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आधे एकड़ जमीन के भरोसे पूरा परिवार, कहीं रह न जाए सागर के सपने अधूरे

सागर कुमार ने रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है, यहां उसने मेरिट में जगह बनाई थी. इसके बाद जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल किया, लेकिन एडमिशन के लिए पास में पैसे नहीं है.

सागर कुमार
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Published : Jul 22, 2019, 3:18 PM IST

राजनांदगांव: कहते हैं कि पैसे से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन ये भी सच है कि कभी-कभी पैसे की कमी खुशियां छीन लेती है. ऐसा ही कुछ हुआ है सागर के साथ, अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे सागर की राह में आर्थिक तंगी बाधा बन गई है. अति निम्न परिवार से आने वाले सागर ने अपने सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत की और जेईई मेंस की परीक्षा पास कर ली, लेकिन परिवार की तंग हालत के कारण उसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेना मुश्किल हो रहा है.

जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल करने वाला छात्र

ऑल इंडिया में 10 हजार 998 रैंक हासिल किया
सागर कुमार ने रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है, यहां उसने मेरिट में जगह बनाई थी. इसके बाद जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल किया. अब वह आईआईटी पटना के लिए सेलेक्ट हो चुका हैं, लेकिन एडमिशन लेना उसके लिए मुश्किल हो रहा है, क्योंकि फीस की रकम 1 लाख 30 हजार है. सागर के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है.

पेशे से किसान हैं पिता
सागर के पिता पेशे से किसान हैं. खेती-किसानी कर वे अपना परिवार पालते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास केवल आधा एकड़ जमीन है, इसी से पूरे परिवार का गुजरा होता है. सागर शुरू से ही मेधावी छात्र रहा है. प्रयास आवासीय विद्यालय में उसका प्रवेश करा दिया गया था, लेकिन अब इंजीनियरिंग कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं है. परिवार पालने में भी उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

रिश्तेदारों से ली मदद
सागर ने ETV भारत से कहा कि उसकी दो बहनें हैं जो कि बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं. तीन बच्चों का खर्च और उन्हें शिक्षा देने के लिए पिता को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. जेईई मेंस में सेलेक्ट होने के बाद एडमिशन के लिए 1 लाख 30 हजार की रकम की जरूरत है. इसके लिए सागर ने अपने रिश्तेदारों से मदद भी मांगी है और कुछ रकम जमा की है, लेकिन यह रकम एडमिशन के लिए पर्याप्त नहीं है.

राजनांदगांव: कहते हैं कि पैसे से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन ये भी सच है कि कभी-कभी पैसे की कमी खुशियां छीन लेती है. ऐसा ही कुछ हुआ है सागर के साथ, अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे सागर की राह में आर्थिक तंगी बाधा बन गई है. अति निम्न परिवार से आने वाले सागर ने अपने सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत की और जेईई मेंस की परीक्षा पास कर ली, लेकिन परिवार की तंग हालत के कारण उसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेना मुश्किल हो रहा है.

जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल करने वाला छात्र

ऑल इंडिया में 10 हजार 998 रैंक हासिल किया
सागर कुमार ने रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है, यहां उसने मेरिट में जगह बनाई थी. इसके बाद जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल किया. अब वह आईआईटी पटना के लिए सेलेक्ट हो चुका हैं, लेकिन एडमिशन लेना उसके लिए मुश्किल हो रहा है, क्योंकि फीस की रकम 1 लाख 30 हजार है. सागर के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है.

पेशे से किसान हैं पिता
सागर के पिता पेशे से किसान हैं. खेती-किसानी कर वे अपना परिवार पालते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास केवल आधा एकड़ जमीन है, इसी से पूरे परिवार का गुजरा होता है. सागर शुरू से ही मेधावी छात्र रहा है. प्रयास आवासीय विद्यालय में उसका प्रवेश करा दिया गया था, लेकिन अब इंजीनियरिंग कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं है. परिवार पालने में भी उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

रिश्तेदारों से ली मदद
सागर ने ETV भारत से कहा कि उसकी दो बहनें हैं जो कि बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं. तीन बच्चों का खर्च और उन्हें शिक्षा देने के लिए पिता को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. जेईई मेंस में सेलेक्ट होने के बाद एडमिशन के लिए 1 लाख 30 हजार की रकम की जरूरत है. इसके लिए सागर ने अपने रिश्तेदारों से मदद भी मांगी है और कुछ रकम जमा की है, लेकिन यह रकम एडमिशन के लिए पर्याप्त नहीं है.

