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राजनांदगांव में जरूरत से 1 करोड़ 50 लाख बारदाने कम, धान खरीदी पर संकट

राजनांदगांव में धान खरीदी से पहले ही बारदानों की भारी कमी नजर आ रही है. आंकड़ों के अनुसार 2 करोड़ 50 लाख बारदानों की खरीदी केंद्रों में जरूरत है, लेकिन अब तक 1 करोड़ बारदाने ही उपलब्ध कराए जा सके हैं.

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Published : Nov 27, 2020, 11:08 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 1:11 PM IST

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1 करोड़ 50 लाख बारदाने कम

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार 1 दिसंबर से समर्थन पर धान की खरीदी शुरू करेगी, लेकिन खरीदी की शुरुआत से पहले ही बारदानों (जूट का बोरा) की कमी होने की आशंका है. ऐसे में समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान खरीदी शुरुआती दौर ही लड़खड़ा सकती है. जिले में ढाई करोड़ बारदानों की आवश्यकता है, लेकिन अब तक केवल एक करोड़ बारदाने ही उपलब्ध कराए गए हैं. ऐसी स्थिति में धान खरीदी के दौरान बारदानों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा. विभागीय अधिकारियों ने फिलहाल इसे लेकर ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.

1 करोड़ 50 लाख बारदाने कम

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल जिले में 1 लाख 95 हजार 728 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. 2 लाख 53 हजार 478 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की फसल किसानों ने ली है. पिछले साल की तुलना में इस साल 13 हजार हेक्टेयर धान के रकबे में बढ़ोतरी हुई है. इस कारण इस साल 2020 -21 में जिले से 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.

ढाई करोड़ बारदानों की जरूरत

धान खरीदी के लिए किसानों को बारदानों की उपलब्धता कराने की जिम्मेदारी सोसायटियों की है. जिले की 135 उपार्जन केंद्रों में बारदानों की जरूरत का आकलन करें, तो तकरीबन ढाई करोड़ बारदानों की जरूरत है, लेकिन अब तक केवल 1 करोड़ बारदाने ही मिल पाए हैं. ऐसी स्थिति में किसानों को बारदानों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा.

पढ़ें: कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, मोदी सरकार पर किसानों के हितों से खिलवाड़ का लगाया आरोप

विभागीय अधिकारी धान खरीदी के लिए अधिक से अधिक संख्या में बारदानों की उपलब्धता किए जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन मिलर्स के बारदानों का सत्यापन अब तक पूरा नहीं हो पाया है. वहीं पीडीएस से भी पर्याप्त मात्रा में बारदाने नहीं मिल पाए हैं. ऐसी स्थिति में विभागीय अधिकारियों के दावे कैसे पूरे होंगे, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

कैसे हैं वर्तमान के हालात?

  • 135 धान उपार्जन केंद्रों में 1 दिसंबर से शुरू होगी धान खरीदी
  • 67 लाख क्विंटल धान खरीदी किए जाने का लक्ष्य
  • 1 लाख 95 हजार 728 किसानों ने कराया है धान बेचने के लिए पंजीयन
  • धान खरीदी के लिए 2 करोड़ 50 लाख बारदानों की जरूरत
  • धान खरीदी के लिए 60-40 के अनुपात में नए और पुराने बारदानों का होगा उपयोग
  • अब तक 6400 गठान बारदानों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई
  • मिलर्स से 11000 गठान बारदानों का सत्यापन हुआ
  • पीडीएस से भी 2800 बारदानें विभाग को मिले
  • 1 करोड़ 50 लाख बारदानें फिर भी कम

कलेक्टर के हाथ में व्यवस्था

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि जिले की हर सोसाइटी में बारदानों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. सोसाइटी में जरूरत के हिसाब से बारदाने देने के निर्देश भी दिए गए हैं. कलेक्टर टीके वर्मा स्वयं अफसरों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. धान खरीदी की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण करने लगातार बैठक ले रहे हैं.

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार 1 दिसंबर से समर्थन पर धान की खरीदी शुरू करेगी, लेकिन खरीदी की शुरुआत से पहले ही बारदानों (जूट का बोरा) की कमी होने की आशंका है. ऐसे में समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान खरीदी शुरुआती दौर ही लड़खड़ा सकती है. जिले में ढाई करोड़ बारदानों की आवश्यकता है, लेकिन अब तक केवल एक करोड़ बारदाने ही उपलब्ध कराए गए हैं. ऐसी स्थिति में धान खरीदी के दौरान बारदानों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा. विभागीय अधिकारियों ने फिलहाल इसे लेकर ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.

1 करोड़ 50 लाख बारदाने कम

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल जिले में 1 लाख 95 हजार 728 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. 2 लाख 53 हजार 478 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की फसल किसानों ने ली है. पिछले साल की तुलना में इस साल 13 हजार हेक्टेयर धान के रकबे में बढ़ोतरी हुई है. इस कारण इस साल 2020 -21 में जिले से 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.

ढाई करोड़ बारदानों की जरूरत

धान खरीदी के लिए किसानों को बारदानों की उपलब्धता कराने की जिम्मेदारी सोसायटियों की है. जिले की 135 उपार्जन केंद्रों में बारदानों की जरूरत का आकलन करें, तो तकरीबन ढाई करोड़ बारदानों की जरूरत है, लेकिन अब तक केवल 1 करोड़ बारदाने ही मिल पाए हैं. ऐसी स्थिति में किसानों को बारदानों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा.

पढ़ें: कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, मोदी सरकार पर किसानों के हितों से खिलवाड़ का लगाया आरोप

विभागीय अधिकारी धान खरीदी के लिए अधिक से अधिक संख्या में बारदानों की उपलब्धता किए जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन मिलर्स के बारदानों का सत्यापन अब तक पूरा नहीं हो पाया है. वहीं पीडीएस से भी पर्याप्त मात्रा में बारदाने नहीं मिल पाए हैं. ऐसी स्थिति में विभागीय अधिकारियों के दावे कैसे पूरे होंगे, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

कैसे हैं वर्तमान के हालात?

  • 135 धान उपार्जन केंद्रों में 1 दिसंबर से शुरू होगी धान खरीदी
  • 67 लाख क्विंटल धान खरीदी किए जाने का लक्ष्य
  • 1 लाख 95 हजार 728 किसानों ने कराया है धान बेचने के लिए पंजीयन
  • धान खरीदी के लिए 2 करोड़ 50 लाख बारदानों की जरूरत
  • धान खरीदी के लिए 60-40 के अनुपात में नए और पुराने बारदानों का होगा उपयोग
  • अब तक 6400 गठान बारदानों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई
  • मिलर्स से 11000 गठान बारदानों का सत्यापन हुआ
  • पीडीएस से भी 2800 बारदानें विभाग को मिले
  • 1 करोड़ 50 लाख बारदानें फिर भी कम

कलेक्टर के हाथ में व्यवस्था

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि जिले की हर सोसाइटी में बारदानों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. सोसाइटी में जरूरत के हिसाब से बारदाने देने के निर्देश भी दिए गए हैं. कलेक्टर टीके वर्मा स्वयं अफसरों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. धान खरीदी की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण करने लगातार बैठक ले रहे हैं.

Last Updated : Nov 28, 2020, 1:11 PM IST
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