राजनांदगांव: जिले में ग्रामीण लगातार नक्सली दहशत से जूझ रहे हैं. इससे तेंदूपत्ता तोड़ाई का काम एक चुनौती से कम नहीं है. वन विभाग ने इस बात को पहले ही स्वीकार कर लिया है. लेकिन इस बार तेंदूपत्ता तोड़ाई को लेकर वन विभाग ने कई तरीके के फेरबदल करते हुए कर्मचारियों को अलर्ट रहकर काम करने के निर्देश दिए हैं. वहीं तेंदूपत्ता तोड़ाई में कई मानक मापदंडों का पालन करने के लिए कार्यशाला आयोजित कर अफसरों को निर्देश दिए गए हैं.
जिले के मोहला मानपुर इलाके में तेंदूपत्ता की तोड़ाई का काम शुरू होने वाला है. वन विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन इस बार नक्सली दहशत के कारण तेंदूपत्ता तोड़ाई को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. इस बीच वन विभाग ने भी कर्मचारियों को कई दिशा-निर्देश दिए हैं.
13.35 करोड़ का किया जाएगा भुगतान
इसके लिए शाखकर्तन, संग्रहण, उपचारण, बोरा भर्ती, परिवहन, भंडारण एवं पारिश्रमिक भुगतान के लिए 8 जोनल अधिकारी, 29 पोषक अधिकारी, 666 फड़ मुंशी और 648 फड़ अभिरक्षकों की नियुक्ति की गई है. इस बार राज्य शासन की ओर से संग्रहण पारिश्रमिक दर 1500 प्रति मानक बोरा और 25 रुपए फड़ मुंशी का कमीशन निर्धारित किया गया है. विभाग ने इसके लिए सभी रेंज अधिकारियों को ट्रेनिंग देकर फील्ड में रवाना कर दिया है.
बेहतर क्वालिटी पर फोकस
डीएफओ बीपी सिंह का कहना है कि तेंदूपत्ता तोड़ाई के दौरान शाख कतरन को लेकर खास तौर पर ध्यान दिया गया है. जमीनी अमले को इसके लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. तेंदूपत्ता की क्वालिटी बेहतर आए इसके लिए सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है.