राजनांदगांव: प्रसिद्ध मां पाताल भैरवी मंदिर में समिति ने इस बार गंगा जल अर्पित कर ज्योति कलश विसर्जन की तैयारी कर रही है. साथ ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को आने से साफ तौर पर मना कर दिया है. यह पहली बार है जब मां पाताल भैरवी मंदिर में प्रचलित ज्योति कलश के विसर्जन में श्रद्धालु मौजूद नहीं होंगे.
मानव सेवा और जनकल्याण के लिए समर्पित अंचल की सेवाभावी संस्था बर्फानी सेवाश्रम समिति ने पहली बार श्रद्धालुओं को मंदिर न आने की अपील की है. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलता देख संस्था ने मंदिर में स्थापित ज्योति कलशों को गंगाजल अर्पित कर विसर्जन करने का निर्णय लिया गया है. वहीं सार्वजनिक भंडारा, प्रसादी और कन्या भोज को भी स्थगित कर दिया गया है.
घर पर ही करें अष्टमी हवन
25 मार्च से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि को सादगी से मनाया जा रहा है. शासन के आदेश के बाद संस्था ने सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. महाष्टमी हवन और ज्योति कलश विसर्जन में भी श्रद्धालुओं से घर पर ही पूजा-पाठ करने की अपील की है.
1445 ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए हैं
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा अर्चना और ज्योति कलश प्रज्जवलन किया गया है. यहां पर 1 हजार 445 ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए हैं. 29 मार्च को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भंडारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया.