राजनांदगांव: एक सूत्रीय मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरूआत कर दी है. आंदोलन के पहले दिन संविदा कर्मियों ने अस्पताल परिसर के सामने सांकेतिक धरना कर नारेबाजी की. संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राकेश कुर्रे ने बताया कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में प्रदेश के संविदाकर्मियों को 10 दिनों में नियमित करने का वायदा किया था. लेकिन अब सरकार के 2 साल पूरे होने के बाद भी अब तक कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा सका है.
राकेश कुर्रे ने बताया कि कोरोना काल में सेवाओं के दौरान अनेक संविदा और नियमित कर्मचारियों की मौत हो गई. उन मृतकों को श्रद्धांजलि देकर आंदोलन की शुरूआत की गई है. उन्होंने कहा कि आंदोलन के पहले ही स्वाथ्य मंत्री और स्वास्थ्य संचालक समेत प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. लेकिन ये बातचीत विफल हो जाने के कारण एनएचएम के कर्मचारी हड़ताल करने को मजबूर हो गए हैं. बता दें कि पूरे ब्लॉक में संविदाकर्मी अधिकारी और कर्मचारियों की संख्या 52 हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा बुरा असर
प्रदेश के एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ सकता है. बता दें कि जिले और ब्लॉक स्तर में एनएचएम कर्मचारी बतौर चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स, एएनएम, लैब टेक्निशियन, काउंसलर सहित कार्यालयीन जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. इनके हड़ताल में चले जाने से इन सभी सेवाओं पर बुरा असर पड़ेगा.
पूरे प्रदेश में हो रहा प्रदर्शन
बता दें कि नियमितीकरण की मांग को लेकर पूरे प्रदेशभर में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. सभी की मांग है कि राज्य सरकार अपने किए हुए वादे को पूरा करे और अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण करे.