राजनांदगांव: कोरोना के जंग में शामिल कर्मचारियों को 50 लाख बीमा की सुविधा देने की मांग के साथ छत्तीसगढ़ फेंडरेशन सहायक शिक्षक संगठन ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. इन दिनों सभी विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है. वहीं टीचर्स की भी ड्यूटी लगाई गई है. लेकिन बीमा राशि अलग-अलग तय किये जाने से टीचर्स नाराज हैं.
कोरोना वायरस के जंग में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी चेक पोस्ट, बैंक, बाजार, राशन दुकान में लगाई गई है. कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में विभाग के कर्मचारी पूरी शिद्दत से काम कर सरकार के साथ खड़े हुए हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग के कर्मचारियों के लिए जहां इस जंग में लड़ाई के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर 50 लाख रुपये की बीमा राशि का लाभ उनके परिवार को दिए जाने का प्रावधान है. वहीं इस सुविधा के लाभ से शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को वंचित कर दिया गया है. जबकि कोरोना के जंग में बराबर की लड़ाई लड़ रहे कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें इस लाभ से वंचित करना समझ से परे है.
बीमा राशि का लाभ देने की मांग
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ब्लाक ईकाई डोंगरगढ़ के अध्यक्ष हीरा लाल मौर्य, संयोजक ओम प्रकाश साहू, उप संयोजक लाला राम चन्द्रवंशी, सचिव चंद्रशेखर विजयवार, उपाध्यक्ष राजेश देवांगन सहित पदाधिकारियों और सदस्यों ने मांग की है. शिक्षा विभाग सहित चाहे किसी विभाग के कर्मचारी हों, कोविड -19 के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए ड्यूटी लगाई गई है, तो 50 लाख रुपए की बीमा राशि का लाभ अनिवार्य रुप से दिया जाना चाहिए.
बारी-बारी से ड्यूटी लगाने की मांग
इस प्रकार कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगातार न लगाकर बारी-बारी से लगाया जाए, जिससे ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े. कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है, तो कुछ ही कर्मचारी को लगातार ड्यूटी न कराया जाये. कर्मचारी अगर नाइट ड्यूटी लगातार करते हैं, तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए अन्य विभाग की तरह शिक्षा विभाग के कर्मचारी की ड्यूटी भी बारी-बारी से लगाए जाने की मांग की है.
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जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने की मांग
फेडेरेशन ने ड्यूटीरत कर्मचारियों के लिए आईडी कार्ड जारी करने, मास्क, हैंडग्लव्स, सैनिटाइजर और उचित मात्रा में टेबल कुर्सी, रिकार्ड संधारण के लिए रजिस्टर जैसे जरुरी संसाधन उपलब्ध कराने की मांग उच्चाधिकारियों से किया है. साथ ही किसी भी कर्मचारी की डबल ड्यूटी नहीं लगाने की मांग की है. जानकारी के अनुसार कई चेक पोस्ट में जरुरी संसाधन ही उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में कोरोना के जंग में शासन प्रशासन के साथ खड़े कर्मचारियों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.