राजनांदगांव: शहर से लगे मोहारा स्थित शिवनाथ नदी पर बने एनीकट के पांच गेट को बदमाशों ने खोल दिए. इसके चलते हजारों लीटर पानी वह कर बर्बाद हो गया. सुबह-सुबह सिंचाई विभाग के कर्मचारी मोहारा एनीकट पहुंचे थे. जहां उन्होंने देखा के पांच गेट खुले हुए हैं. इसकी सूचना उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी, जिसके बाद आनन फानन पांचों गेट को बंद कराया गया, लेकिन तब तक हजारों लीटर पानी बहकर बर्बाद हो चुका था. कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के कांकेर में फूड इंस्पेक्टर ने मोबाइल खोजने के लिए परलकोट जलाशय में पंप लगाकर 41 लाख लीटर पानी बहा दिया था. हालांकि फूड इंस्पेक्टर को करीब 53 हजार की रिकवरी नोटिस जारी करते हुए संबंधित क्षेत्र के एसडीओ को निलंबित कर दिया गया है.
मामले की जांच की जा रही है: इस भीषण गर्मी में इस तरीके की हरकत बिल्कुल भी सही नहीं है. राजनांदगांव नगर निगम पानी खरीदता है, ताकि शहर के लोगों की प्यास बुझाई जा सके. पूरे मामले को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. पुलिस जांच में जुटी है. इस संबंध में महापौर हेमा देशमुख ने बताया कि "मोहारा गेट से करीब 5 गेट खोलने की खबर मिली. बुधवार शाम को अज्ञात लोगों ने यह काम किया. किसने गेट खोला इसकी जांच की जा रही है."
गेट दोबारा किया गया बंद: इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए गेट को बंद कर दिया गया है. इस मामले में जिला कलेक्टर से जांच समिति बनाने के लिए निवेदन किया गया है. महापौर हेमा देशमुख ने बताया कि "अभी नवतपा के समय में वाष्पोत्सर्जन ज्यादा हो रहा है, ऐसे में पीने का पानी हमारे लिए पहली प्राथमिकता है. अपने स्वार्थ के लिए कुछ असामाजिक तत्वों ने यह काम किया है. इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और एफआईआर भी होनी चाहिए."
रेत माफियाओं पर है शक: शिवनाथ नदी पर बने मोहरा एनीकट का पांच गेट खुलने के बाद हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया. रेत माफियाओं के इस घटना को अंजाम देने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. बहरहाल देखना होगा कि दोषी कब तक पुलिस की पकड़ में आते हैं.