राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी यानी राजनांदगांव अपनी गणेश झाकियों के लिए पूरे प्रदेश में मशहूर है. इसलिए यहां की हॉकी और झांकी को लेकर कई तरह के कहावतें भी बनीं हैं. इस बार भी राजनांदगांव में गणेश प्रतिमाओं की झांकी बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं.गणेश समितियां इस बार 40 झाकियां निकालेंगी.बताया जा रहा है कि एक झांकी को बनाने में 5 से 6 लाख रुपए तक का खर्च आता है.
झांकियों में क्या रहेगा खास ? : इस बार गणेश उत्सव समितियों ने कई तरह की झांकियां बनाई जा रही है. कथावाचक प्रदीप मिश्रा की झांकी भी नजर आएगी. जो अपना प्रसिद्ध वाक्य एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल कहते नजर आएंगे. इसके साथ ही अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर, कांवड़ यात्रा, कॉविड-19 से लेकर शिवलोक को प्रदर्शित करती झांकियां भी दिखेंगी.
झांकियों के मद्देनजर सुरक्षा होगी सख्त : झांकियों के लिए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की है. राजनांदगांव शहर में निकलने वाली झांकियों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए 500 से अधिक पुलिस जवान और अफसर तैनात रहेंगे. आपको बता दें कि राजनांदगांव में निकलने वाली झांकी को देखने के लिए सिर्फ प्रदेश ही नहीं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य से भी जनता जुटती है.इसलिए पुलिस के लिए झांकी के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की बड़ी चुनौती रहती है.
कब निकाली जाएंगी झांकियां ? : राजनांदगांव शहर में 28 सितंबर की रात झांकी निकाली जाएगी. इसके लिए गणेश समितियां अपनी-अपनी झांकियों को अंतिम रूप दे रही है. झांकी बनाने का सामान रायपुर और नागपुर से मंगवाया जाता है. आपको बता दें कि झांकी निकालने की ये परंपरा पिछले 60 साल से यूं ही जारी है.कोविड काल को छोड़कर हर साल लगातार झाकियों को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग संस्कारधानी में जुटते हैं.विसर्जन झांकियां शहर के हृदय स्थल से होते हुए विसर्जन कुंड तक जाती हैं.शाम से झांकी निकालने का सिलसिला अगली सुबह तक जारी रहता है.