Intro:राजनांदगांव छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास आवासीय विद्यालय से पढ़कर निकलने वाले होनहार बच्चों की मुश्किलें 12वीं के बाद भी कम नहीं हो रही है जेईई मेंस जैसे एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों की मुश्किलें अब भी बनी हुई है हम बात कर रहे हैं उपरवाह निवासी सागर कुमार की जो आज जेईई मेंस क्लियर करने के बाद भी अपने एडमिशन के लिए पैसे जुटा नहीं पा रहे हैं आईपीएस बनने का सपना सागर देख तो रहे हैं लेकिन उसे पूरा करने की राह उन्हें बहुत ही कठिन नजर आ रही है


Body:दरअसल उपरवाह निवासी सागर कुमार ने रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की यहां उन्होंने मेरिट में अपना स्थान बनाने के बाद जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 109098 हासिल किया है अब वे आईआईटी पटना के लिए सिलेक्ट हो चुके हैं लेकिन इस सिलेक्शन के पहले उनकी गरीबी आड़े आ गई है क्योंकि फीस की रकम ₹130000 कॉलेज में जमा करनी है लेकिन इस बीच की अदायगी पूरा परिवार भी नहीं कर पा रहा है.
पेशे से किसान है पिता
सागर के पिता पेशे से किसान है खेती किसानी में मेहनत कर वे अपना पूरा परिवार पालते हैं उन्होंने बताया कि सागर शुरुआत से ही मेधावी छात्र रहा है इसके चलते प्रयास आवासीय विद्यालय में उसका प्रवेश करा दिया गया था लेकिन अब इंजीनियरिंग के लिए उनके पास पैसे नहीं है परिवार पालने में भी उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है इस बीच सागर को शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाई देने के लिए वे अभी से मजबूर दिखाई पड़ रहे हैं.
रिश्तेदारों से ली मदद
सागर ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया कि वह बेहद गरीब परिवार से हैं उनकी दो बहनें और हैं जो बीएससी में अध्ययनरत हैं तीन बच्चों का खर्च और उन्हें शिक्षा देने के लिए पिता को काफी मशक्कत करनी पड़ती है जेईई मेंस में सिलेक्ट होने के बाद उन्हें एडमिशन के लिए ₹130000 की रकम की जरूरत है इसके लिए वे अपने रिश्तेदारों से मदद भी मांगी है और कुछ रकम जमा की है लेकिन यह रकम एडमिशन के लिए पर्याप्त नहीं है सागर का कहना है कि पूरे भारत में जेईई मेंस में लाखों बच्चे शामिल होते हैं इस बीच अच्छे कॉलेज में एडमिशन ले पाना सभी के लिए संभव नहीं हो पाता उनका कहना है कि वे बड़े होकर आईपीएस बनना चाहते हैं.



Conclusion:आधे एकड़ खेती के भरोसे पूरा परिवार
सागर के पिता ने बताया कि उनके पास केवल आधा एकड़ की खेती है जिसके भरोसे पूरा परिवार पालना पड़ता है सागर की दो बहने हैं उनकी शिक्षा-दीक्षा भी वे ठीक से करवा रहे हैं लेकिन खेतीकिसानी और कृषि कार्य में मजदूरी करते हुए वह साल भर अपना परिवार जैसे तैसे चला पाते हैं इस बीच एडमिशन के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना उनके लिए एक चुनौती है इसके लिए उन्होंने संस्कारधानी के लोगों से मदद की अपील भी की है.

बाइट सागर कुमार
बाइट सागर के पिता
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