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राजनांदगांव : स्कूल की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे बच्चे, 3 किमी दूर है विद्यालय

राजनांदगांव में लक्षणा गांव के प्राथमिक स्कूल के बच्चे पहुंचे और गांव में स्कूल की मांग की.

प्रदर्शन करते छात्र.
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Published : Jul 15, 2019, 8:53 PM IST

राजनांदगांव : जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर स्थित लक्षणा गांव से सोमवार को प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट के गेट के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन किया और नया स्कूल स्वीकृत किए जाने की मांग की.

प्रदर्शन करते छात्र.

बच्चों ने बताया कि, 'उनके गांव से स्कूल तकरीबन 3 किलोमीटर दूर है. रास्ता खराब होने के चलते बारिश के दिनों में अधिकतर स्कूल नहीं जा पाते हैं, लिहाजा कई बार अफसरों से गांव में ही स्कूल खुलवाने की मांग की, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई'. गांव में स्कूल और सुविधाएं नहीं होने के चलते बच्चों को 3 किमी दूर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है.

11 महीने पहले भेजा था प्रतिवेदन
मामले में शिक्षा विभाग के अफसरों ने तकरीबन 11 महीने पहले संचनालय में नया स्कूल स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रतिवेदन भेजा था, लेकिन अब तक इस मामले में संचनालय से स्वीकृति नहीं मिली है, जिसके चलते यहां पर नया स्कूल खोला जाना संभव नहीं हो पाया है. यही कारण है कि पिछले 11 महीने से नौनिहालों की समस्या यथावत बनी हुई है.

स्कूल की नहीं मिली स्वीकृति
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. मरकाम का कहना है कि, 'विभाग से संचनालय प्रतिवेदन भेजा जा चुका है. स्वीकृति के बाद ही नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी'. उन्होंने बताया कि, 'नक्सल प्रभावित एवं बाढ़ का इलाका होने के कारण बस्ती को 3 किलोमीटर दूर स्थापित किया गया है'.

राजनांदगांव : जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर स्थित लक्षणा गांव से सोमवार को प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट के गेट के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन किया और नया स्कूल स्वीकृत किए जाने की मांग की.

प्रदर्शन करते छात्र.

बच्चों ने बताया कि, 'उनके गांव से स्कूल तकरीबन 3 किलोमीटर दूर है. रास्ता खराब होने के चलते बारिश के दिनों में अधिकतर स्कूल नहीं जा पाते हैं, लिहाजा कई बार अफसरों से गांव में ही स्कूल खुलवाने की मांग की, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई'. गांव में स्कूल और सुविधाएं नहीं होने के चलते बच्चों को 3 किमी दूर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है.

11 महीने पहले भेजा था प्रतिवेदन
मामले में शिक्षा विभाग के अफसरों ने तकरीबन 11 महीने पहले संचनालय में नया स्कूल स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रतिवेदन भेजा था, लेकिन अब तक इस मामले में संचनालय से स्वीकृति नहीं मिली है, जिसके चलते यहां पर नया स्कूल खोला जाना संभव नहीं हो पाया है. यही कारण है कि पिछले 11 महीने से नौनिहालों की समस्या यथावत बनी हुई है.

स्कूल की नहीं मिली स्वीकृति
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. मरकाम का कहना है कि, 'विभाग से संचनालय प्रतिवेदन भेजा जा चुका है. स्वीकृति के बाद ही नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी'. उन्होंने बताया कि, 'नक्सल प्रभावित एवं बाढ़ का इलाका होने के कारण बस्ती को 3 किलोमीटर दूर स्थापित किया गया है'.

Intro:राजनांदगांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर स्थित गांव लक्षणा से आज प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहाल कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपने लिए नया स्कूल स्वीकृत किए जाने की मांग रखी है इस दौरान नौनिहाल कलेक्ट्रेट के गेट के ठीक सामने बैठकर धरना दिया बावजूद इसके कलेक्टोरेट के भीतर एसी चेंबर से निकलकर अफसरों ने मौके पर आना उचित नहीं समझा बच्चों ने कलेक्टर से मिलकर इस मामले में नए स्कूल को जल्द खोले जाने की मांग की है.


Body:मौके पर पहुंचे नौनिहालों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि उनके गांव से स्कूल तकरीबन 3 किलोमीटर दूर है रास्ता खराब होने के चलते वह बारिश के दिनों में अधिकांश था स्कूल नहीं जा पाते हैं बावजूद इसके कई बार भी अफसरों से शिकायत कर चुके हैं कि गांव में ही बच्चों के लिए स्कूल खुलवाया जाए लेकिन अब तक इस मामले में कोई पहल नहीं की गई है इस कारण बच्चों को 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है उन्होंने बताया कि अपने ही गांव में स्कूल खोलने की मांग को लेकर वे आज कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं जहां वह प्रदर्शन कर अफसरों को नींद से जगाने की कोशिश कर रहे हैं.
11 महीने पहले भेजा प्रतिवेदन
इस मामले में शिक्षा विभाग के अफसरों ने तकरीबन 11 माह पहले संचनालय में नए स्कूल स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रतिवेदन भेजा था लेकिन अब तक इस मामले में संचनालय से स्वीकृति नहीं मिली है इसके चलते यहां पर नया स्कूल खोला जाना संभव नहीं हो पाया यही कारण है कि पिछले 11 महीने से नौनिहालों की समस्या यथावत बनी हुई है.



Conclusion:स्वीकृति नहीं मिली
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जी आर मरकाम का कहना है कि विभाग से संचनालय प्रतिवेदन भेजा जा चुका है स्वीकृति के बाद ही नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित एवं बाढ़ का इलाका होने के कारण बस्ती को 3 किलोमीटर दूर व स्थापित किया गया है यहां पर बच्चों के लिए नए स्कूल भवन की मांग की गई है इस मांग को लेकर अगस्त माह में ही संचनालय से प्रतिवेदन भेज कर मांग की गई है स्वीकृति होते ही लक्षणा में स्कूल खोला जाएगा.

बाइट जीआर मरकाम डी ई ओ
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