खैरागढ़/राजनांदगांव: कोरोना जांच को लेकर गरमाए पर्ची कांड की गहमा-गहमी और शिकायतों के बीच सिविल अस्पताल में अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए जगह नहीं मिलने की शिकायत सामने आई है. मामले में लेकर लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी जता रहे हैं. सैकड़ों लोगों ने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है. लोगों का कहना है कि सिविल अस्पताल में अब कोई देखने वाला नहीं है.
लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, 'ये नियम-कानून उन लोगों पर लागू होता है, जिनके पास गरीबी रेखा का कार्ड है, नहीं तो जैसा चाहो वैसा हो जाता है. यहां डॉक्टर से ज्यादा उसके कर्मचारी की कीमत है. तभी तो आम लोग कोरोना संक्रमित होने पर कोविड केयर में जाकर उपचार करा रहे हैं'.
डॉक्टर के निजी कर्मचारी संक्रमित, लेकिन पेंइग वार्ड में भर्ती
यहां पदस्थ डॉक्टर के निजी कर्मचारी अस्पताल के पेंइग वार्ड में कोरोना का ईलाज करा रहा है. अस्पताल का ड्रेसर भी इसका लाभ ले रहा है. आमजन सरकारी कोविड सेंटर में रोज अपने बाजू के साथी को दम तोड़ते देख रहे हैं. जानकारी मिली है कि अस्पताल में पदस्थ ड्रेसर हंसाराम वर्मा और पर्ची कांड में संलिप्त डॉक्टर के निजी कर्मचारी जिसे जीवनदीप समिति से मासिक वेतन मिलता है, वो दोनों संक्रमित हैं. कोविड सेंटर की जगह अस्पताल के सुविधायुक्त पेंइग वार्ड में ईलाज करा रहे हैं. इस स्थिति में अन्य बीमारी से पीड़ित कहां जायेंगे पता नहीं.
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100 बिस्तर अस्पताल की घोषणा
खैरागढ़ अस्पताल को लेकर बात करें तो वर्तमान कांग्रेस सरकार ने जोगी कांग्रेस पार्टी के एक नेता के अनुरोध पर सालभर पहले 100 बिस्तर अस्पताल की घोषणा की थी. अक्टूबर-नवंबर महीने में बेडवार ऑक्सीजन का खाका तैयार हुआ. वहीं आज परिस्थिति सबके सामने है.