राजनांदगांव: धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं होने से पहले ही व्यवस्था चरमराई हुई है. अब बारदाने की कमी ने समितियों की मुसीबत बढ़ा दी. स्थिति ये है कि क्षेत्र की ज्यादातर समितियों ने अब धान खरीदी बंद करने का फैसला लिया है.
समस्या को लेकर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डोंगरगांव, कोकपुर, अर्जुनी और खुज्जी समिति के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री के नाम पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के संबंध में सेवा सहकारी समिति डोंगरगांव के अध्यक्ष, कोकपुर के सतानंद दुबे, अर्जुनी के चुनेश्वर साहू और खुज्जी के तखतराम सोनकर ने बताया कि धान खरीदी शुरू होने से लेकर अब तक धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. इसके चलते खरीद केंद्रों में पैर रखने की जगह तक नहीं है. ऐसे में किसानों के धान को खरीद पाना मुश्कील है. वहीं बारदाने की कमी भी एक बड़ी समस्या है. बारदाने की कमी के कारण खरीदी का कार्य नहीं हो पा रहा है.
किसानों को मिल रही बारदानों की आधी कीमत
समिति के अध्यक्षों ने बताया कि प्रशासन ने किसानों के बारदानों को 15 रुपये की दर से खरीदी कर उस पर ही खरीदी करने का आदेश दिया है. जबकि किसान खाली बारदानों को 35 से 40 रूपये प्रति बारदाना की दर से खरीदीकर अपनी उपज को खरीदी केंद्रों में लाते हैं. ऐसे में किसानों को बारदानों की आधे से भी कम कीमत दिया जाना अनीतिगत फैसला है.
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नहीं सुधरी व्यवस्था
बीते 23 दिसंबर को धान खरीदी के दौरान होने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर समिति प्रबंधकों का एक दल कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा से मिला था. जहां कलेक्टर को समस्याओं से अवगत कराया था. इस पर प्रमुख रूप से धान का उठाव न होना, बारदानों की कमी और सूखे की समस्या जैसे विषयों को सामने रखा था. लेकिन हफ्ते भर बाद भी व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं हो पाई.
मार्कफेड से परिवहन का खर्च
समिति प्रबंधकों के द्वारा खरीदी बंद किये जाने की घोषणा के बाद ही प्रशासन हरकत में आया था और प्रबंधकों से चर्चा कर समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया था. जिसमें तीन दिन के भीतर धान का उठाव और बारदानों की आपूर्ति के साथ परिवहन समितियों को वहन करने के लिए कहा गया था. उक्त व्यय मार्कफेड से कराए जाने का आश्वासन कलेक्टर ने दिया था.