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ETV भारत की पड़ताल: बिना लाइसेंस के हो गया था अस्पताल का उद्घाटन, उठ रहे सवाल

राजनांदगांव में स्वास्थ्य विभाग नए अस्पतालों पर मेहरबान है. शायद इसी वजह से यहां बिना लाइसेंस के ही नए अस्पताल खुलने लगे हैं. कोरोना महामारी के बीच शहर में सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल भी बिना लाइसेंस के ही खोल दिया गया है.

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राजनांदगांव में बिना लाइसेंस के अस्पताल
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Published : Nov 10, 2020, 12:38 PM IST

Updated : Nov 10, 2020, 8:13 PM IST

राजनांदगांव: शहर से 5 किलोमीटर दूर स्थित सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को लाइसेंस मिलने और उद्घाटन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लाइसेंस मिलने से पहले ही अस्पताल का उद्घाटन हो गया था. 13 जुलाई को अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई गई थी, जिसके बाद प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया. 7 सितंबर को हॉस्पिटल प्रबंधन को जवाब देना था लेकिन उससे पहले 24 अगस्त को ही स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया. ऐसे में अब विभाग पर सवाल उठ रहे हैं.

राजनांदगांव में बिना लाइसेंस के अस्पताल

ETV भारत की पड़ताल

ETV भारत को मिले दस्तावेज के आधार पर यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अधीनस्थ संचालित होने वाले सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी ने 21 जनवरी 2020 को अस्पताल खोलने के लिए आवेदन दिया गया. 25 जून को इस मामले में नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई. नोडल अधिकारी ने 4 जुलाई को अस्पताल का निरीक्षण किया और फिर 8 जुलाई को ही बिना लाइसेंस मिले सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन कर दिया गया.

इस हॉस्पिटल के मामले में अनियमितता यहीं नहीं रुकी. 13 जुलाई को जब अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो अस्पताल में कई तरह की कमियां पाई गई. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया. 26 अगस्त को इस मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत की गई. शिकायत के आधार पर अस्पताल प्रबंधन को 7 सितंबर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, लेकिन उससे पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने 24 अगस्त को ही अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया.

पढ़ें: पुलिस विभाग पर बरसे विधायक शैलेश पांडेय: कहा वसूली करती है खाकी, गृहमंत्री ने मांगी लिखित शिकायत

100 बेड की स्वीकृति, 300 का प्रचार !

ये भी सामने आ रहा है कि 100 बेड वाले अस्पताल ने 300 बेड का प्रचार किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए आ सकें. सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि विधिवत लाइसेंस लेकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है, जबकि दस्तावेजों में कई तरीके के पेंच सामने आ रहे हैं.

पढ़ें: बस्तर में 4 हजार किसानों का पंजीयन निरस्त, बीजेपी ने दी आंदोलन की चेतावनी

  • 21 जनवरी को अस्पताल प्रबंधन ने लाइसेंस के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवेदन दिया.
  • 25 जून को स्वास्थ्य विभाग ने नोडल अधिकारी की नियुक्ति की.
  • 4 जुलाई को नोडल अधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण किया.
  • 8 जुलाई को अस्पताल का उद्घाटन हुआ, तबतक अस्पताल को लाइसेंस जारी नहीं किया गया था.
  • 13 जुलाई को अस्पताल का दोबारा निरीक्षण हुआ, जिसमें कई तरह की कमियां पाई गईं.
  • 24 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को लाइसेंस जारी किया.
  • 24 अगस्त से अस्पताल प्रबंधन ने 300 बेड की उपलब्धता का प्रचार शुरू कर दिया.
  • 7 सितंबर को अस्पताल में कमी मिलने के बाद सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को नोटिस जारी हुआ.
  • 15 सितंबर को अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस का जवाब दिया कि अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया.

'जांच की जाएगी, कमी पाने पर कार्रवाई होगी'

इस मामले में CMHO मिथिलेश चौधरी का कहना है कि सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को जो दस्तावेज उपलब्ध कराए थे. इस आधार पर उन्हें लाइसेंस जारी किया गया है. चौधरी ने अस्पताल में कमी होने पर जांच के बाद कार्रवाई का दावा किया है.

राजनांदगांव: शहर से 5 किलोमीटर दूर स्थित सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को लाइसेंस मिलने और उद्घाटन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लाइसेंस मिलने से पहले ही अस्पताल का उद्घाटन हो गया था. 13 जुलाई को अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई गई थी, जिसके बाद प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया. 7 सितंबर को हॉस्पिटल प्रबंधन को जवाब देना था लेकिन उससे पहले 24 अगस्त को ही स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया. ऐसे में अब विभाग पर सवाल उठ रहे हैं.

राजनांदगांव में बिना लाइसेंस के अस्पताल

ETV भारत की पड़ताल

ETV भारत को मिले दस्तावेज के आधार पर यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अधीनस्थ संचालित होने वाले सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी ने 21 जनवरी 2020 को अस्पताल खोलने के लिए आवेदन दिया गया. 25 जून को इस मामले में नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई. नोडल अधिकारी ने 4 जुलाई को अस्पताल का निरीक्षण किया और फिर 8 जुलाई को ही बिना लाइसेंस मिले सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन कर दिया गया.

इस हॉस्पिटल के मामले में अनियमितता यहीं नहीं रुकी. 13 जुलाई को जब अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो अस्पताल में कई तरह की कमियां पाई गई. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया. 26 अगस्त को इस मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत की गई. शिकायत के आधार पर अस्पताल प्रबंधन को 7 सितंबर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, लेकिन उससे पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने 24 अगस्त को ही अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया.

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100 बेड की स्वीकृति, 300 का प्रचार !

ये भी सामने आ रहा है कि 100 बेड वाले अस्पताल ने 300 बेड का प्रचार किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए आ सकें. सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि विधिवत लाइसेंस लेकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है, जबकि दस्तावेजों में कई तरीके के पेंच सामने आ रहे हैं.

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  • 21 जनवरी को अस्पताल प्रबंधन ने लाइसेंस के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवेदन दिया.
  • 25 जून को स्वास्थ्य विभाग ने नोडल अधिकारी की नियुक्ति की.
  • 4 जुलाई को नोडल अधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण किया.
  • 8 जुलाई को अस्पताल का उद्घाटन हुआ, तबतक अस्पताल को लाइसेंस जारी नहीं किया गया था.
  • 13 जुलाई को अस्पताल का दोबारा निरीक्षण हुआ, जिसमें कई तरह की कमियां पाई गईं.
  • 24 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को लाइसेंस जारी किया.
  • 24 अगस्त से अस्पताल प्रबंधन ने 300 बेड की उपलब्धता का प्रचार शुरू कर दिया.
  • 7 सितंबर को अस्पताल में कमी मिलने के बाद सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को नोटिस जारी हुआ.
  • 15 सितंबर को अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस का जवाब दिया कि अस्पताल को लाइसेंस जारी कर दिया.

'जांच की जाएगी, कमी पाने पर कार्रवाई होगी'

इस मामले में CMHO मिथिलेश चौधरी का कहना है कि सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को जो दस्तावेज उपलब्ध कराए थे. इस आधार पर उन्हें लाइसेंस जारी किया गया है. चौधरी ने अस्पताल में कमी होने पर जांच के बाद कार्रवाई का दावा किया है.

Last Updated : Nov 10, 2020, 8:13 PM IST
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