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फोर्स में जाने के लिए रिटायर्ड आर्मी के जवान युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग, प्रतिभागी बहा रहे पसीने

राजनांदगांव के डोंगरगढ़ ब्लॉक के तुमड़ीबोड़ शासकीय स्कूलों में युवाओं का भविष्य गढ़ने के उद्देश्य से रिटायर्ड आर्मी जवान ट्रेनिंग दे रहे हैं. 60 से 70 छात्र-छात्राएं इन दिनों आर्मी BSF, CRPF और पुलिस जैसे फील्ड में जाने के लिए 2 घंटे से ज्यादा समय तक मैदान में पसीना बहा रहे हैं. ताकि उनका चयन फोर्स में हो सके.

बच्चों को ट्रेनिंग
ट्रेनिंग
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Published : Jul 29, 2021, 11:06 PM IST

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के तुमड़ीबोड़ शासकीय स्कूलों में युवाओं का भविष्य गढ़ने के उद्देश्य से रिटायर्ड आर्मी जवान उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं. जहां पर ग्रामीण इलाके के किसानी करने वाले और गरीब तबके के युवाओं को सेना, आर्मी, सीआरपीएफ सहित पुलिस में भविष्य बनाने के लिए सुबह 6 बजे से ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही लिखित की तैयारी के लिए भी कोचिंग संचालित की जा रही है, ताकि बच्चे अपना भविष्य बना कर देश का नाम रोशन करे. इस ट्रेनिंग में बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं.

रिटायर्ड आर्मी के जवान युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग.

प्रतिभागियों का कहना है कि 2 साल से कोरोना वायरस के चलते घरों से नहीं निकल पाए थे, लेकिन अब सुबह 6 बजे से मैदान में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ताकि उनका फोर्स में चयन हो सके. प्रैक्टिस करने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि यहां पर हर रोज 2 घंटे ऊची कूद, लंबी कूद, दौड़ के अलावा हर वो एक्टिविटी कराई जा रही है जो सेना में भर्ती के लिए जरूरी है. यहां पर सभी ग्रामीण क्षेत्र के युवा है.

400 किस्म के देसी धान से बस्तर को महका रही महिला किसान 'प्रभाती भारत'

प्रशिक्षण देने वाले रिटायर्ड आर्मी के जवान का कहना है कि ग्रामीण अंचलों में आर्मी में जाने के लिए किसी भी तरह का कोई ट्रेनिंग सेंटर नहीं है. इसी को देखते हुए उनके द्वारा ग्रामीण अंचल के युवाओं जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं. उन्हें भर्ती की ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि ग्रामीण अंचल के युवा आर्मी में जाकर देश की सेवा कर सके. बाकायदा इन बच्चों को सुबह दो घंटे से अधिक समय तक फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है. उसके बाद इन युवाओं को इंटरव्यू के लिए लिखित की तैयारी करवाई जाती है. इस ट्रेनिंग सेंटर में जो कमजोर होता है उन पर खास ध्यान दिया जाता है.

आर्मी में जाने के उद्देश्य से ग्रामीण अंचल के खेती, किसानी करने वाले और गरीब तबके के युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए रिटायर्ड आर्मी के जवान जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. इसके साथ ही इलाके के गरीब युवा भी जमकर पसीना बहा रहे हैं. ट्रेनिंग और कोचिंग के लिए उनसे नॉमिनल फीस ली जा रही है. ग्रामीण अंचल के खेती-किसानी करने वाले और गरीब तबके के युवाओं का भविष्य संवारने के लिए सेना के रिटायर्ड जवानों की ये कोशिश काबिले तारीफ हैं.

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के तुमड़ीबोड़ शासकीय स्कूलों में युवाओं का भविष्य गढ़ने के उद्देश्य से रिटायर्ड आर्मी जवान उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं. जहां पर ग्रामीण इलाके के किसानी करने वाले और गरीब तबके के युवाओं को सेना, आर्मी, सीआरपीएफ सहित पुलिस में भविष्य बनाने के लिए सुबह 6 बजे से ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही लिखित की तैयारी के लिए भी कोचिंग संचालित की जा रही है, ताकि बच्चे अपना भविष्य बना कर देश का नाम रोशन करे. इस ट्रेनिंग में बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं.

रिटायर्ड आर्मी के जवान युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग.

प्रतिभागियों का कहना है कि 2 साल से कोरोना वायरस के चलते घरों से नहीं निकल पाए थे, लेकिन अब सुबह 6 बजे से मैदान में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ताकि उनका फोर्स में चयन हो सके. प्रैक्टिस करने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि यहां पर हर रोज 2 घंटे ऊची कूद, लंबी कूद, दौड़ के अलावा हर वो एक्टिविटी कराई जा रही है जो सेना में भर्ती के लिए जरूरी है. यहां पर सभी ग्रामीण क्षेत्र के युवा है.

400 किस्म के देसी धान से बस्तर को महका रही महिला किसान 'प्रभाती भारत'

प्रशिक्षण देने वाले रिटायर्ड आर्मी के जवान का कहना है कि ग्रामीण अंचलों में आर्मी में जाने के लिए किसी भी तरह का कोई ट्रेनिंग सेंटर नहीं है. इसी को देखते हुए उनके द्वारा ग्रामीण अंचल के युवाओं जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं. उन्हें भर्ती की ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि ग्रामीण अंचल के युवा आर्मी में जाकर देश की सेवा कर सके. बाकायदा इन बच्चों को सुबह दो घंटे से अधिक समय तक फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है. उसके बाद इन युवाओं को इंटरव्यू के लिए लिखित की तैयारी करवाई जाती है. इस ट्रेनिंग सेंटर में जो कमजोर होता है उन पर खास ध्यान दिया जाता है.

आर्मी में जाने के उद्देश्य से ग्रामीण अंचल के खेती, किसानी करने वाले और गरीब तबके के युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए रिटायर्ड आर्मी के जवान जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. इसके साथ ही इलाके के गरीब युवा भी जमकर पसीना बहा रहे हैं. ट्रेनिंग और कोचिंग के लिए उनसे नॉमिनल फीस ली जा रही है. ग्रामीण अंचल के खेती-किसानी करने वाले और गरीब तबके के युवाओं का भविष्य संवारने के लिए सेना के रिटायर्ड जवानों की ये कोशिश काबिले तारीफ हैं.

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