राजनांदगांव: बर्फानी आश्रम में इस बार कोरोना महामारी के चलते शरद पूर्णिमा महोत्सव नहीं मनाया जाएगा और न ही जड़ीबूटी युक्त खीर प्रसादी बांटी जाएगी. शरद पूर्णिमा महोत्सव के दौरान मंदिर में जड़ी बूटी युक्त खीर प्रसादी का वितरण किया जाता है. ये परंपरा पिछले 21 साल से चल रही है. देश-प्रदेश के लोग खीर प्रसादी ग्रहण करने पहुंचते हैं.
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि संस्था पिछले 21 साल से आशीर्वादक श्री बर्फानी दादा जी के मार्गदर्शन में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वांस, दमा और आस्थमा पीड़ितों को नि:शुल्क जड़ीबुटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण करती है. यह कार्यक्रम बर्फानी आश्रम स्थित मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ में आयोजित किया जाता था, जिसमें प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पीड़ित आते हैं.
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ऑनलाइन चर्चा में लिया गया फैसला
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ने आगे बताया कि इस साल 30 अक्टूबर के दिन शुक्रवार को पड़ने वाली शरद पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन नहीं होगा. लोगों को सुरक्षित रखने और शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन करने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है. संस्था के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने ऑनलाइन चर्चा के दौरान इस साल शरद पूर्णिमा का विशाल आयोजन नहीं करने की सहमति दी.
कोरोना वायरस की वजह से लिया फैसला
संस्था के सभी सदस्यों ने एक मत से कहा कि जन मानस को सुरक्षित रखने की दृष्टिकोण से यह कदम उठाया जाना उचित होगा, क्योंकि 30 हजार से अधिक पीड़ितजनों का इसमें समावेश रहता है और यह वायरस स्वांस, दमा और अस्थमा वालों को अत्यधित अटैक कर सकता है, जिसके कारण ही इस बार 30 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का आयोजन नहीं किया जाएगा.