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राजनांदगांव : भीषण गर्मी में कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों का हाल बेहाल, पीने के पानी के लिए तक हैं मोहताज

कलेक्ट्रेट में तकरीबन 3 दर्जन से अधिक विभाग संचालित होते हैं, यहां पदस्थ कर्मचारियों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर में शुद्ध पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है.

पीने के पानी की किल्लत
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Published : Jun 2, 2019, 6:35 PM IST

राजनांदगांव : प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते आम जनता पानी के लिए परेशान हैं, वहीं कलेक्ट्रेट में अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारी और अधिकारियों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है. ऐसे में परेशान कर्मचारी पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं.

कलेक्ट्रेट में पीने के पानी की किल्लत

कलेक्ट्रेट में तकरीबन 3 दर्जन से अधिक विभाग संचालित होते हैं, यहां पदस्थ कर्मचारियों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर में शुद्ध पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है. वहीं जो वाटर कूलर लगाए गए थे वो भी अब पानी की सप्लाई नहीं होने के चलते शोपीस बनकर रह गए हैं. कलेक्टोरेट में पानी की सप्लाई करने वाले बोर फेल हो चुके हैं, इसके चलते पूरे कलेक्ट्रेट में पेयजल का संकट बना हुआ है.

खरीद कर पी रहे पानी
अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारी इस भीषण गर्मी में पानी खरीद कर पी रहे हैं. सुबह-शाम लगातार डिब्बाबंद पानी कलेक्ट्रेट के अलग-अलग विभागों में पहुंच रहा है. यहां पर कर्मचारी खुले बाजार से पैसा खर्च कर पानी खरीद रहे हैं, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इस समस्या की ओर न तो कलेक्टर का ध्यान आकर्षित करवा पा रहे हैं और न ही खुद इस समस्या से निपटने के लिए कोई उपाय कर रहे हैं. इसके चलते कर्मचारियों की जेब ढीली हो रही है.

फेल हो चुके हैं दो बोर
मामले में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य का कहना है कि, 'यहां पर दो बोर फेल हो चुके हैं, लिहाजा संप वेल बनाने का काम किया जा रहा है, जिन्हें नगर निगम से पानी लेकर भरा जाएगा और पंप के जरिए कलेक्ट्रेट में पानी सप्लाई किया जाएगा'.

राजनांदगांव : प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते आम जनता पानी के लिए परेशान हैं, वहीं कलेक्ट्रेट में अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारी और अधिकारियों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है. ऐसे में परेशान कर्मचारी पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं.

कलेक्ट्रेट में पीने के पानी की किल्लत

कलेक्ट्रेट में तकरीबन 3 दर्जन से अधिक विभाग संचालित होते हैं, यहां पदस्थ कर्मचारियों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर में शुद्ध पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है. वहीं जो वाटर कूलर लगाए गए थे वो भी अब पानी की सप्लाई नहीं होने के चलते शोपीस बनकर रह गए हैं. कलेक्टोरेट में पानी की सप्लाई करने वाले बोर फेल हो चुके हैं, इसके चलते पूरे कलेक्ट्रेट में पेयजल का संकट बना हुआ है.

खरीद कर पी रहे पानी
अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारी इस भीषण गर्मी में पानी खरीद कर पी रहे हैं. सुबह-शाम लगातार डिब्बाबंद पानी कलेक्ट्रेट के अलग-अलग विभागों में पहुंच रहा है. यहां पर कर्मचारी खुले बाजार से पैसा खर्च कर पानी खरीद रहे हैं, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इस समस्या की ओर न तो कलेक्टर का ध्यान आकर्षित करवा पा रहे हैं और न ही खुद इस समस्या से निपटने के लिए कोई उपाय कर रहे हैं. इसके चलते कर्मचारियों की जेब ढीली हो रही है.

फेल हो चुके हैं दो बोर
मामले में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य का कहना है कि, 'यहां पर दो बोर फेल हो चुके हैं, लिहाजा संप वेल बनाने का काम किया जा रहा है, जिन्हें नगर निगम से पानी लेकर भरा जाएगा और पंप के जरिए कलेक्ट्रेट में पानी सप्लाई किया जाएगा'.

Intro:राजनांदगांव जिले के सबसे बड़े सरकारी दफ्तर में कर्मचारियों को पानी तक नसीब नहीं हो रहा है कलेक्टोरेट के अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारियों को भीषण गर्मी में पीने के लिए पानी नसीब नहीं हो पा रहा है जिला प्रशासन अपने ही मातहत कर्मचारियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं कर पा रहा है मजबूरी में कर्मचारी अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी खरीद कर पी रहे हैं वहीं इस भीषण गर्मी में उन्हें पंखे के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है क्योंकि कलेक्टोरेट में पानी की किल्लत के चलते एक भी कूलर में पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है


Body:इस भीषण गर्मी में जिले के सबसे बड़े कार्यालय कलेक्टोरेट जहां तकरीबन 3 दर्जन से अधिक विभाग संचालित होते हैं यहां पदस्थ कर्मचारियों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है कलेक्ट्रेट परिसर में शुद्ध पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है वही जो वाटर कूलर लगाए गए थे वह भी अब पानी की सप्लाई नहीं होने के चलते शोपीस बनकर रह गए हैं. कलेक्टोरेट में पानी की सप्लाई करने वाले बोर फेल हो चुके हैं इसके चलते पूरे कलेक्टोरेट में में पेयजल का संकट बना हुआ है.
खरीद कर पी रहे पानी
अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारी इस भीषण गर्मी में पानी खरीद कर पी रहे हैं सुबह शाम लगातार डिब्बाबंद पानी कलेक्ट्रेट के अलग-अलग विभागों में पहुंच रहा है यहां पर कर्मचारी खुले बाजार से पैसा खर्च कर पानी खरीद रहे हैं इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इस समस्या की ओर ना तो कलेक्टर का ध्यान आकर्षित करवा पा रहे हैं और ना ही खुद इस समस्या से निपटने के लिए कोई उपाय कर रहे हैं. इसके चलते कर्मचारियों की जेब ढीली हो रही है.
दो बोर फेल हो चुके हैं
इस मामले में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य का कहना है कि यहां पर दो बार फेल हो चुके हैं नए संबर सिंबल का काम शुरू कराया जा रहा है नगर निगम से भी पानी लेकर बड़ा सम्बर वेल बनाया जाएगा.



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