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Rajnandgaon News: ठेकेदार महादेव यादव की मौत पर सियासत, बीजेपी ने घेरा निगम दफ्तर, परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग - ठेकेदार महादेव यादव

Rajnandgaon News राजनांदगांव में ठेकेदार महादेव यादव की मौत के बाद जमकर सियासत की जा रही है.एक तरफ बीजेपी ने पीड़ित परिवार को मुआवजा समेत नौकरी देने की मांग की है.वहीं दूसरी तरफ मंत्रालय ने बीजेपी के आरोपों का खंडन किया है. पंयायत विकास मंत्रालय का कहना है कि महादेव यादव की मौत का पीएम आवास योजना से कोई लेना देना नहीं है. पीएम आवास योजना को लेकर जो भी आरोप उनके परिवार वाले लगा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं.

Rajnandgaon News
ठेकेदार महादेव यादव की मौत पर सियासत
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Published : Aug 8, 2023, 7:34 PM IST

ठेकेदार महादेव यादव की मौत पर सियासत

राजनांदगांव : बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ठेकेदार महादेव यादव की मौत को लेकर राजनांदगांव नगर निगम का घेराव किया.इस दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई.बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सैंकड़ों की संख्या में बैरिकेड्स तोड़कर निगम के अंदर घुसे और प्रदर्शन किया. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बीजेपी कार्यकर्ता शासन प्रशासन से पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे.

कौन है महादेव यादव ? : आपको बता दें कि बीते 19 जुलाई को सिविल कॉन्ट्रेक्टर महादेव यादव ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की.जहर पीने का कारण कर्ज में डूबा होना बताया गया.इस दौरान 21 जुलाई को महादेव की हालत बिगड़ी और उसे रायपुर अस्पताल में रेफर किया गया.जहां के एम्स में महादेव का इलाज चल रहा था.लेकिन डॉक्टर्स की कोशिश के बाद भी 5 अगस्त को महादेव की मौत हो गई.

बीजेपी ने मौत पर उठाए सवाल, पंचायत विभाग ने दिया जवाब : महादेव की मौत के बाद ये बात सामने आई कि पीएम आवास की किस्त को लेकर उसने आत्मघाती कदम उठाया है.लेकिन छत्तीसगढ़ ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने स्पष्ट किया कि महादेव यादव पीएम आवास का हितग्राही नहीं था.ना ही उसने पीएम आवास के लिए आवेदन किया था.ठेकेदार ने अपने निजी कारणों से आत्मघाती कदम उठाया.किस्त ना मिलने की बात महज अफवाह है.बीजेपी ने इस पूरे मामले में जांच की बात कराने की मांग की है.

''इनके चेक तब तक नहीं कटते जब तक की कमीशन नहीं मिलता.इतनी घोर लापरवाही हुई है निगम प्रशासन ने कागज में भी छेड़छाड़ किया है.इन्होंने ये भी कहा है हमने रेगुलर किस्त दी है.ये रेगुलर किस्त कब गई है.ये सभी जानते हैं.जिस दिन घटना घटी उस दिन प्रशासन के लोग आकर फाइलों में छेड़छाड़ किए हैं.किस्तों में चेक काटने की कार्रवाई उसी दिन हुई है.ये घोर लापरवाही है नगर निगम की इसकी जांच होनी चाहिए.'' रमेश पटेल,जिलाध्यक्ष बीजेपी

वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग की है.जिसमें पचास लाख का मुआवजा समेत सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है.

