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राजनांदगांव : खतरे में मेडिकल कॉलेज की मान्यता, MCI की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा भविष्य - एमसीआई की टीम

अंतिम साल की मान्यता के लिए सोमवार को एमसीआई की टीम ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का निरीक्षण किया. एमसीआई की टीम ने तकरीबन 2 घंटे तक निरीक्षण के दौरान अपनी रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज के अंतिम वर्ष की मान्यता तय होगी.

अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज
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Published : Apr 8, 2019, 5:29 PM IST

राजनांदगांव : अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज के अंतिम साल की मान्यता को लेकर अब तलवार लटकी हुई है. क्योंकि एमसीआई की टीम ने अब तक के मेडिकल कॉलेज को आखीरी साल की मान्यता नहीं दी है. अंतिम साल की मान्यता के लिए सोमवार को एमसीआई की टीम ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का निरीक्षण किया. एमसीआई की टीम ने तकरीबन 2 घंटे तक निरीक्षण के दौरान अपनी रिपोर्ट तैयार की है इस रिपोर्ट के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज के अंतिम वर्ष की मान्यता तय होगी.

इस निरीक्षण में टीम ने पाया है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कुछ उपकरणों की कमी है. इन उपकरणों की उपलब्धता को लेकर उन्होंने डीन आरएन सिंह से चर्चा भी की है. बताया जा रहा है कि एमसीआई की टीम के निरीक्षण के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अंतिम साल की मान्यता मिलेगी.

अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज

डॉक्टरों की है कमी
एमसीआई की टीम ने पाया है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं. वहीं एमसीआई की टीम ने संविदा डॉक्टरों के नियमित वेतन को लेकर भी जांच की है.

राजनांदगांव : अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज के अंतिम साल की मान्यता को लेकर अब तलवार लटकी हुई है. क्योंकि एमसीआई की टीम ने अब तक के मेडिकल कॉलेज को आखीरी साल की मान्यता नहीं दी है. अंतिम साल की मान्यता के लिए सोमवार को एमसीआई की टीम ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का निरीक्षण किया. एमसीआई की टीम ने तकरीबन 2 घंटे तक निरीक्षण के दौरान अपनी रिपोर्ट तैयार की है इस रिपोर्ट के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज के अंतिम वर्ष की मान्यता तय होगी.

इस निरीक्षण में टीम ने पाया है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कुछ उपकरणों की कमी है. इन उपकरणों की उपलब्धता को लेकर उन्होंने डीन आरएन सिंह से चर्चा भी की है. बताया जा रहा है कि एमसीआई की टीम के निरीक्षण के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अंतिम साल की मान्यता मिलेगी.

अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज

डॉक्टरों की है कमी
एमसीआई की टीम ने पाया है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं. वहीं एमसीआई की टीम ने संविदा डॉक्टरों के नियमित वेतन को लेकर भी जांच की है.

Intro:राजनांदगांव अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज के अंतिम वर्ष की मान्यता को लेकर अब तलवार लटकी हुई है क्योंकि एमसीआई ने अब तक के मेडिकल कॉलेज को अंतिम वर्ष की मान्यता नहीं दी है अंतिम वर्ष की मान्यता के लिए सोमवार को एमसीआई की टीम ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का निरीक्षण किया यहां निरीक्षण के दौरान तकरीबन 2 घंटे रही टीम ने कई बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है इस रिपोर्ट के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज के अंतिम वर्ष की मान्यता तय होगी.


Body:अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज में पहुंच एमसीआई की टीम ने तकरीबन 2 घंटे अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति मेडिकल कॉलेज अस्पताल का पर्याप्त स्टाफ और आवश्यक उपकरणों को लेकर जांच की टीम ने मेडिकल कॉलेज को अंतिम वर्ष की मान्यता देने के लिए निरीक्षण के लिए पहुंची थी इस निरीक्षण में टीम ने पाया है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कुछ उपकरणों की कमी है इन उपकरणों की उपलब्धता को लेकर उन्होंने डीन आरएन सिंह से चर्चा भी की है.
बताया जा रहा है कि एमसीआई की टीम के निरीक्षण के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अंतिम वर्ष की मान्यता मिलेगी इसके लिए जहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने पूरी तैयारी करते हुए एमसीआई की टीम को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए वहीं पूरे अस्पताल का निरीक्षण करवा कर अंतिम वर्ष की मान्यता की मांग रखेगी.
डॉक्टरों की है कमी
एमसीआई की टीम ने पाया है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं वहीं एमसीआई की टीम ने संविदा डॉक्टरों के नियमित वेतन को लेकर भी जांच की है.


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