डोंगरगांव: सोमवार रात 11 बजे ग्राम जामसराय नदी पुल के पास अवैध रेत खनन का कवरेज करने गए चार-पांच मीडियाकर्मियों पर रेत माफियाओं ने हमला कर दिया. आरोपी है कि रेत माफियाओं ने सभी मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की. उनके कैमरे-माइक को छीनकर तोड़ दिया गया है. रेत माफियाओं के हमले में मीडियाकर्मियों की कार भी क्षतिग्रस्त हो गई है. किसी तरह कुछ पत्रकार भागकर डोंगरगांव थाने पहुंचकर मामले की जानकारी दी. उसके बाद पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर वहां छिपे बाकी पत्रकारों को वापस लेकर आई. शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात चार लोगों के खिलाफ धारा 394, 427, 354 के तहत मामला दर्ज किया है.
छिपे पत्रकारों को पुलिस सुरक्षा में लाया गया
पीड़ित पत्रकार कामिनी साहू और राकेश राजपूत ने बताया कि उन्हें अवैध रेत उत्खनन की जानकारी मिली थी. इसके बाद वे सभी कवरेज के लिए गए हुए थे. वे अपनी कार से भी नहीं निकले थे कि रेत माफियाओं ने हमला कर दिया. कई पत्रकारों के साथ मारपीट की गई. पत्रकार कामिनी साहू ने आरोपियों पर छोड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया. पत्रकार राकेश राजपूत ने कहा कि हमले में वे किसी तरह जान बचाकर भागे. वहां छिपे पत्रकारों के पुलिस के साथ जाकर लेकर आए.
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चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया
एसडीओपी धनश्याम कावड़े ने कहा कि रवि चंद्राकर अपने चार साथियों के साथियों के साथ सोमवार रात 11 बजे ग्राम जामसराय नदी पुल के पास कवरेज के लिए गए हुए थे. वहां चार अज्ञात लोगों ने उनके साथ मारपीट की है. उनके सामान को छिन लिया, तोड़फोड़ की है. महिला पत्रकार के साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया गया है. शिकायत पर धारा 394, 427, 354 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
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छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कोर कमेटी के सदस्य नवीन अग्रवाल ने घटना पर कहा कि देश का चौथा स्तंभ पत्रकार जगत छत्तीसगढ़ में सुरक्षित नहीं है. अवैध रेत का खनन का सच उजागर करने गए पत्रकारों पर इन राजनीतिक गुंडों ने जानलेवा हमला किया है. यह बहुत ही शर्मनाक और चिंतनीय है. छत्तीसगढ़ में पत्रकार जगत सुरक्षित नहीं है. भाजपा-कांग्रेस के कार्यकाल में पत्रकारों पर लगातार जानलेवा हमले हो रहे हैं. पत्रकार सुरक्षा कानून के सहारे सत्ता में आते ही कांग्रेस भी अपने वादे को भूल गई. सबसे पहले निशाना पत्रकारों को ही बनाया जाने लगा यानी पुराने ढर्रे पर ही चलने लगी.