'' प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम तेजी से कार्य कर रहा है. बीते दिनों 8 करोड़ रुपए मिला था. जिसे 1 माह के भीतर आवंटित कर दिया गया. यहां जैसे ही राशि प्राप्त होती है हितग्राहियों को आवंटित कर दिया जाता है.महादेव यादव की मौत के मामले में जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.''-अभिषेक गुप्ता, आयुक्त नगर निगम

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ठेकेदार महादेव यादव की मौत के बाद छत्तीसगढ़ में जमकर सियासत शुरु हो गई है.जहां एक तरफ बीजेपी ने मौत के लिए जिला प्रशासन और सरकार को जिम्मेदार माना है.वहीं दूसरी तरफ सरकार ने ये साफ किया है कि मौत का कारण कुछ और है.जो भी आरोप लगाए गए हैं उनमें थोड़ी भी सत्यता नहीं है.

ठेकेदार महादेव यादव की मौत पर सियासत

राजनांदगांव : बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ठेकेदार महादेव यादव की मौत को लेकर राजनांदगांव नगर निगम का घेराव किया.इस दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई.बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सैंकड़ों की संख्या में बैरिकेड्स तोड़कर निगम के अंदर घुसे और प्रदर्शन किया. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बीजेपी कार्यकर्ता शासन प्रशासन से पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे.

कौन है महादेव यादव ? : आपको बता दें कि बीते 19 जुलाई को सिविल कॉन्ट्रेक्टर महादेव यादव ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की.जहर पीने का कारण कर्ज में डूबा होना बताया गया.इस दौरान 21 जुलाई को महादेव की हालत बिगड़ी और उसे रायपुर अस्पताल में रेफर किया गया.जहां के एम्स में महादेव का इलाज चल रहा था.लेकिन डॉक्टर्स की कोशिश के बाद भी 5 अगस्त को महादेव की मौत हो गई.

बीजेपी ने मौत पर उठाए सवाल, पंचायत विभाग ने दिया जवाब : महादेव की मौत के बाद ये बात सामने आई कि पीएम आवास की किस्त को लेकर उसने आत्मघाती कदम उठाया है.लेकिन छत्तीसगढ़ ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने स्पष्ट किया कि महादेव यादव पीएम आवास का हितग्राही नहीं था.ना ही उसने पीएम आवास के लिए आवेदन किया था.ठेकेदार ने अपने निजी कारणों से आत्मघाती कदम उठाया.किस्त ना मिलने की बात महज अफवाह है.बीजेपी ने इस पूरे मामले में जांच की बात कराने की मांग की है.

''इनके चेक तब तक नहीं कटते जब तक की कमीशन नहीं मिलता.इतनी घोर लापरवाही हुई है निगम प्रशासन ने कागज में भी छेड़छाड़ किया है.इन्होंने ये भी कहा है हमने रेगुलर किस्त दी है.ये रेगुलर किस्त कब गई है.ये सभी जानते हैं.जिस दिन घटना घटी उस दिन प्रशासन के लोग आकर फाइलों में छेड़छाड़ किए हैं.किस्तों में चेक काटने की कार्रवाई उसी दिन हुई है.ये घोर लापरवाही है नगर निगम की इसकी जांच होनी चाहिए.'' रमेश पटेल,जिलाध्यक्ष बीजेपी

वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग की है.जिसमें पचास लाख का मुआवजा समेत सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है.

'' प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम तेजी से कार्य कर रहा है. बीते दिनों 8 करोड़ रुपए मिला था. जिसे 1 माह के भीतर आवंटित कर दिया गया. यहां जैसे ही राशि प्राप्त होती है हितग्राहियों को आवंटित कर दिया जाता है.महादेव यादव की मौत के मामले में जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.''-अभिषेक गुप्ता, आयुक्त नगर निगम

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ठेकेदार महादेव यादव की मौत के बाद छत्तीसगढ़ में जमकर सियासत शुरु हो गई है.जहां एक तरफ बीजेपी ने मौत के लिए जिला प्रशासन और सरकार को जिम्मेदार माना है.वहीं दूसरी तरफ सरकार ने ये साफ किया है कि मौत का कारण कुछ और है.जो भी आरोप लगाए गए हैं उनमें थोड़ी भी सत्यता नहीं है.

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