्लैंडर्स संक्रमण होने की पुष्टि की थी संक्रमण की पुष्टि होने के बाद तीन दिवस के भीतर घोड़ी को नशे का है हेवी डोज देकर मारने के आदेश दे दिए गए थे पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम ने नवागांव स्थित गार्बेज सेंटर में घोड़ी को नशे का है हेवी डोज देकर मार दिया और इसके बाद उसे 6 फीट नीचे गड्ढे में दफना दिया गया है इस दौरान संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आसपास रसायन का भी छिड़काव किया गया है।Conclusion:लोगों को होता नुकसान
बताया जा रहा है कि ग्लैंडर्स संक्रमण बहुत ही घातक होता है यह घोड़ों से इंसानों में भी फैल जाता है इस लिहाज से जन सुरक्षा को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग ने घोड़ी की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसे मारकर पशु अनुसंधान केंद्र को इस बात की सूचना दे दी है।

बाइट तरुण कुमार रामटेके पशु चिकित्सा अधिकारी बाइट मौजों से भेजी गई है
Last Updated : Jul 30, 2019, 5:40 PM IST
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