ETV Bharat / state

ST वर्ग के लोगों को मिली राहत, आदेश के बाद 245 प्रकरण हुए वापस

author img

By

Published : Aug 3, 2021, 10:50 PM IST

राज्य शासन द्वारा न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों विरूद्ध चल रहे 245 प्रकरणों की वापसी का आदेश जारी किया गया है.

ST category people got relief
ST वर्ग के लोगों को मिली राहत

राजनांदगांव: अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के खिलाफ चल रहे आबकारी एक्ट सहित छोटे-मोटे मामलों के प्रकरणों को वापस लेने के निर्देश के बाद, राजनंदगांव जिले के 280 आरोपियों को इसका लाभ मिला है. राज्य शासन द्वारा न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों विरूद्ध चल रहे 245 प्रकरणों की वापसी का आदेश जारी किया गया है.

इस संबंध में लोक अभियोजन के उपसंचालक डीके जैन ने कहा कि राजनांदगांव जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के खिलाफ चल रहे 245 प्रकरणों के वापसी की अनुशंसा हुई थी, जिसकी प्रक्रिया वर्ष 2019 से चल रही थी, जो पूरी हुई है और 280 लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी हुई है.

भूपेश बघेल सरकार के आदेश के बाद राजनांदगांव जिले में 245 प्रकरणों में 280 अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के विरूद्ध चल रहे प्रकरणों की वापसी कार्रवाई कराई की गई है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रह रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के खिलाफ चल रहे मामलों की वापसी को लेकर राजनांदगांव शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों की जमीन वापस कराई है.

उन्होंने आदिवासियों की चिंता करते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों को भी वापस कराया, जिससे अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को कोर्ट कचहरी के चक्कर से छुटकारा मिला और उन्हें एक बड़ी राहत मिली है.

पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में समिति की अनुशंसा के आधार पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के खिलाफ कुल 245 प्रकरणों की वापसी का आदेश दिया गया था. आदेश के परिपालन में जिला राजनांदगांव के विभिन्न न्यायालयों में धारा 321 दंड प्रक्रिया संहिता का आवेदन प्रस्तुत कर प्रकरण वापसी की कार्रवाई पूरी की है.

इसमें लगभग 198 मामले आबकारी के हैं, वहीं 5 नक्सल मामले में भी हैं. इस फैसले के बाद राजनांदगांव जिले के न्यायालयों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के खिलाफ कोई भी प्रकरण वापसी के लिए लंबित नहीं है. इस आदेश से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को एक बड़ी राहत मिली है.

राजनांदगांव: अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के खिलाफ चल रहे आबकारी एक्ट सहित छोटे-मोटे मामलों के प्रकरणों को वापस लेने के निर्देश के बाद, राजनंदगांव जिले के 280 आरोपियों को इसका लाभ मिला है. राज्य शासन द्वारा न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों विरूद्ध चल रहे 245 प्रकरणों की वापसी का आदेश जारी किया गया है.

इस संबंध में लोक अभियोजन के उपसंचालक डीके जैन ने कहा कि राजनांदगांव जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के खिलाफ चल रहे 245 प्रकरणों के वापसी की अनुशंसा हुई थी, जिसकी प्रक्रिया वर्ष 2019 से चल रही थी, जो पूरी हुई है और 280 लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी हुई है.

भूपेश बघेल सरकार के आदेश के बाद राजनांदगांव जिले में 245 प्रकरणों में 280 अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के विरूद्ध चल रहे प्रकरणों की वापसी कार्रवाई कराई की गई है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रह रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के खिलाफ चल रहे मामलों की वापसी को लेकर राजनांदगांव शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों की जमीन वापस कराई है.

उन्होंने आदिवासियों की चिंता करते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों को भी वापस कराया, जिससे अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को कोर्ट कचहरी के चक्कर से छुटकारा मिला और उन्हें एक बड़ी राहत मिली है.

पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में समिति की अनुशंसा के आधार पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के खिलाफ कुल 245 प्रकरणों की वापसी का आदेश दिया गया था. आदेश के परिपालन में जिला राजनांदगांव के विभिन्न न्यायालयों में धारा 321 दंड प्रक्रिया संहिता का आवेदन प्रस्तुत कर प्रकरण वापसी की कार्रवाई पूरी की है.

इसमें लगभग 198 मामले आबकारी के हैं, वहीं 5 नक्सल मामले में भी हैं. इस फैसले के बाद राजनांदगांव जिले के न्यायालयों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के खिलाफ कोई भी प्रकरण वापसी के लिए लंबित नहीं है. इस आदेश से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को एक बड़ी राहत मिली है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.